जब रेल फटिंग और घर्षण (घिसाव) अत्यधिक मात्रा में हो रही हो तो रेल दोष की जाँच करनी चाहिए। रेल के दोषो का पता या तो खुली आँखों से देखकर लगाया जा सकता है या फिर रेल फ्लो जाँच मशीन से।
(1) रेल सिरों की आँखों द्वारा जाँच :-
ज्यादातर रेल दोष रेलों के सिरों पर बनती है रेल सिरों पर क्रेक जाँच लुब्रिकेशन करते समय तार ब्रश से रेल सिरे को साफ कर उत्तल लेंस की मदद से की जाती है रेल के फुट जाँच के लिए छोटे दर्पण की मदद ली जनि चाहिए। इस तरह की जाँच गर्डर पुलिया और उसके एप्रोचो पर साल में दो बार करनी चाहिए।
(2) रेलों में अल्ट्रासोनिक जाँच :-
रेल पटरियों का पराश्रव्य परीक्षण एक विशेषज्ञता युक्त कार्य है तथा रेल पटरियों पर इन परीक्षणों को करने वाले निरीक्षक को आरडीएसओ द्वारा यूएसएफडी के परीक्षण की तकनीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे पर्याप्त संख्या के निरीक्षक के गैर केंडर पदों का सृजन करेंगे जिससे उनके अधिकार क्षेत्र में स्थित पूरी रेलपथ लम्बाई का निर्धारित अवधि पर पराश्रव्य परीक्षण सम्पन्न होना सुनिश्चित हो सके भारतीय रेलों पर पराश्रव्य तकनीकी द्वारा दोष संसूचन दो विभिन्न प्रकार के उपकरणों यथा एकल रेल परीक्षण यंत्र तथा दोहरी रेल परीक्षण यंत्र द्वारा किया जाता है
जल को युग्मक के रूप में प्रयोग किया जाता है जिसकी आपूर्ति ट्रॉली के साथ संबध्द जल पात्र से क जाती है 45' प्रोब टेस्ट रोग के समय युग्मक के रूप में आरडीएसओ द्वारा प्रमाणित संख्या डब्ल्यूडी - 17 - एमआईएससी - 92 या डब्ल्यू - 24 - एमआईएससी - 2004 वाला सॉफ्ट ग्रीज का इस्तेमाल किया जाता है
रेल पटरियों के दोष हेतु प्रोब के कार्य व सुग्राह्यता की जाँच -
(क) सामान्य प्रोब - उपकरण मानक रेल पटरी खंड के वैब जंक्शन पर 5 मिमी व्यास के छिद्र का पता लगाने में सक्षम हो दोष प्रतिध्वनि का आयाम 3 अंश तक अर्थात पूरे पर्दे की ऊंचाई के 60 % तक यूएसएफडी की गेन नियंत्रक द्वारा समंजित किया जाये (जंक्शन बॉक्स को विभवमापी नोब की स्थिति 50% घुसाव पर सैट की जाए )
(ख ) कोणीय प्रोब 70' (फारवर्ड और बैकवर्ड) - उपकरण मानक रेल पटरी अंश के शीर्ष भाग में आवश्यकता पर आधारित मापदंड हेतु 12 मिमी व्यास के छिद्र का फारवर्ड तथा बैकवर्ड दोनों प्रोब द्वारा पता लगाने में सक्षम होगा दोष का आयाम 3 अंश अर्थात परदे के ऊंचाई का 60% प्रतिशत समंजित किया जायेगा इस समंजन को जंक्शन बॉक्स में लगे हुए पृथक विभव मापी किया जायेगा
(ग ) गेज फेश कॉर्नर 70' प्रोब (फारवर्ड तथा बैकवर्ड ) - उपकरण ५ मिमी व्यास वाले एफ बी होल को पता लगाने में सक्षम होगा आवश्यकता पर आधारित संकल्पना में मानक रेल के हेड में उपयुक्त मशीन (इलेक्ट्रान ड्रिलिंग मशीन ) द्वारा एफ बी एच होल किया जाता है
यूएसएफडी की आवश्यकता आधारित अवधारणा हेतु रेल/ वेल्ड दोषो का वर्गीकरण
रेल दोषो का वर्गीकरण
(1) आई एम आर डिफेक्ट
(2) ओ बी एस डिफेक्ट
रेल टेस्टिंग की आवृत्ति -
प्रारम्भिक स्वीकृति परीक्षण - रेल निर्माण के उपरांत (प्लांट में )
प्रथम आवधिक परीक्षण - टेस्ट फ्री अवधि के बाद
टेस्ट फ्री अवधि - अप्रैल 1990 के पहले निर्मित रेल - जीएमटी का 15 %
- अप्रैल 1990 के बाद निर्मित रेल - जीएमटी का 25%
उत्तरगामी परीक्षण - सेक्शन की जीएमटी के अनुसार (शु. पत्र स. 2 के अनुसार )
एस के वी वेल्ड टेस्टिंग आवृत्ति - एटी वेल्डिंग नियमावली के अनुसार एस के वी वेल्ड परीक्षण का प्रकार
प्रारम्भिक स्वीकृति परीक्षण - वेल्ड के सम्पादन के तुरंत पश्चात
प्रथम आवधिक परीक्षण - वेल्ड के एक वर्ष का सेवा काल पूर्ण होने पर
उत्तरगामी परीक्षण - सेक्शन की जीएमटी के अनुसार
एकल (सिंगल) रेल टेस्टर :- यह एक बार में केवल रेल पटरी के परीक्षण के समर्थ है तथा इसमें पांच प्रोब यथा 0' , 70' बैकवर्ड सेंट्रल प्रोब तथा 70' फारवर्ड 70' बैकवर्ड गेज फेस कॉर्नर प्रोब होते है सामान्य प्रोब (0') का प्रयोग शीर्ष वेब तथा पाद में स्थित क्षैतिज दोषो का पता लगाने में किया जाता है इस प्रकार के दोषो के प्रमुख प्रकार अनुप्रस्थ दरार अथवा गुरदेनुमा विभंजन है यदि ऊपर दर्शाये गये प्रोबो द्वारा कोई दोषो का संकेत प्राप्त होता है तो वह कैथोड किरण न लिखा की स्कीन पर इंगित होता है यह पता लगाने के लिये किस प्रोब ने दोष को संसूचित किया है उपकरण में प्रयोग प्रोब के प्रचालन को पृथक - 2 बंद करने का प्रभधान किया गया है
डबल रेल टेस्टर : - डबल रेल टेस्टर एक ही समय में दोनों रेलों की जाँच करता है प्रत्येक रेल के लिये केवल तीन प्रोब निर्धारित किये जाते है इसमें बहु चैनल सुविधा प्रदान की गई है प्रत्येक प्रोब से प्राप्त संकेत की एक प्रोब को बंद करने की विधि का सहारा लिये बिना तत्क्षण पहचान की जा सकती है इसमें सीआरटी स्क्रीन के अतिरिक्त एलईडी डिस्प्ले तथा आडियो अलार्म भी उपलब्ध रहते है सामान्य प्रोब क्षैतिज दोषो की जाँच हेतु तथा 70' प्रोड का उपयोग रेल हेड में अनुप्रस्थ दोषो की जाँच हेतु किया जाता है बोल्ट होल दोष की जाँच हेतु यह उपकरण बैक वाल ड्राप के सिध्दांत पर कार्य करता है यदि बोल्ड होल दोष की कोई घटना होती है तो बैक वाल पर प्रतिध्वनि का आयाम कम प्रतीत होता है जिसमे अलग आडियो अलार्म होता है तथा एलईडी डिस्प्ले होता है डबल रेल टेस्टर की शुरुआत विशेषत: परीक्षण की उत्पादकता बढ़ाने और साथ ही साथ गुणवता एवं शुध्दता में सुधार हेतु की गयी है चुकी इसमें पहले से ही अंशांकित सुविधा दी जाती है अतः बार - बार अंशांकित करने की आवश्यकता नहीं है फिश प्लेट जोड़ो पर प्रोबो के बहुधा गलत संरेखण होने तथा प्रतिकूल स्थिति विन्यास व आकार की बोल्ड छिद्र दरारों के संसूचन की परिसीमाओं के कारण एलडब्ल्यूआर / सीडब्ल्यूआर सेक्शनों के अलावा अन्य खंडो पर परीक्षण हेतु केवल एकल रेल परीक्षण प्रकार के यत्र का उपयोग करना वांछनीय है
रेल पथ फेल्योर का रजिस्टर -
सभी प्रकार के रेल फेल्योर को रेल पथ निरीक्षण के रजिस्टर में अंकित किया जायेगा तो प्रत्येक उद्देश्य के लिये रेल फेल्योर चाहे वह रंनिग लाईन में हो प्वाइंट एवं क्रासिंग पर हो तो प्रत्येक के मामले रेल फेल्योर का प्रकार रेल की आयु उपरोक्त रजिस्टर में इंगित करना चाहिये उपरोक्त रजिस्टर को एक मुख्य रिकार्ड मानना चाहिए तथा रेल पथ निरीक्षण के कार्यालय में रखना चाहिये ताकि सांख्यिकी विश्लेषण या नवीनीकरण कार्य करने हेतु इस रजिस्टर का उपयोग किया जा सके संबंधित सहायक मंडल अभियंता को साल भर में एक बार उपरोक्त रजिस्टर मंगाना चाहिये
रेल फेल्योर की रिपोर्ट
सेक्शन रजिस्टर में रेल फेल्योर का रिकार्ड के अतिरिक्त निम्न को छोड़कर सभी दशाओ में रेल पथ फ्लोर की रिपोर्ट परिशिष्ट 2/10 के अनुसार बनायी जाएगी।
(क) रेल फेल्योर की घटना यदि नॉन रनिग लाइन पर हो।
(ख) वे रेल जो मानक आयाम को पूरी न करती हो ।
(ग) यदि रेल को कैजुअल रिनुअल द्वारा बदली किया गया है जो की असामान्य दुर्घटना जैसे व्हील बने, स्कैनिंग बकलिंग डिरे लमेंट असामान्य रूप से लोको का फिसल जाना अत्यधिक घिसाव संक्षारण के द्वारा भार में कमी बैटरिंग या होलो का बढ़ जाना।
(घ) मशीन ज्वाइंट, स्विच प्रसार जोड़ प्वाइंट एवं क्रासिंग इत्यादि
इस उद्देश्य के लिये रेल पथ निरीक्षक परिशिष्ट 2/10 के अनुसार 4 कॉपी में रिपोर्ट तैयार करेगा और उनमे से तीन कॉपी सहा. मं. इंजी को भेज देगा तथा सहा. मं. इंजी इस कॉपी पर टिप्पणी करते हुए मंडल अभियंता की भेज देगा। एक कॉपी मुख्य इंजी तथा एक कार्यकारी निदेशक / आर डी एस ओ अभिलेख को भेजी जाएगी अगर फेल्योर धातुकर्म की खराबी से संबंधित है तो रिपोर्ट को पांच कापियों में बनाना चाहिये तथा अतिरिक्त कॉपी को जोन के केमिस्ट तथा मेटलर जिस्ट के पास नमूनों के साथ भेजना चाहिए मंडल इंजी के द्वारा यह प्रयास करना चाहिए की कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी) आर डी एस ओ के पास रिपोर्ट रेल फेल होने के 15 दिन के अंदर पहुंच जाये कार्यकारी निदेशक वार्षिक रेल फेल होने की घटनाओ का विश्लेषण रेलपथ निरीक्षण की प्राप्त रिपोर्ट से करेगा तथा फेल्योर को कम करने के लिए सुझावों के साथ रिपोर्ट को छपेगा फ्रेक्चर से संबंधित रेखाचित्र तैयार किया जायेगा तथा प्रत्येक स्थिति में फेल्योर रिपोर्ट के साथ जमा किया जायेगा, यह सावधानी रखी जाएगी की रेल का रनिंग फेस प्रदर्शित किया गया हो फेल्योर रिपोर्ट में विशेष रूप से आर एस ओ मोनोग्राफ में आइटम नं. ५.३ रेलों का फेल्योर - विवरण वर्गीकरण तथा रिपोर्टिंग के अनुसार रिकार्ड आवश्यक है
अधिकांशत: फेल्योर का कारण बिना धात्विक छानबीन के आँखों से देखकर / अल्ट्रासोनिक परीक्षण के द्वारा जानना संभव होता है फिर भी नीचे दी गयी सूची वाले फेल्योर का सही कारण प्राप्त करने के लिए संबंधित रेलवे से केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट को पूरा धात्विक परीक्षण करना जरूरी है इस स्थिति में रेलफैल्योर की रिपोर्ट निर्धारित पत्र पर बनाना चाहिए तथा आइटम नं. 5.3 के अनुसार सर्वसमभावित कोड लिखना चाहिए तथा यह प्रदर्शित करना चाहिए की नमूने को धात्विक छानबीन के लिए केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास भेजा गया है या नहीं यदि रेल फेल्योर को देखकर पहचाना गया हो तो रेलपटरी के लगभग 1मी (500 + 500 मिमी ) लम्बे टुकड़े को रेलपथ निरीक्षण के द्वारा सीधे ही केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास भेजा जायेगा जिसके साथ रेल फेल्योर की रिपोर्ट होगी तथा केवल उन्ही स्थितियों में लागू हो जिनका नीचे उल्लेख किया गया है दूसरी स्थितियों में अर्थात जो अल्ट्रासोनिक फ़्लॉडिटेक्टर द्वारा पहचानी गई है उन रेलों को मेटलर्जिस्ट टेस्ट के लिए भेजा जायेगा जो की रेलों के नवीनीकरण के क्राइटेरिया के आधार पर ट्रैक से निकली गई है तथा नीचे दी गई सूची के अंतर्गत आती है केवल उन्ही रेलों को फेल हुई है तथा इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी एक ही रोलिंग मार्क वाले रेलों के बार बार फेल होने पर लगभग १ मी छोटे रेल पीस जिसमे फ्रेक्चर/ फ्ला हो केमिस्ट तथा मैटलर्जिस्ट को रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट के साथ चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो धातुकर्मीय परीक्षण हेतु भेजा जाना चाहिये एक ही रॉलिंग मार्ग वाले रेलों के बार बार फेल होने पर लगभग १ मी छोटे रेल पीस जिसमे फ्रेक्चर /फ्ला हो केमिस्ट तथा मेटरजिस्ट को रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट साथ चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो धातुकर्मी परीक्षण हेतु भेजा जाना चाहिये एक ही रोलिंग मार्क की रेलों के बार - बार फेल होने पर सीटीई द्वारा केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट द्वारा प्राप्त रिपोर्ट साथ (केमिकल तथा मेटलर्जिस्ट कारणों से फेल होने पर ) कार्यकारी निदेशक (एम् और सी ) / आरडीएसओ के पास भेजेगा रेल / वेल्ड फेल्योर गाड़ी दुर्घटना का प्राथमिक कारण होने पर भी १ मी का रेल पीस भेजेगा केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास टेस्ट पीस भेजने से पहले निम्न बातो को सुनिश्चित किया जाना चाहिये -
(1) रेल फेल्योर टेस्ट फ्री अवधि, जो की रॉलिंग के बाद अधिकतम १० वर्ष, के अंदर हुआ है भले ही वह किसी भी प्रकार का फ्ला / फ्रेक्चर हो
(2)रेलों को देखकर या अल्ट्रासोनिक डिटेक्शन के परिणाम कारण रेलपथ से हटा दिया गया है और फेल्योर केवल नीचे दी गई सूची के अंतर्गत आते है
(3) उन रेलों को, जहां रेल/ वेल्ड फेल्योर ट्रैन दुर्घटना का प्राथमिक कारण है, आरडीएस ओ भेजा जाना चाहिए
(4) एक ही रॉलिंग मार्क की रेलों के बार - बार फेल होने पर चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो
(1) आई एम आर डिफेक्ट
(2) ओ बी एस डिफेक्ट
रेल टेस्टिंग की आवृत्ति -
प्रारम्भिक स्वीकृति परीक्षण - रेल निर्माण के उपरांत (प्लांट में )
प्रथम आवधिक परीक्षण - टेस्ट फ्री अवधि के बाद
टेस्ट फ्री अवधि - अप्रैल 1990 के पहले निर्मित रेल - जीएमटी का 15 %
- अप्रैल 1990 के बाद निर्मित रेल - जीएमटी का 25%
उत्तरगामी परीक्षण - सेक्शन की जीएमटी के अनुसार (शु. पत्र स. 2 के अनुसार )
एस के वी वेल्ड टेस्टिंग आवृत्ति - एटी वेल्डिंग नियमावली के अनुसार एस के वी वेल्ड परीक्षण का प्रकार
प्रारम्भिक स्वीकृति परीक्षण - वेल्ड के सम्पादन के तुरंत पश्चात
प्रथम आवधिक परीक्षण - वेल्ड के एक वर्ष का सेवा काल पूर्ण होने पर
उत्तरगामी परीक्षण - सेक्शन की जीएमटी के अनुसार
एकल (सिंगल) रेल टेस्टर :- यह एक बार में केवल रेल पटरी के परीक्षण के समर्थ है तथा इसमें पांच प्रोब यथा 0' , 70' बैकवर्ड सेंट्रल प्रोब तथा 70' फारवर्ड 70' बैकवर्ड गेज फेस कॉर्नर प्रोब होते है सामान्य प्रोब (0') का प्रयोग शीर्ष वेब तथा पाद में स्थित क्षैतिज दोषो का पता लगाने में किया जाता है इस प्रकार के दोषो के प्रमुख प्रकार अनुप्रस्थ दरार अथवा गुरदेनुमा विभंजन है यदि ऊपर दर्शाये गये प्रोबो द्वारा कोई दोषो का संकेत प्राप्त होता है तो वह कैथोड किरण न लिखा की स्कीन पर इंगित होता है यह पता लगाने के लिये किस प्रोब ने दोष को संसूचित किया है उपकरण में प्रयोग प्रोब के प्रचालन को पृथक - 2 बंद करने का प्रभधान किया गया है
डबल रेल टेस्टर : - डबल रेल टेस्टर एक ही समय में दोनों रेलों की जाँच करता है प्रत्येक रेल के लिये केवल तीन प्रोब निर्धारित किये जाते है इसमें बहु चैनल सुविधा प्रदान की गई है प्रत्येक प्रोब से प्राप्त संकेत की एक प्रोब को बंद करने की विधि का सहारा लिये बिना तत्क्षण पहचान की जा सकती है इसमें सीआरटी स्क्रीन के अतिरिक्त एलईडी डिस्प्ले तथा आडियो अलार्म भी उपलब्ध रहते है सामान्य प्रोब क्षैतिज दोषो की जाँच हेतु तथा 70' प्रोड का उपयोग रेल हेड में अनुप्रस्थ दोषो की जाँच हेतु किया जाता है बोल्ट होल दोष की जाँच हेतु यह उपकरण बैक वाल ड्राप के सिध्दांत पर कार्य करता है यदि बोल्ड होल दोष की कोई घटना होती है तो बैक वाल पर प्रतिध्वनि का आयाम कम प्रतीत होता है जिसमे अलग आडियो अलार्म होता है तथा एलईडी डिस्प्ले होता है डबल रेल टेस्टर की शुरुआत विशेषत: परीक्षण की उत्पादकता बढ़ाने और साथ ही साथ गुणवता एवं शुध्दता में सुधार हेतु की गयी है चुकी इसमें पहले से ही अंशांकित सुविधा दी जाती है अतः बार - बार अंशांकित करने की आवश्यकता नहीं है फिश प्लेट जोड़ो पर प्रोबो के बहुधा गलत संरेखण होने तथा प्रतिकूल स्थिति विन्यास व आकार की बोल्ड छिद्र दरारों के संसूचन की परिसीमाओं के कारण एलडब्ल्यूआर / सीडब्ल्यूआर सेक्शनों के अलावा अन्य खंडो पर परीक्षण हेतु केवल एकल रेल परीक्षण प्रकार के यत्र का उपयोग करना वांछनीय है
रेल पथ फेल्योर का रजिस्टर -
सभी प्रकार के रेल फेल्योर को रेल पथ निरीक्षण के रजिस्टर में अंकित किया जायेगा तो प्रत्येक उद्देश्य के लिये रेल फेल्योर चाहे वह रंनिग लाईन में हो प्वाइंट एवं क्रासिंग पर हो तो प्रत्येक के मामले रेल फेल्योर का प्रकार रेल की आयु उपरोक्त रजिस्टर में इंगित करना चाहिये उपरोक्त रजिस्टर को एक मुख्य रिकार्ड मानना चाहिए तथा रेल पथ निरीक्षण के कार्यालय में रखना चाहिये ताकि सांख्यिकी विश्लेषण या नवीनीकरण कार्य करने हेतु इस रजिस्टर का उपयोग किया जा सके संबंधित सहायक मंडल अभियंता को साल भर में एक बार उपरोक्त रजिस्टर मंगाना चाहिये
रेल फेल्योर की रिपोर्ट
सेक्शन रजिस्टर में रेल फेल्योर का रिकार्ड के अतिरिक्त निम्न को छोड़कर सभी दशाओ में रेल पथ फ्लोर की रिपोर्ट परिशिष्ट 2/10 के अनुसार बनायी जाएगी।
(क) रेल फेल्योर की घटना यदि नॉन रनिग लाइन पर हो।
(ख) वे रेल जो मानक आयाम को पूरी न करती हो ।
(ग) यदि रेल को कैजुअल रिनुअल द्वारा बदली किया गया है जो की असामान्य दुर्घटना जैसे व्हील बने, स्कैनिंग बकलिंग डिरे लमेंट असामान्य रूप से लोको का फिसल जाना अत्यधिक घिसाव संक्षारण के द्वारा भार में कमी बैटरिंग या होलो का बढ़ जाना।
(घ) मशीन ज्वाइंट, स्विच प्रसार जोड़ प्वाइंट एवं क्रासिंग इत्यादि
इस उद्देश्य के लिये रेल पथ निरीक्षक परिशिष्ट 2/10 के अनुसार 4 कॉपी में रिपोर्ट तैयार करेगा और उनमे से तीन कॉपी सहा. मं. इंजी को भेज देगा तथा सहा. मं. इंजी इस कॉपी पर टिप्पणी करते हुए मंडल अभियंता की भेज देगा। एक कॉपी मुख्य इंजी तथा एक कार्यकारी निदेशक / आर डी एस ओ अभिलेख को भेजी जाएगी अगर फेल्योर धातुकर्म की खराबी से संबंधित है तो रिपोर्ट को पांच कापियों में बनाना चाहिये तथा अतिरिक्त कॉपी को जोन के केमिस्ट तथा मेटलर जिस्ट के पास नमूनों के साथ भेजना चाहिए मंडल इंजी के द्वारा यह प्रयास करना चाहिए की कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी) आर डी एस ओ के पास रिपोर्ट रेल फेल होने के 15 दिन के अंदर पहुंच जाये कार्यकारी निदेशक वार्षिक रेल फेल होने की घटनाओ का विश्लेषण रेलपथ निरीक्षण की प्राप्त रिपोर्ट से करेगा तथा फेल्योर को कम करने के लिए सुझावों के साथ रिपोर्ट को छपेगा फ्रेक्चर से संबंधित रेखाचित्र तैयार किया जायेगा तथा प्रत्येक स्थिति में फेल्योर रिपोर्ट के साथ जमा किया जायेगा, यह सावधानी रखी जाएगी की रेल का रनिंग फेस प्रदर्शित किया गया हो फेल्योर रिपोर्ट में विशेष रूप से आर एस ओ मोनोग्राफ में आइटम नं. ५.३ रेलों का फेल्योर - विवरण वर्गीकरण तथा रिपोर्टिंग के अनुसार रिकार्ड आवश्यक है
अधिकांशत: फेल्योर का कारण बिना धात्विक छानबीन के आँखों से देखकर / अल्ट्रासोनिक परीक्षण के द्वारा जानना संभव होता है फिर भी नीचे दी गयी सूची वाले फेल्योर का सही कारण प्राप्त करने के लिए संबंधित रेलवे से केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट को पूरा धात्विक परीक्षण करना जरूरी है इस स्थिति में रेलफैल्योर की रिपोर्ट निर्धारित पत्र पर बनाना चाहिए तथा आइटम नं. 5.3 के अनुसार सर्वसमभावित कोड लिखना चाहिए तथा यह प्रदर्शित करना चाहिए की नमूने को धात्विक छानबीन के लिए केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास भेजा गया है या नहीं यदि रेल फेल्योर को देखकर पहचाना गया हो तो रेलपटरी के लगभग 1मी (500 + 500 मिमी ) लम्बे टुकड़े को रेलपथ निरीक्षण के द्वारा सीधे ही केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास भेजा जायेगा जिसके साथ रेल फेल्योर की रिपोर्ट होगी तथा केवल उन्ही स्थितियों में लागू हो जिनका नीचे उल्लेख किया गया है दूसरी स्थितियों में अर्थात जो अल्ट्रासोनिक फ़्लॉडिटेक्टर द्वारा पहचानी गई है उन रेलों को मेटलर्जिस्ट टेस्ट के लिए भेजा जायेगा जो की रेलों के नवीनीकरण के क्राइटेरिया के आधार पर ट्रैक से निकली गई है तथा नीचे दी गई सूची के अंतर्गत आती है केवल उन्ही रेलों को फेल हुई है तथा इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी एक ही रोलिंग मार्क वाले रेलों के बार बार फेल होने पर लगभग १ मी छोटे रेल पीस जिसमे फ्रेक्चर/ फ्ला हो केमिस्ट तथा मैटलर्जिस्ट को रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट के साथ चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो धातुकर्मीय परीक्षण हेतु भेजा जाना चाहिये एक ही रॉलिंग मार्ग वाले रेलों के बार बार फेल होने पर लगभग १ मी छोटे रेल पीस जिसमे फ्रेक्चर /फ्ला हो केमिस्ट तथा मेटरजिस्ट को रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट साथ चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो धातुकर्मी परीक्षण हेतु भेजा जाना चाहिये एक ही रोलिंग मार्क की रेलों के बार - बार फेल होने पर सीटीई द्वारा केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट द्वारा प्राप्त रिपोर्ट साथ (केमिकल तथा मेटलर्जिस्ट कारणों से फेल होने पर ) कार्यकारी निदेशक (एम् और सी ) / आरडीएसओ के पास भेजेगा रेल / वेल्ड फेल्योर गाड़ी दुर्घटना का प्राथमिक कारण होने पर भी १ मी का रेल पीस भेजेगा केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास टेस्ट पीस भेजने से पहले निम्न बातो को सुनिश्चित किया जाना चाहिये -
(1) रेल फेल्योर टेस्ट फ्री अवधि, जो की रॉलिंग के बाद अधिकतम १० वर्ष, के अंदर हुआ है भले ही वह किसी भी प्रकार का फ्ला / फ्रेक्चर हो
(2)रेलों को देखकर या अल्ट्रासोनिक डिटेक्शन के परिणाम कारण रेलपथ से हटा दिया गया है और फेल्योर केवल नीचे दी गई सूची के अंतर्गत आते है
(3) उन रेलों को, जहां रेल/ वेल्ड फेल्योर ट्रैन दुर्घटना का प्राथमिक कारण है, आरडीएस ओ भेजा जाना चाहिए
(4) एक ही रॉलिंग मार्क की रेलों के बार - बार फेल होने पर चाहे फेल्योर किसी भी प्रकार का हो
गारंटी समय के अंदर आयातित रेलों का फेल होना -
गारंटी समय के अंदर यदि आयातित रेल फेल होता है तो १ मीटर (५०० मिमी + ५०० मिमी ) का टुकड़ा जिसमे फ्रेक्चर / दोष आँख से दिखाई दे या अल्ट्रासोनिक डिटेक्टर के द्वारा दिखाई दे, को केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट के साथ मेटलर्जिस्ट के पास रेल फ्रेक्चर रिपोर्ट के साथ मेटलर्जिस्ट जाँच लिए भेजना चाहिए
मेटलर्जिस्ट जाँच के लिए नमूनों को भेजने की विधि : फ्रेक्चर्ड रेल के केस में दोनों टुकड़े (५०० मिमी लम्बे अर्थात कुल १मी )जिसमे फ्रेक्चर्ड फ्रेक्चर्ड सतहे हो को जाँच लिए केमिस्ट मेटलर्जिस्ट के पास भेजा जायेगा तथा रेलवे के केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट जाँच करेंगे तथा रिपोर्ट की एक प्रति मुख्य इंजीनियर को तथा आरडीएसओ के कार्यकारी निदेशक को भेजेंगे अगर आयातित रेले गारंटी समय के अंदर हो तथा जाँच से मेटलर्जिकल खराबी का पता चले तो मुख्य इंजीनियर तुरंत रेलवे के केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट द्वारा भेजी रिपोर्ट के कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी ) केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट द्वारा जमा की गयी रिपोर्ट जंचेगा तथा अपनी सहमति को मुख्य इंजीनियर को सूचित करेगा अगर कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी) आरडीएसओ को ऐसा लगता है की अधिक जाँच की आवश्यकता है तो वह नमूने को रेलवे के कैमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट के पास से बुला सकता है तथा मुख्य इंजीनियर को सूचित करेगा कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी ) आरडीएसओ की सलाह के आधार पर मुख्य इंजीनियर निर्माता पर शिकायत को अंतिम रूप देगा आयातित रेलों के अलावा अन्य प्रकार की रेलों के फेल्योर के केस में कार्यकारी निदेशक (एम् एन्ड सी ) आरडीएसओ नमूनों को जहां आवश्यक हो, केमिस्ट तथा मेटलर्जिस्ट से पुष्टिकरण परीक्षण के लिए मंगा सकता है समीक्षा की अवधि में रेलों के फेल होने के प्रवत्ति के सांख्यकीय विश्लेषण आधार पर कार्यकारी निदेशक एजेंसी के संज्ञान में अपेक्षित निवारक कार्यवाही के लिये लाएगा
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