पेट्रोलिंग (गश्त)
गश्त की किस्मे
गश्त की निम्नलिखित किस्मे प्रचलित है -
1) चाबीवाले की दैनिक गश्त
2) असाधारण वर्ष या तूफ़ान के समय गैंग की गश्त
3) मानसून के दौरान शीतकालीन गश्त
4) नागरिक अशांति के दौरान और वीआईपी विशेष रेलगाड़ियो के संचालन के लिए गश्त
5) एलडब्ल्यूआर में गर्मी तथा सर्दी की पेट्रोलिंग
1) चाबीवाले की दैनिक गश्त :-
इलाके का चबीवाला प्रतिदिन अपने इलाके में पड़ने वाले रेलपथ के प्रत्येक भाग का पैदल निरिक्षण करेगा उन सेक्शनो पर जहाँ पर यातायात कम हो और ट्राफिक असतत हो चीफ इंजीनियर के विशेष अनुदेश के द्वारा चाबीवाले की गश्त दो दिन में एक बार किया जा सकता है
2. असाधारण वर्षा या तूफ़ान के समय गैंग की गश्त -
असाधारण वर्षा या तूफ़ान के समय दिन या रात में मेट को चाहिए की अपने आप जहाँ पर खतरे की सम्भावना हो दूसरी किसी गश्त के बावजूद गश्त चालू करना है इस गश्त को भारी वर्षा होने पर संकट के ज्ञात स्थानों तक सीमित रखना चाहिए जैसे कटान या पुलिया या फार्मेशन के काटने की सम्भवना हो या ऐसे तटबंध जिनके तालाबो के भरने या टूटने में बह जाने की सम्भावना हो तथा पुलों के पहुंच स्थानों पर तूफ़ान के समय रेलपथ के उस भाग की गश्त करना चाहिए जहाँ पेड़ो आदि के गिरने एव मार्ग बाधित होने की सम्भावना हो भारत सरकार के मौसम विभाग के द्वारा असाधारण वर्षा एवं तूफ़ान की सम्भावना हने पर चेतावनी डी जाती है कंट्रोल विभाग में ऐसी सूचना मिलने पर रेलपथ निरिक्षण पट्रोलमेन , गैंगमेन एवं चौकीदार को सतर्क एवं आवश्यकतानुसार पेट्रोलिंग ले लिए तैयार रहने की सूचना देगा
3) वर्षाकाल में रात की गश्त (मानसून पेट्रोलिंग ) :-
वर्षाकाल में रेल लाइन के कुछ निर्दिष्ट सेक्शनो को बढ़ से हुई हानि जैसे दरार पड़ने , धंस जाना, बैंक की मिट्टी सरक जाना तथा कट जाना इत्यादि का पता लगाने के लिए गश्त और यदि आवश्यकता हो तो गाडियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कार्यवाही की जायेगी
4) नागरिक अशांति के समय और विशेष अवसरों पर सुरक्षा गश्त : -
1) नागरिक अशांति की आशंका होने पर मंडल प्राधिकारियों को स्थानीय नागरिक प्राधिकारियों के साथ सम्पर्क स्थापित करना चाहिए और परिस्थिति के अनुसार सुरक्षा गश्त की व्यवस्था करनी चाहिए इसकी व्यवस्था नागरिक प्राधिकारियों के साथ परामर्श करके यदि आवश्यक हो तो संशोधन करके वर्षाकालीन गश्त की तरफ चलाना चाहिए
2) विशेष अवसरों पर सुरक्षा गश्त प्रशासन के द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार चलाना चाहिए
3) सुरक्षा गश्त पर नियुक्त किये गये गश्तवा ले का प्राथमिक कर्तव्य यह होगा की वह रेलगाड़ियो को किसी खतरे की स्थिति में सुरक्षा करे जैसे रेलपथ के साथ छेड़छाड़ या लाइन पर कोई बाधा कड़ी की गयी हो
5) एलडब्ल्यूआर / सीडब्ल्यू की ग्रीष्मकालीन / सर्दी की गश्त :-
ग्रीष्मकालीन गश्त, रेल तापमान क्रंकीट स्लीपर व स्लीपर घनत्व 1540 / किमी हो तो td + 25' एवं अन्य स्लीपरो पर td + 20' सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो गर्मी की गश्त प्रारम्भ की जाती है एवं जब रेल तापमान td + 20' सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो गर्मी की गश्त शुरू की जाती है एवं जब रेल तापमान td - 30' से. km हो जाए तब सर्दी की गश्त शुरू हो जाती है जो की एलडब्ल्यू मैनुअल में दिये गये निर्देशों के अनुसार की जाती है
6) वलनरेबल (कमजोर ) स्थानों पर चौकीदार :-
गश्तवाले के अतिरिक्त खतरे या संकट के ज्ञात अथवा सम्भावित स्थानों पर स्थायी चौकीदार नियुक्त किये जाते है
आपातकालीन स्थिति में लाइन की सुरक्षा :-
गश्त के लिए नियुक्त कोई भी गश्तवाला / स्थायी चोकीदार / गेंगमेन / चाबीवाला सुरक्षा प्रभावी स्थिति में वह लाइन की तुरंत सुरक्षा करेगा एवं निकटम स्टेशन मास्टर को क्षति की सूचना देगा
मानसून पेट्रोलिंग -
आरम्भ और समाप्ति :- मानसून के दौरान जिन खंडो पर गश्त करनी है मंडल इंजीनियर ऐसे खंडो का पता लगाकर अधिसूचित करेगे मंडल इंजीनियर गश्त कराने वाले खंडो की वर्ष की अवधि निर्धारित करेगा जिस दौरान मानसून गश्त कराना हो इन अधिसूचित खंडो पर निर्दिष्ट तारीखों पर गश्त शुरू की जानी चाहिए यदि स्थानीय परिस्थिति के कारण आवश्यक हो तो संबं धित खंड का रेलपथ निरिक्षण सर्वसंबंधित को विधिवत सूचित करते हुए निर्धारित तारीखों के अलावा भी गश्त कर सकता हो, या उसे जारी रख सकता है
गश्त चार्ट तैयार करना : - मंडल इंजीनियर उन खंडो का गश्त चार्ट उस अवधि के दौरान लागू समय सारणी में रेलगाड़ी के समय को ध्यान में रखते हुए तैयार करेगा जहाँ मानसून गश्त अपेक्षित है
गश्त चार्ट तैयार करने के लिए निम्नलिखित सिध्दांत होगे -
1) साधारणत: गश्त एक ही पेट्रोलमैन द्वारा किया जायेगा परन्तु ऐसे क्षेत्रो में जहाँ पर जंगली जानवर, डाकू और अन्य जोखिम जैसे की घाट खंडो में होता है मुख्य इंजीनियर के अनुमोदन से युगल रूप में चलाया जा सकता है
2) सूर्यास्त एवं सूर्योदय के बीच चलने वाली सभी यात्री गाडियों को अधिकतम सुरक्षा मिलनी चाहिये
3) यथा संभव प्रत्येक ब्लाक खंड एक यूनिट माना जायेगा और लम्बाई समान इलाको में बांटी जायेगी प्रत्येक गश्त इलाके की लम्बाई 5 किमी से अधिक नही चाहिए जहाँ ब्लाक खंड 10 किमी से अधिक का हो वहाँ किसी मध्यवर्ती फ्लैग स्टेशन या किसी अन्य उपयुक्त स्थान को मध्यवर्ती फ्लैग स्टेशन के रूप में निर्धारित कर दिया जाए ताकि इलाके की लम्बाई 5 किमी के लगभग रहे
4) गश्तवाले की चाल 3 किमी / घंटा के रूप में मानी जाए
5) गश्त द्वारा की जाने वाली गश्त की अधिकतम दूरी एक दिन में सामान्यत : 20 किमी से अधिक नही होना चाहिए
6) क्रमिक बीटो के मध्य km से km आधा घंटे की अवधि का विश्राम वांछनीय है
7) यदि रेलगाड़ियो की संख्या अधिक है और गश्तवाले का एक set खंड की सभी रेलगाड़ियो को पूर्णतया कवर नही कर सकता हो तो इस अंतराल को करने के लिए गश्त वाले का दूसरा set लगाया जाये
8) सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच सभी सवारी रेलगाड़ियो की बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए, सभी सवारी रेलगाड़ियो के अनुसूचित रास्तो को प्लांट करना लाभप्रद होता है और फिर गश्त संचालन को इस प्रकार प्लांट करे ताकि इलाके की गश्त और रेलगाड़ियो के गुजरने के बीच समयानुसार न्यूनतम किया जा सके
9) गश्त चार्टो में वे सभी वलनरेबल (कमजोर ) स्थान दिखाने जाने चाहिये जहाँ स्थायी चौकीदार नियुक्त किया गये हो
गश्त चार्टो का वितरण :- मानसून शुरू होने से पहले गश्त चार्टो की अपेक्षित प्रतियाँ मंडल इंजीनियर द्वारा सहायक मंडल इंजीनियरों, रेलपथ निरीक्षको, मंडल परिचालन अधीक्षक स्टेशन मास्टरों और रनिंग शेड के फोरमेनो को दी जानी चाहिए फोरमेन यात्री गाडियों के चालको को अवगत करायेगे कि यदि गाडी समय पर चल रही ही तो वे कब गश्तवाले के पास गुजरने की आशा कर सकते है
पेट्रोल बुक तथा समयबध्द पेट्रोलिंग :- एक पेट्रोल बुक जिसमे पर्याप्त संख्या में पेज हो उसे
एक दिन केस में रखकर पेट्रोलमेन को देना चाहिये जिसमे पहले पेज पर पेट्रोलमेन का नाम पेट्रोलिंग के किलोमीटर सेक्शन तथा उसका नंबर लिखा जायेगा बाकि के पेजों पर तारीख आने का समय जाने का समय तथा स्टेशन मास्टर का हस्ताक्षर किया जायेगा पेट्रोलमेन एक निश्चित समय पर जो की पेट्रोल चार्ट में दर्शाया गया है के अनुसार ड्यूटी पर रहेगा एक पेट्रोलमेन जिसकी बीत स्टेशन से शुरू होती है खत्म होती अपनी पेट्रोल की किताब को स्टेशन मास्टर के सामने प्रस्तुत करेगा स्टेशन मास्टर या ब्लाक इंचार्ज भी अपनी डायरी /ट्रेन रजिस्टर में उसके आने जाने का समय रिकार्ड करेगा तदुपरान्त अपनी बीट में पेट्रोलिंग करेगा तथा अंत में वह अपनी पेट्रोल बुक दुसरे पेट्रोलमेन से बदली करेगा तथा दूसरा पेट्रोलमेन वापिस बीट में जायेगा
बीचवाला पेट्रोलमेन उसी प्रकार का उपक्रम करेगा इस प्रकार प्रत्येक पेट्रोल बुक एक स्टेशन से दुसरे स्टेशन तक जायेगी तथा वापिस आएगी अपने मूल स्टेशन पर वापिस आने से पहले पेट्रोल बुक एक या दो बीच के स्टेशन से गुजरती है यदि एक पेट्रोल मेन अपनी बीट पर आने पर देखता है कि उसको दूसरा पेट्रोलमेन नही मिला तब उसको आगे जाना चाहिये , जब तक कि उसको दूसरा पेट्रोलमेन नही मिलता पेट्रोलमेन इसकी रिपोर्ट अपने मुकद्दम को दुसरे दिन देगा स्टेशन मास्टर यह चैक करेगा कि जब भी पेट्रोल मेन अपनी ड्यूटी पर आये तो समान्य अवस्था में हो तथा उसके पास पूर्ण उपकरण हो तथा बतियाँ पूरी तरह से तेल से भरी हो यदि पेट्रोलमेन के आने का समय हो गया है और अगर वह नही आता तो स्टेशन मास्टर / ब्लाकहट इंचार्ज अपने आजू - बाजू के स्टेशन मास्टर / ब्लाकहट इंचार्ज को सूचित करके काशन आर्डर दिलायेगा और वह काशन आर्डर जब तक जारी रखेगे जब तक कि पेट्रोलमेन स्टेशन पर आकर रिपोर्ट नही करता
पेट्रोलमेन के सामान : - प्रत्येक पेट्रोलमेन अपने पास नीचे लिखे सामान रखेगा जो कि विशेष अनुदेश के अंतर्गत आते है -
1) एक साथीदार
2) नंबर प्लेट 15 वर्ग सेमी काट (जिस पर उसका नंबर लिखा होगा जो कि पीडब्ल्यूआई के सेक्शन के अनुसार रहेगा )
3) 12 फटाखे टिन केस में
4) 2 हाथ बत्तियो (तिन रंगोवाली )
5) स्थानीय ड्रेस के अनुसार बचाव कपड़े
6) एक माचिस डिब्बी
7) 2 लाल झंडी, एक हरी झंडी (दिन की पेट्रोलिंग के लिये)
8) टिन केस मर पेट्रोलबुक
9) एक 3 सेलवाली इलेक्ट्रानिक टार्च
10) एक सीटी
11) एक हाथ झोला
12) तीन फ्यूजी डबल / मल्टीपल लाइन, घाट सेक्शन तथा ऑटोमेटिक ब्लाक सेक्शन तथा एक फ्यूजी सिंगल लाइन सेक्शन में
जहाँ पेट्रोलिंग जोड़े में की जाती है या स्थावर पेट्रोल जहाँ 2 आदमी हो वहां पर उनके उपकरण डबल नही होंगे लेकिन जो अलग से पेट्रोलमेन रखा है वह एक हाथबत्ती अधिक रखेगा अपने लिये सीटी तथा बचाव के कपड़े रखेगा
पेट्रोल मेन का चयन :- बुद्धिमान, अनुभवी तथा विश्वासपार्ट आदमी को रे . प. नि. स्थाई गैंग से पेट्रोलमें तथा वाचमेन का चुनाव करेगा जो कि पुलिया ततः टेलीफोन के खंबे पढने योग्य होंगे और पेट्रोलमेन की जगह पर गेंग में अस्थाई पर्यायी को रखा जायेगा जो पेट्रोलमेन का चुनाव होगा उसमे संख्या दुगुनी रखी जायेगी जिसमे बीमारी के समय तथा विश्राम देने के काम आ सके पेट्रोलमेन जो कि प्रत्येक गेंग से चुने गये है उन्हें डीएमओ के पास विजन टेस्ट के लिए भेजा जायेगा और उनको पेट्रोलमेन की नियुक्ति जब तक नही होगी तब कि वह मेडिकल परीक्षा पास नही करते
रे. प. नि. द्वारा दिया जाने वाला प्रमाणपत्र :-
रे. प. नि. अपने सहायक अभियंता के द्वारा एक प्रमाणपत्र मानसून शुरू होने के एक महीने पहले जारी करेगे जिसमे यह बताया जायेगा कि उन्होंने मानसून पेट्रोलिंग के लिये सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण कर ली हो तथा सुभेद्य स्थानों पुलिया के लिये सभी पेट्रोलमेन तथा वाचमेन को उनकी ड्यूटी तथा खतरे का बंदोबस्त करने योग्य बना दिया है रे. प. नि. पेट्रोलमेन की सूची तथा वाचमेन की कार्यस्थल की सूची सहायक अभियंता को भेजेगा
पेट्रोलमेन की ड्यूटी इस प्रकार रहेगी -
1) अपे दिये हुये पेट्रोलमेन सेक्शन में चार्ट के अनुसार इधर से उधर घूमना तथा घुमते समय कटी, लाईन बैठ गई है या स्लिप हो गई है या पेड गिर गया है, लाइन के आर - पार या ऐसी कोई अन्य खराबी जिससे लाइन पर खतरा हो सकता हो इसके साथ - साथ पुल तथा उनकी ठोकर पर विशेष ध्यान रखा जायेगा
2) लाइन में सम्भावित क्षति -
क) पुलिया पर पानी खतरे के निशान के ऊपर जाता हो
ख) बचाव कार्य और पुलिया की ठोकर पर जब पानी खतरे के निशान ऊपर नही गया तो भी क्षति हो सकती है
ग) भराव में एक तरफ के पानी की लेवल दुसरे तरफ की लेवल से ज्यादा हो गई हो
घ) जब कोई अवरोध हो जाये, पुलिया के पानी बहने के रास्ते में झाड का गिर जाना
च) ट्रैक आदि नीचे बैठ जाने के चिन्ह दर्शाता है
3) यदि ज्यादा बारिश, बाढ़ या अन्य किसी कारण से ट्रैक असुरक्षित होता है तो गाडी को रोकने के लिये कार्य करना चाहिये
4) यदि कोई खतरा नही दिखता है तो वह सेस पर ट्रैक की तरफ मुंह करके बत्ती की रोशनी अपने मुंह की तरफ करके नंबर प्लेट ड्राइवर को दिखाये वह गाडी का इंजिन तथा ब्रेक निकलते समय सीटी बजायेगा
5) वह स्टेशन मास्टर या ब्लाक गुमटी के इंचार्ज से अपने पेट्रोलबुक पर हस्ताक्षर करायेगा व उससे आने का व जाने का समय नोट करके दुसरे पेट्रोलमेन के हस्ताक्षर के साथ पेट्रोल बुक का आदान - प्रदान करेगा
6) अपने - अपने सेक्शन के स्थिति के बारे में जानकारी दुसरे पेट्रोलमेन या स्थायी चोकीदार को देगा
7) यदि किसी ड्राइवर से किसी खतरे की सूचना मिलती है तो वहाँ पहुँचकर तुरंत जरूरी कदम उठायेगा यह अतिमहत्वपूर्ण है कि पेट्रोलमेन और वाचमेन, उन्हें आपात स्थिति में क्या कारवाई करना है, इसे समझ ले सभी कर्मचारियों को जरूरी सूचना तथा कार्य के बारे में जरूरी निर्देश दिये जाये आपात परिस्थिति में पेट्रोलमेन पोरी तरह से त्यागभावना के साथ निरंतर ट्रैक के प्रोटेक्शन व बचाव हेतु कार्य करेगा ट्रैक का प्रोटेक्शन करने के बाद वह फिर से अपनी गश्त चालू करेगा
खतरा देखने पर कार्यवाही : - ट्रैक में कोई कटाव या खतरा देखने पर निम्न करवाई की जाये -
अ) यदि दो पेट्रोलमेन नियुक्त हो तो :-
1) ट्रैक का प्रोतेक्शन : -
अ) दूसरी बत्ती जलाकर दोनों दिशाओ में लाल बत्ती से प्रोटेक्शन करे
ब) उसके बाद दोनों पेट्रोलमेन एक दुसरे कि विपरीत दिशाओ में, 600 मी. तक और एम. जी. और एन. जी. में 400 मी. तक दौडकर वहाँ एक पटाखा रखेगे, उसके बाद वैसे ही 1200 मी. दूरी तक दौडकर वहाँ 10 मी. दूरी पर 3 पटाखे रखेगे, यदि डबल लाइन है तो पटाखे, जिस लाइन पर गाड़ी आने वाली है उस पर रखेगे एम. जी. सेक्शन में जहाँ गाडीयां 75 किमी/ घ. से ज्यादा कि गति से चलती हो वहाँ पटाखे रखने की दूरी प्रशाशन द्वारा निर्दिष्ट की जायेगी
स) यदि खतरा इस तरह से हो कि बाढ़ के कारण ट्रैक भ गया हो और पेट्रोलमेन इस तरफ से उस तरफ नही जा सके, वहाँ पेट्रोलमेन को आने वाली गाड़ी को रोकने का प्रयास करना चाहिये और दूसरा पेट्रोलमेन उसकी तरफ के स्टेशन मास्टर को बताने हेतु स्टेशन की तरफ बढेगा
2) नुकसान के बारे में मुकद्दम तथा स्टेशन मास्टर को बताना :-
1) ट्रैक का प्रोटेक्शन करने के बाद, जो पेट्रोलमेन स्टेशन की तरफ नजदीक होगा वह क में बताये अनुसार हाथ में लाल सिग्नल लेकर स्टेशन की तरफ दौड़ेगा और स्टेशन मास्टर को खतरे की खबर देगा, लौटेते समय यदि उसे गेंग क्वार्टर बीच में मिलता है तो दोनों में से एक पेट्रोलमेन गेंग क्वार्टर पर जाकर मुकद्दमा को सूचना देगा
ब) यदि एक पेट्रोलमेन नियुक्त किया हो तो -
1) ट्रैक का प्रोटेक्शन :-
अ) यदि खतरा इकहरी लाइन पर हो तो : -
1) दिन में लाल झंडी या रात में लाल बत्ती जिस दिशा से गाड़ी आने की संभावना हो उसमे लगायेगा, उसके बाद उसके विपरीत दिशा में गाड़ी आने की दिशा में दिन में लाल झंडी और रात में लाल बत्ती लेकर ट्रैक में दौडकर बी. जी. में 600 मी और एम. जी. एन. जी. में 400 मी तक जायेगा वहां एक पटखा लगाकर फिर बी. जी. में 1200 मी. और एम. जी. एन. जी. में 800 पर 10. मी. की दूरी पर 3 पटाखे रखेगा यदि एम. जी. सेक्शन पर 75 किमी. घ. से ज्यादा की गति से गाड़ी चलती हो तो प्रशासन द्वारा पटाखे लगाने कि दूरी बतायी जायेगी
2) खतरे के वापस आकर उसी तरह दूसरी बाजू का प्रोटेक्शन करेगा
3) यदि खतरा, जैसे कि कटाव या बाढ़ हो, जिससे दूसरी बाजू में आने में असमर्थ हो तो वह ऊंचाई पर जहाँ से विपरीत दिशा से आनेवाली गाड़ी को लालबत्ती दिखायेगा और ट्रैक का प्रोटेक्शन करेगा
ब) यदि खतरा दोहरी लाइन पर हो तो :-
1)पहले एक ट्रैक पर लालबत्ती / लाल झंडी लगायी जाये तथा जिस ट्रैक पर पहले गाडी आने संभावना हो तो उस ट्रैक पर दौडकर ऊपर बताये अनुसार पटाखे लगाना है
2) वापस लौटकर उसी तरह दुसरे ट्रैक का जिस पर लालबत्ती / लाल झंडी लगाया था उस का पटाखों से प्रोटेक्शन किया जाये
2) खतरे की सूचना स्टेशन मास्टर को देना :-
पेट्रोलमेन दोनों ट्रैक का प्रोटेक्शन करके खतरे के पास आयेगा, वहाँ रुकेगा, वहाँ से सबसे पहले मिलने वाले रेलवे कर्मचारी द्वारा स्टेशन मास्टर को सूचना देगा
गश्त के मामले में इंजीनियरिंग अधिकारियो के उत्तरदायित्व :-
1) गश्त की किताब का निरक्षण :-
रेलपथ निरिक्षण को ट्राली के दौरान हर बार गश्त की किताब का निरिक्षण अवश्य करना चाहिए तथा उसे पर अपना स्वाक्षरी भरना चाहिए तथा सभी अनियमितताओ को नोट करना चाहिए सहायक अभियंता को अपने निरीक्षण के दौरान गश्त की किताब का निरीक्षण करना चाहिए
2) पेट्रोलमेन तथा वाचमेन को उपकरण वितरित करना :- रेलपथ निरीक्षण यह देखने के लिए जिम्मेदारी होगा कि पेट्रोलमेन के पास विशेष उपकरण है तथा समय - समय पर उपयोगी सामग्री जैसे मिट्टी का तेल, माचिस आदि वितरण हो रहा है मेट इस बात का जिम्मेदार होगा कि पेट्रोलमेन तथा स्थावर वाचमेन के पास सही विशेष उपकरण है
3)उनकी ड्यूटी बताने के लिए नियम के अंतर्गत लाइन का बचाव तथा उसकी बीट में पड़ने वाले सभी जोखिम स्थल की पहचान की जिम्मेदारी रेलपथ निरीक्षक की भी होगी जबानी अनुदेशों के अलावा रेलपथ निरीक्षक प्रायोगिक प्रदर्शन भी करेगा तथा पेट्रोलमेन के कर्तव्य तथा जिम्मेदारी बतायेगा
4) उपकरण का निरिक्षण : - रेलपथ निरिक्षण को महीने में एक बार पेट्रोलमेन तथा वाचमेन के उपकरण चैक करना चाहिए तथा पेट्रोल बुक से परिणाम नोट करके खराबियो को पूरा करने के लिए कदम उठाना चाहिए
5) रात्रि में पेट्रोलिंग का परीक्षण :-
1) रेलपथ निरीक्षण द्वारा : - रेलपथ निरीक्षण ग्रेड III / II तथा रेल पथ निरीक्षण (प्रभारी ) के रेलगाड़ी / ट्राली द्वारा रात्री में पेट्रोलिंग का निरीक्षण करने की अवधि निम्नलिखित है
2) सहायक अभियंता पूरे सब डिविजन में महीने में एक बार रात्रि में रेलगाड़ी / पुशट्राली / मोटर ट्राली द्वारा पूर्ण करेगा तथा पेट्रोलिंग चेक करेगा
लाइन के क्षति की खबर मिलने पर सहायक अभियंता रेलपथ निरीक्षक प्रभारी तथा रेलपथ निरीक्षक ग्रेड III / II जो भी संबंधित हो यथा संभव सबसे जल्दी वाले साधन से साईट के लिए रवाना होंगे तथा रीस्टोरेशन के लिए आवश्यक कार्यवाही करेगे
सुभेद्य स्थल :-
परिभाषा :- सुभेद्य स्थल वे है जहाँ रेलगाड़ियो के आवागमन के लिए असुरक्षित परिस्थितियों की आशंका हो और ऐसी परिस्थितियों के उत्पन्न हो जाने की स्थिति में समय रहते रेलगाड़ियो को रोकने की आवश्यकता हो जैसे :-
1) ऐसे पुल जिसमे अपर्याप्त जल निकास मार्ग, नीव में कटाव होने की संभावना, पहुंच मार्गो की ओर तिर्यक बहाव, समांतर बहाव, बार - बार खतरे के स्तर के ऊपर बाढ़ का बढ़ना हो
2) खराब तटबंध जिनके खिसकने और धंसने की संभावना हो
3) ऐसे जलाशयों द्वारा पोषित नदी धाराओं के आरपार स्थित पुल जिनसे रेल तटबंध प्रभावित होते हो
4) भूस्खलन और बोल्डरो के गिरने से बार - बार प्रभावित होने वाले कटाव और पहाड़ी ढलाने
5) रेल पथ में ऊपर से पानी बहना
6) और ऐसी कोई अन्य परिस्थिति जिसमे रेलपथ भी संरक्षा प्रभावित होने की शंका हो
सुभेद्य स्थलों की सूची :-
प्रत्येक सहायक इंजी. / मंडल इंजीनियर द्वारा सुभेद्य स्थलों की एक सूची रजिस्टर फार्म में रखी जाय और पुनरीक्षा करके उसे अद्यतन रखा जाये
सुभेद्य शटल पर पहरा देना :-
अ) मानसून अवधि के दौरान प्रत्येक नामित स्थल पर हर समय स्थायी चैकिदार तैनात किया जाना चाहिए
ब) उसे सुभेद्य स्थल पर निगरानी रखनी चाहिए खतरा महसूस होने पर नियम अनुसार लाइन की सुरक्षा के लिए कार्यवाही करनी चाहिए
स) चौकीदार के लिए गश्त वाले जैसे ही उपकरण होने चाहिए सिवाय इसके कि चौकीदार को निम्न वस्तुए नही दी जायेगी -
1) नंबर प्लेट
2) झोला
3) टिन के बक्से में गश्त पुस्तक
4) चौकीदार को एक नोट बुक दी जानी चाहिए
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