ट्रैक संरचना
ट्रैक फाउनडेशन - रेलपथ की नीव गिट्टी, मिट्टी और सब ग्रेड तत्वों से मिलकर बनी है जो रेल पथ से पड़ने वाले भर को सीधे सबसायल को भेज देती है
सबग्रेड - यह भराव का एक हिस्सा होते है और भराव या कटाव वाले स्थानों पर निचले तल से गिट्टी भरा जाता है
सबबैलास्ट - इसकी परत मोती दानेदार एक समान होती है जो ब्लैकेट / सबग्रेड एवं गिट्टी के बीच भरी जाती है एवं इसकी चौड़ाई गिट्टी के सेक्शन के बराबर होती है
ब्लैकेट - इसकी परत दानेदार एवं एक समान स्पेशिफाइड होती है मोटाई की परत होती है और सबग्रेड था गिट्टी के बीच में भरा जाता है इसकी चौड़ाई फार्मेशन के बराबर होती है
फार्मेशन टॉप - यह ब्लैकेट / सब ग्रेड के टॉप तथा गिट्टी के निचले तल की सीमा होती है
सबसायल - प्राकृतिक जमीन के लेवल के नीचे की गिट्टी को कहते है
फार्मेशन - यह ब्लैकेट , सबग्रेड और सबसायल से मिलकर बना समतल सपाट तल होता है
बहुत ख़राब फार्मेशन - जहाँ या तो गति प्रतिबंध लगा हो या सामान्य कार्य के अपेक्षा वह प्रतिवर्ष 12 बार से अधिक बार कार्य करना पड़े तब उसे बहुत ख़राब फार्मेशन कहा जायेगा
ख़राब फार्मेशन - जिन स्थानों पर साधारण रखरखाव रखने के लिये वर्ष में 6 से 12 बार कार्य करना पड़े तब उसे ख़राब फार्मेशन कहते है
रेलवे के फार्मेशन - यह स्थिर सपाट तल रेलपथ को स्थिरता प्रदान करनेवाला और उस पर जानेवाले ट्रैफिक लोड, मौसम एवं रखरखाव आदि के अनुसार होना चाहिये फार्मेशन संरचना के अनुसार स्थिरता में कमी एक सीमा के भीतर होनी चाहिए
ब्लेकेट - गिट्टी और सबग्रेड के बीच की परत को ब्लेकेट कहते है
कार्य
(1) यह सबग्रेड पर पडनेवाले भार के तनाव को कम करती है
(2) यह गिट्टी ओर सबग्रेड को अलग - अलग रखती है
(3) सबग्रेड फ़ाईन्स को ऊपर जाने से रोकते है
(4) बैलास्ट द्वारा सबग्रेड का घर्षण रोकती है
(5) बारिश के पानी से बचाव करती है
(6) नीचे से पानी को निष्कासित करती है
ब्लैकेट पदार्थो के गुण _ सबग्रेड अथवा गिट्टी पर तनाव कम करता है इसके मोडुलस गुणांक के अधिक होने के कारण चक्कों के भार को स्थिर और इलास्टिक दोनों तरह से सह सकता है बार - बार गाडियों के चलने के कारण पड़ने वाले भार अथवा दबाब को ये पदार्थ सहने में सक्षम है और उष्णता के कारण भी अपने गुणों को नही बदलते ये पदार्थ रेती और पत्थरों के छोटे -छोटे टुकडो को मिलाकर बनाये जाते है जिससे इनमे अपघर्षण और टूटने के गुणों में कमी हो जाती है कणों का अलग - अलग होने से रोकने ले लिये गिट्टी और उपवर्गकृत गिट्टी के कणों की इन्टरमिक्सिंग की जाती है इनके उपरोक्त गुणों को सही वर्गीकरण के द्वारा प्राप्त किया जाता है
- % फाइन कण (75 माइक्रोन से पास होने वाले ) 5% प्लास्टिक कण एवं 12% अप्लास्टिक गुणों के कण
- कोई स्किप वर्गीकरण नही, तेज किनारों वाले, अछ्छे से वर्गीकृत और अधिक या कम एन वलपिंग वक्र के अंदर हो
पदार्थ - अच्छे से वर्गीकृत और एवं निम्नलिखित के अनुसार
समानता गुणक सीयू = डी 60 / डी 10 4 (7 से अधिक हो तो अच्छा )
वक्रता गुणक सी सी = (डी 30 )2 / डी 60 x डी 10 1 एवं 3 के बीच
आवश्यक गिट्टी एवं ब्लैकेट की गहराई : -
कम से कम इतनी मोती परत होनी चाहिये कि मशीन से पैकिंग एवं खाली स्थानों का भराव किया जा सके सबबैलास्ट की परत कम से कम इतनी मोटी होनी चाहिये कि परत छन्नी की तरह कार्य कर सके इसके साथ ही साथ गिट्टी ओर ब्लेकेट की मोटाई इतनी होनी चाहिये कि सबब्लैकेट के कर्तन एवं अत्यधिक धसने के गुणों को अपने प्लास्टिक गुणों के कारण रोक सके आरडीएसओ निर्देश के अनुसार ब्लैंकेट की मोटाई 0 से मीटर प्रयोग होने वाली मिट्टी के अनुसार सबग्रेड के टॉप 1 मीटर में डाली जानी चाहिये
ब्लेंकेट परत की गहराई
22. 5 एक्सन भार एवं सबग्रेड के लिये (उपर का 1 मीटर )
ऐसे स्थान जहाँ मिट्टी के ऊपर ब्लेंकेट की जरूरत नही है -
1. शेल व ऐसी चट्टान जहाँ मौसम के प्रभाव से ख़राब होता हो ओर यदि कीचड़ हमेशा रहता हो तो छोडकर पथरीली तल
2. जीडब्ल्यू - अच्छे वर्गीकृत पथरीली तल
3. ब्लेंकेट मटेरियल वाली सायल
45 सेमी मोटे ब्लेंकेट के लिये -
1. जीपी जिसका सीयू > 2 एस पी जिसका सीयू > 2
2. जीएम जीएम - जीसी
60 सेमी मोटे ब्लेकेट -
1. जीसी 2. एसएम 3. एससी 4. एसएम - एससी
5. एक मीटर तक बढ़ाना चाहिये यदि गिट्टी का प्लास्टिक इंडेक्स 7 हो
100 सेमी ब्लेकेट के लिये -
1. एमएल 2. एमएल - सीएल 3. सीएल 4. एमआय 5. सीआय
- ऐसे पत्थर जो मौसम के प्रति संवेदनाशीलता रखते हो ऐसी मिट्टी जिनमे फाईन कण 5 से 12% एवं द्विसंकेती जैसे जीपी - जीस, एसडब्ल्यू - एसएम आदि आवश्यक हो तब आरडीएसओ की सलाह से जीयोसिंथेटिक ब्लेकेट परत प्रयोग कर सकते है ब्लेंकेट सभी नई बनने वाली रेलपथ लाइनों में प्रयोग होना चाहिये (चाहे यात्री यातायात km हो ) - ससंजक सबग्रेड पदार्थ जो थ्रेशहोल्ड के टॉप में एक से अधिक प्रकार की गिट्टी हो तब ब्लेकेट पदार्थो की मोटाई अधिक मोटाई की आवश्यकता वाली मृदा द्वारा तय की जायेगी अन्य किसी तरह की मिट्टी के लिये कोई निर्देश नही है ऐसे समय में आरडीएसओ की सलाह पर ही ब्लेंकेट की मोटाई की सीमा तय की जायेगी
अधिक एक्सल भार के लिए -
यदि 22. 5 टन से अधिक या 25 टन हो -
30 सेमी मोटाई, 22.5 टन के केस से अधिक बढ़ा देनी चाहिये
एक्सल भार 25 टन से 30 टन तक हो -
45 सेमी मोटाई 22.5 टन के केस से अधिक बढ़ा सेनी चाहिये
ट्रैक फाउनडेशन - रेलपथ की नीव गिट्टी, मिट्टी और सब ग्रेड तत्वों से मिलकर बनी है जो रेल पथ से पड़ने वाले भर को सीधे सबसायल को भेज देती है
सबग्रेड - यह भराव का एक हिस्सा होते है और भराव या कटाव वाले स्थानों पर निचले तल से गिट्टी भरा जाता है
सबबैलास्ट - इसकी परत मोती दानेदार एक समान होती है जो ब्लैकेट / सबग्रेड एवं गिट्टी के बीच भरी जाती है एवं इसकी चौड़ाई गिट्टी के सेक्शन के बराबर होती है
ब्लैकेट - इसकी परत दानेदार एवं एक समान स्पेशिफाइड होती है मोटाई की परत होती है और सबग्रेड था गिट्टी के बीच में भरा जाता है इसकी चौड़ाई फार्मेशन के बराबर होती है
फार्मेशन टॉप - यह ब्लैकेट / सब ग्रेड के टॉप तथा गिट्टी के निचले तल की सीमा होती है
सबसायल - प्राकृतिक जमीन के लेवल के नीचे की गिट्टी को कहते है
फार्मेशन - यह ब्लैकेट , सबग्रेड और सबसायल से मिलकर बना समतल सपाट तल होता है
बहुत ख़राब फार्मेशन - जहाँ या तो गति प्रतिबंध लगा हो या सामान्य कार्य के अपेक्षा वह प्रतिवर्ष 12 बार से अधिक बार कार्य करना पड़े तब उसे बहुत ख़राब फार्मेशन कहा जायेगा
ख़राब फार्मेशन - जिन स्थानों पर साधारण रखरखाव रखने के लिये वर्ष में 6 से 12 बार कार्य करना पड़े तब उसे ख़राब फार्मेशन कहते है
रेलवे के फार्मेशन - यह स्थिर सपाट तल रेलपथ को स्थिरता प्रदान करनेवाला और उस पर जानेवाले ट्रैफिक लोड, मौसम एवं रखरखाव आदि के अनुसार होना चाहिये फार्मेशन संरचना के अनुसार स्थिरता में कमी एक सीमा के भीतर होनी चाहिए
ब्लेकेट - गिट्टी और सबग्रेड के बीच की परत को ब्लेकेट कहते है
कार्य
(1) यह सबग्रेड पर पडनेवाले भार के तनाव को कम करती है
(2) यह गिट्टी ओर सबग्रेड को अलग - अलग रखती है
(3) सबग्रेड फ़ाईन्स को ऊपर जाने से रोकते है
(4) बैलास्ट द्वारा सबग्रेड का घर्षण रोकती है
(5) बारिश के पानी से बचाव करती है
(6) नीचे से पानी को निष्कासित करती है
ब्लैकेट पदार्थो के गुण _ सबग्रेड अथवा गिट्टी पर तनाव कम करता है इसके मोडुलस गुणांक के अधिक होने के कारण चक्कों के भार को स्थिर और इलास्टिक दोनों तरह से सह सकता है बार - बार गाडियों के चलने के कारण पड़ने वाले भार अथवा दबाब को ये पदार्थ सहने में सक्षम है और उष्णता के कारण भी अपने गुणों को नही बदलते ये पदार्थ रेती और पत्थरों के छोटे -छोटे टुकडो को मिलाकर बनाये जाते है जिससे इनमे अपघर्षण और टूटने के गुणों में कमी हो जाती है कणों का अलग - अलग होने से रोकने ले लिये गिट्टी और उपवर्गकृत गिट्टी के कणों की इन्टरमिक्सिंग की जाती है इनके उपरोक्त गुणों को सही वर्गीकरण के द्वारा प्राप्त किया जाता है
- % फाइन कण (75 माइक्रोन से पास होने वाले ) 5% प्लास्टिक कण एवं 12% अप्लास्टिक गुणों के कण
- कोई स्किप वर्गीकरण नही, तेज किनारों वाले, अछ्छे से वर्गीकृत और अधिक या कम एन वलपिंग वक्र के अंदर हो
पदार्थ - अच्छे से वर्गीकृत और एवं निम्नलिखित के अनुसार
समानता गुणक सीयू = डी 60 / डी 10 4 (7 से अधिक हो तो अच्छा )
वक्रता गुणक सी सी = (डी 30 )2 / डी 60 x डी 10 1 एवं 3 के बीच
आवश्यक गिट्टी एवं ब्लैकेट की गहराई : -
कम से कम इतनी मोती परत होनी चाहिये कि मशीन से पैकिंग एवं खाली स्थानों का भराव किया जा सके सबबैलास्ट की परत कम से कम इतनी मोटी होनी चाहिये कि परत छन्नी की तरह कार्य कर सके इसके साथ ही साथ गिट्टी ओर ब्लेकेट की मोटाई इतनी होनी चाहिये कि सबब्लैकेट के कर्तन एवं अत्यधिक धसने के गुणों को अपने प्लास्टिक गुणों के कारण रोक सके आरडीएसओ निर्देश के अनुसार ब्लैंकेट की मोटाई 0 से मीटर प्रयोग होने वाली मिट्टी के अनुसार सबग्रेड के टॉप 1 मीटर में डाली जानी चाहिये
ब्लेंकेट परत की गहराई
22. 5 एक्सन भार एवं सबग्रेड के लिये (उपर का 1 मीटर )
ऐसे स्थान जहाँ मिट्टी के ऊपर ब्लेंकेट की जरूरत नही है -
1. शेल व ऐसी चट्टान जहाँ मौसम के प्रभाव से ख़राब होता हो ओर यदि कीचड़ हमेशा रहता हो तो छोडकर पथरीली तल
2. जीडब्ल्यू - अच्छे वर्गीकृत पथरीली तल
3. ब्लेंकेट मटेरियल वाली सायल
45 सेमी मोटे ब्लेंकेट के लिये -
1. जीपी जिसका सीयू > 2 एस पी जिसका सीयू > 2
2. जीएम जीएम - जीसी
60 सेमी मोटे ब्लेकेट -
1. जीसी 2. एसएम 3. एससी 4. एसएम - एससी
5. एक मीटर तक बढ़ाना चाहिये यदि गिट्टी का प्लास्टिक इंडेक्स 7 हो
100 सेमी ब्लेकेट के लिये -
1. एमएल 2. एमएल - सीएल 3. सीएल 4. एमआय 5. सीआय
- ऐसे पत्थर जो मौसम के प्रति संवेदनाशीलता रखते हो ऐसी मिट्टी जिनमे फाईन कण 5 से 12% एवं द्विसंकेती जैसे जीपी - जीस, एसडब्ल्यू - एसएम आदि आवश्यक हो तब आरडीएसओ की सलाह से जीयोसिंथेटिक ब्लेकेट परत प्रयोग कर सकते है ब्लेंकेट सभी नई बनने वाली रेलपथ लाइनों में प्रयोग होना चाहिये (चाहे यात्री यातायात km हो ) - ससंजक सबग्रेड पदार्थ जो थ्रेशहोल्ड के टॉप में एक से अधिक प्रकार की गिट्टी हो तब ब्लेकेट पदार्थो की मोटाई अधिक मोटाई की आवश्यकता वाली मृदा द्वारा तय की जायेगी अन्य किसी तरह की मिट्टी के लिये कोई निर्देश नही है ऐसे समय में आरडीएसओ की सलाह पर ही ब्लेंकेट की मोटाई की सीमा तय की जायेगी
अधिक एक्सल भार के लिए -
यदि 22. 5 टन से अधिक या 25 टन हो -
30 सेमी मोटाई, 22.5 टन के केस से अधिक बढ़ा देनी चाहिये
एक्सल भार 25 टन से 30 टन तक हो -
45 सेमी मोटाई 22.5 टन के केस से अधिक बढ़ा सेनी चाहिये
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