गिट्टी (बैलास्ट)
गिट्टी एक कठोर पदार्थ की बनी होती है जो विभिन्न आकार की होती है जो स्लीपर के चारो ओर फैलायी जाती है।
गिट्टी के कार्य -
1) यह ट्रैक को उर्ध्वाधर, क्षैतिज और लंबवत आधार प्रदान करता है।
2) ट्रैक की जलनिकासी करती है।
3) गिट्टी ट्रैक पर पडनेवाले भार को फॉर्मेशन तक पहुँचाती है।
4) ट्रैक ज्यामिती को सही करने में मदद करती है।
बैलास्ट (गिट्टी) की आवश्यकता -
1) गिट्टी कम टूटने वाली होनी चाहिये।
2) गिट्टी घनाकार, तेज किनारे वाली होनी चाहिये।
3) गिट्टी जल में घुलने व जल को सोखनेवाली नही होनी चाहिये।
4) जल का अच्छा निष्कासन होना चाहिये।
5) गिट्टी सस्ती और इकोनॉमिक होनी चाहिये।
6) गिट्टी पर मौसम का प्रभाव नही पडना चाहिये।
7) गाडी के ट्रैक पर चलने से गिट्टी में क्षय नहीं होना चाहिये।
गिट्टी को निम्नलिखित भागो में विभाजित किया गया है-
1) क्रिब बैलास्ट
2) शोल्डर बैलास्ट
3) ऊपरी कुशन गिट्टी
4) निचली कुशन गिट्टी
भारतीय रेलो में प्रयोग होने वाली गिट्टी का वर्गीकरण-
1) सैंड बैलास्ट
2) मूरम बैलास्ट
3) कोयले की राख की गिट्टी
4) पत्थर की गिट्टी
गिट्टी का साइज तथा वर्गीकरण - ट्रैक के अंदर 65 मिमी की कठोर गिट्टी का प्रयोग करते है व इसके आकर पर विशेष ध्यान रखा जाता है यह इस प्रकार से होना चाहिये -
1) 65 मिमी की जाली पर 5 % से ज्यादा गिट्टी ना रुके
2) 40 मिमी की जाली पर 40 % से 60 % गिट्टी रुकनी चाहिये
3) 20 मिमी की जाली पर 98% गिट्टी रुकनी चाहिये, यदि मशीन से तोड़ी गयी है और यदि गिट्टी आदमियों की द्वारा तोड़ी गयी है तो रुकने वाली गिट्टी 95% से km नही होनी चाहिये
बैलास्ट कुशन की न्यूनतम गहराई -
(क) स्लीपर के नीचे रेल सीट पर बैलास्ट कुशन की न्यूनतम निर्धारित गहराई -
ब्रांड गेज
जहाँ सम्भव हो 350 मिमी गहराई दी जाएगी
मीटर गेज
नेरोगेज 150 मिमी
1) 65 मिमी की जाली पर 5 % से ज्यादा गिट्टी ना रुके
2) 40 मिमी की जाली पर 40 % से 60 % गिट्टी रुकनी चाहिये
3) 20 मिमी की जाली पर 98% गिट्टी रुकनी चाहिये, यदि मशीन से तोड़ी गयी है और यदि गिट्टी आदमियों की द्वारा तोड़ी गयी है तो रुकने वाली गिट्टी 95% से km नही होनी चाहिये
बैलास्ट कुशन की न्यूनतम गहराई -
(क) स्लीपर के नीचे रेल सीट पर बैलास्ट कुशन की न्यूनतम निर्धारित गहराई -
ब्रांड गेज
जहाँ सम्भव हो 350 मिमी गहराई दी जाएगी
मीटर गेज
नेरोगेज 150 मिमी
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