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Friday, April 5, 2024

पृथक्करण (Isolation) - P WAY (Hindi / English)

पृथक्करण (आइसोलेशन ) के प्रकार

(1) डिरेलिंग  स्विच
(2) सेंडहम्प
(3) कैंच साइडिंग
(4) स्लिप साइडिंग
(5) लंबी तथा छोटी साइडिंग
(6) स्नैग डैड एंड क्रासिंग

डिरेलिंग स्विच - इसको लाइन के सिरे पर लगाया जाता है ताकि बाजू की लाइन को आइसोलेट किया जा सकता है इसमें एक टंग रेल का स्टाफ रेल फिटिंग के साथ नजदीक जॉइंट से जूडी रहती है इसमें एक टंग रेल एक स्टाफ रेल फिटिंग के साथ नजदीक जॉइंट से जुड़ी रहती है दोनों के बीच इंटरलाकिंग की व्यवस्था रहती है ताकि एक समय में एक टर्न आउट पर एक ही गाड़ी का चलन होता रहे ओर यदि बाजू वाली लाइन पर व्हील के सरकने से कोई दुर्घटना होनेवाली हो तो उसका बचाव करती है इसको समान्यत: खुली अवस्था में रखते है गाड़ी को डिरेलिंग स्विच वाली लाइन पर लेना हो तो पंखी को बंद किया जायेगा तथा जॉइंट को सेट व लॉक किया जायेगा

सैंड हम्प :- सैंड हम्प क उपयोग ऊँ रिसीविंग लूप लाइनों में किया जाता है जहां वे रोक सिगनल द्वारा सुरक्षित हो सिगनल को जब आन स्थिति में रखा हो तो सैंड हम्प में किसी भी ट्रेन के आने की अनुमति नही है सैंड हम्प की पूरी लम्बाई 78 मी. होती है तथा एएनसी से शुरू होती है सैंडलहम्प की वास्तविक संरचना एएनसी से 18 मी बाद शुरू होती है प्रथम 10 मी. खुली अवस्था में रहनी चाहिये व आगे के 20मी. में सैकेंड वाले ट्रैक होना चाहिये दीवार का उच्चतम बिंदु रेल लेवल से 65 मिमी. ऊपर रखा जाता है आगे का 30 मी. मिट्टी से पूरी तरह से भरा होना चाहिये सैंडहम्प के उपरी भाग की चौड़ाई 4 मी. ओर दीवार 300 मिमी. दूर होना चाहिये ताकि उसमे बालू भरी जा सके

कैंच साइडिंग - यदि किसी स्टेशन के वाह्यतम पॉइंट से 45 मी. के भीतर स्टेशन की ओर 80 में 1 या इससे तीव्र ग्रेडियंट हो तो वहा कैंच साइडिंग बनाई जाती है आगे के सिगनल को आन स्थिति में करके कैंच साइडिंग के जॉइंट सेट कर देने चाहिये कैंच साइडिंग गाड़ी प्रवेश करते समय 2 मी. रुकेगी ताकि उसके ब्रेक शक्ति की जाँच की जा सके जब गाडी रुकेगी तब पॉइंट को मेन लाइन की ओर सेट किया जायेगा, सिगनल को आफ किया जायेगा तथा ट्रेन के आगे जाने की अनुमति प्रदान की जायेगी यदि ट्रेन सिगनल पर नही रूकती है तो गाड़ी को कैच साइडिंग में प्रवेश की अनुमति प्रदान की जायेगी  सामान्यत: कैंच साइडिंग की लम्बाई उस सेक्शन में चलने वाली अधिकतम लम्बाई की मालगाड़ी के बराबर होती है कैंच साइडिंग अगले सेक्शन में होने वाली दुर्घटना को बचाती है गाडी का डिटेशन दो ग्लूड जॉइंट का उपयोग करके कम किया जा सकता है और 1 किमी आगे और ग्लूड जॉइंट के 2 मी. पर रिले सिस्टम लगाकर डिटेशन रोका जा सकता है

स्लिप साइडिंग - स्लिप साइडिंग का प्रयोग उन स्टेशनो पर किया जाता है जब स्टेशन के वाह्यतम पॉइंट से 45 मी स्टेशन से दूर 100 में 1 या तीव्र गिरता हुआ ग्रेडियंट होता है इसको सामान्यत: स्ल्पी साइडिंग की ओर सेट किया जाता है स्लिप साइडिंग की लम्बाई सामान्यत: 4 से 6 वैगनो के लिये रखी जाती है तथा यह पिछले ब्लाक सेक्शन में होने वाली दुर्घटना की सम्भावना को बचाती है स्लिप साइडिंग उन स्टेशनो और यार्डो में भी बनाई जाती है जहाँ ग्रेडियंट 260 में 1 या उससे तीखा हो

लम्बी साइडिंग तथा छोटी साइडिंग -

ये साइडिंग रनिंग लाइन से जुडी होती है तथा सामान्यत: बगल वाली लाइन से अलगाव के लिये बनाई जाती है ये साइडिंग विशेष प्रकार के यार्डो का हिस्सा होता है जहां डेडएंड बनाये जाते है जब साइडिंग की लम्बाई 180 मी से कम रहती है तो इसे छोटी साइडिंग कहते है

स्नैच डैड एंड क्रॉसिंग - 

यह विशेष प्रकार की क्रासिंग होती है तथा वहां बनायीं जाती है जहाँ क्रासिंग भाग में देशिक गति होती है तथा क्रासिंग के दुसरे भाग में कोई  भी ट्रेन के चलने की अनुमति नही होती जो की सेंड हम्प या डैड एण्ड होता है स्नैग डेड एंड की लम्बाई 180 मी होती है दांया विंग रेल को एटीएम से ४२० मिमी से 1260 मिमी तक 38 मिमी से उठाया जाता है बांया विंग रेल साधारण रेल होती है जबकि दांया विंग रेल को धीरे - धीरे उठाया जाता है ताकि किसी दुर्घटना के कारण गाडी के सेंड हम्प या डेड एंड में प्रवेश करते समय व्हील क्लैम्प को जम्प के साथ उठाया जा सके विंग रेल व वी रेल के गेज फेस साइड में माल्ड स्टील प्लेट जुडी रहती है और यह व्हील फ्लैंज के धीरे  -धीरे उठने तथा धीरे धीरे नीचे आने में मदद करती है स्नेग डेड एंड क्रासिंग की आयु 20 - 25 वर्ष तक होती है

घाट सेक्शन - यदि किसी सेक्शन में 30 % से ज्यादा भाग 80 में 1 से तीखा या 50 % से ज्यादा 100 में 1 से ज्यादा तीखा हो तो ऐसे सेक्शन को घाट सेक्शन कहा जाता है 

Types of isolation:-
(1)Derailing Switch       (2) Sand Hump         (3) Catch Siding        (4) Slip Siding
(5)Long and Short Sidings                              (6) Snag Dead End Crossing

Derailing Switch

It is provided at one end of the line to isolate the train movement on adjoining line. It consists of one tongue rail and one stock rail with necessary fittings connected with the nearest point in such a way to inter lock the connected points to permit one train movement at a time on any turnout and thus to avoid the possibility of any accident due to rolling down of vehicle from adjoining line. It is normally kept in open condition, whenever it is required to admit the train on derailing switch the point is set and locked before train is allowed to enter.
Sand Hump

This is provided at far end of receiving loop line and protected by a stop signal. The signal is kept in ON position thus no train is allowed to admit in sand hump. The overall length of sand hump is kept 78 meters starting from ANC. The sand hump is actually constructed at a distance of 18meter from ANC. The first 10 meter is open at top, walled track. Further 20meter is sanded walled track. The top level of wall is kept 65mm above the rail top table. Further 30meter is completely filled with earth. The top width of sand hump is 4m and the walls are 300mm apart for sand fill. The sanded 20m length is having a rising gradient of 1 in 40.

Catch Siding

Catch siding is provided to protect the station ahead due to continuous falling gradient of 1 in 80 or steeper within 45meter beyond the outer most point. The signal ahead is kept in ‘ON’ position and point is normally set towards catch siding. The train approaching to catch siding is stopped at the signal for 2 minutes for testing the brake power of train. After the train stop the point is set towards mainline, the signal is taken ‘OFF’ and the train allowed to go ahead. If the train does not stop at the signal the train is allowed to enter the catch siding. Normally the length of catch siding is equal to the maximum length of a goods train plying in the section. The catch siding prevents the possibility of any accident in station ahead. Train detention has been reduced by providing two glued joints and relay systems one at 1 km ahead and another at a 2 minute distance from first glued joint. The train is allowed to move with a SR of 20 kmph if the train follows above SR strictly. The point is set towards mainline and signal is taken ‘OFF’ to allow the train to block section.

Slip Siding

Slip siding is provided to protect the block section in rear due to continuous falling gradient of 1 in 100 or steeper from trailing point within 45meter beyond the outer most point.. It is normally set towards the slip siding. The vehicle escaped from station and yard is trapped in slip siding. The slip siding is protected by a signal is rear.
The length of slip siding is generally kept to accommodate 4 to 6 wagons it prevents the possibility of accident in rear block section.
Slip siding is also provided where there is a gradient of 1 in 260 or steeper in station and yards. 

Long Siding and Short Siding:-

These sidings are connected to running lines, normally provided to isolate the adjoining lines. These sidings are the part of special yards where dead ends are provided.
When length of siding is more than 180m it is called Long siding and when length of siding is less than 180 m is called Short siding.

Snag Dead End Crossing:-

This is a special type of crossing normally provided where there is directional movement of traffic in crossing portion and no train is allowed on the second part of the crossing which is a sand hump pr dead end. The length of snag dead end is kept 180m. The RH wing rail is raised from 420mm away from ATS to 1260mm about 38mm.

LH wing rail is ordinary rail. While RH wing rail is gradually raised to lift the flange o wheel to jump in case of accidental entry of vehicle towards sand hump or dead end. The mild steel plates are attached in gauge face of wing rail and Vee railand gradual lifting of wheel flange of vehicle and similarly gradual drop of wheel. The life of snag dead end crossing is 20-25 years.

Ghat section :- section with more than 30% section is with gradient steeper than 1 in 80 or more than 50 % section is laid on gradient steeper than 1 in 100 is called Ghat section.

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Index -

01. INTEGRATED CONCEPT AND OBJECTIVES OF MATERIALS MANAGEMENT (1) 01.02 रेलपथ निरक्षक तथा सहायक मंडल अभियंता के कर्तव्य (1) 02 रेलपथ (1) 02. ORGANIZATION OF MATERIALS MANAGEMENT DEPARTMENT (1) 02.01 90 यूटीएस रेलों के सम्भाल (1) 02.04 रेल तापमान (1) 02.05 रेल जोड (1) 03 स्लीपरो के कार्य (1) 03. CLASSIFICATION/CODIFICATION NOMENCLATURE OF STORES ON INDIAN RAILWAYS (1) 03.01 विभिन्न प्रकार के स्लीपरो की तुलना (1) 03.02 लचीले बंधन (1) 03.03 स्लीपर बिछाना (1) 04. PLANNING OF NON-STOCK ITEMS AND PROCESSING OF REQUISITION (1) 04.01 ट्रैक के लिए बैलास्ट प्रोफाइल (1) 04.02 फार्मेशन (1) 04.03 ब्रिज (पुल) (1) 05 पाइंट्स तथा क्रासिंग - परिचय एवं परिभाषाए (1) 05 PLANNING OF STOCK ITEMS & SYSTEMS OF RECOUPMENT (1) 05.01 विषेश ले आउट (1) 05.02 पृथक्रकरण (आइसोलेशन ) (1) 05.03 तथा क्रासिंग का अनुरक्षण तथा निरक्षण (1) 05.04 पॉइंट्स एवं क्रासिंग की (1) 06 गोलाई का प्ररंभिक ज्ञान (1) 06 PURCHASE POLICY (1) 06.01 वर्को का पुनः संरेखण (1) 07 Purchase Procedure on zonal Railways (1) 08 TENDER EVALUATION AND MISCELLANEOUS POLICY ISSUES IN PURCHASES (1) 08.01 व्यव्स्तिथ ओवरहालिंग (1) 08.02 रेलपथ अनुरक्षण का वार्षिक कार्यक्रम (1) 08.04 गहरी छनाई (1) 08.04.1 रेलपथ का उठाना लोवेरिंग तथा क्रीप (1) 08.05 छोटी वेल्डेड रेल ( एसडब्लूआर ) (1) 08.06 आन ट्रैक मशीन (1) 08.07 छोटी ट्रैक मशीने (1) 08.09 विद्युतीकृत सेक्शन में हाइट गेज (1) 08.11 अंडर ट्रायल सामग्री का रिकॉर्ड (1) 09 गति प्रतिबन्ध और संकेतक (1) 09 Receipt And Inspection of stores (1) 09.01 ठेकेदार की सुरक्षित कार्य प्रणाली (1) 09.03 रेल संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति वाले कार्य (1) 10 निरक्षण का उद्देश्य (1) 10 ISSUE AND DISTRIBUTION OF STORES (1) 10.01 राइडिंग गुणवत्ता तथा राइडिंग इंडेक्स (1) 10.03 सिटीआर तथा टीजीआई (1) 10.04 रेलपथ प्रबंधन पध्दति (टीऍमएस ) (1) 11 RETURNED STORES (1) 11.01 स्लीपरो का बिछाना (1) 12 दुर्घटना (1) 12 Scrap Disposal (1) 12.01 ब्रीच (1) 12.02 डाईवर्शन (1) 13 INVENTORY MANAGEMENT (1) 14 लंबी वेल्डित रेल (परिभाषाए) (1) 14.01 एलडब्लूआर / सीडब्लूआरके लिये स्वीकृत स्थान (1) 14.02 एलडब्लूआरकी डीस्ट्रेसिंग (1) 14.03 एलडब्लूआर / सीडब्लूआर का अनुरक्षण (1) 14.04 रेलपथ पर्येवेक्षक - मेट तथा चाबीदार के लिए अनुमत तथा निषिद्ध कार्य (1) 15 - सर्वेक्षण (1) 15 बयाना राशि और जमानत राशि (1) 15.01 SURVEYING (2) 16 रेलवे टेंडर सिस्टम (Railway Tender System) (1) Accidents (2) Active & Passive Earth Pressure (1) Anti corrosive treatment (1) Ballast (2) Bearings in Bridge (1) Blanketing Material (1) Bridges (2) Buckling of track (1) Building Work (1) Cant deficiency & Cant Excess (1) Census (1) Chequered Tiles (1) Chlorination of Water (2) Chlorination Practices (1) Chlorine demand (1) Civil Engineering - Bridges (2) Civil Engineering - P Way (40) Civil Engineering - Works (5) CMS Crossing (1) Completion report (1) Contour & Contour interval (1) Correction Slip (1) CRS Sanction (1) CTR and TGI Value (1) Curing of Concrete (1) curves (2) Deep Screening (2) Design mode (1) Design of concrete mix (2) Destressing (1) Disinfection of water (1) disposal of human waste: (1) Distressed bridges (2) Distressing of LWR (2) distribution System (1) dry density (1) Duties (3) Duties & Responsibilities (9) Duties of Gateman (1) E01.02 Duties of Keyman / Mate / PWS (1) E02.01 Permanent Way (1) E02.02 Handling of 90 UTS rails (1) E02.05 Rail Temperature (1) E02.06 Rail Joints (1) E02.07 Maintenance of Rail Joints (1) E03.01 SLEEPERS AND FASTENINGS - Functions of Sleepers (1) E03.02 Comparison between Various Types of Sleepers (1) E03.04 Laying of Sleepers (1) E04.02 Ballast Profile for L.W.R. track (1) E04.04 Bridges (1) E05.01 Points & Crossings: Introduction & Definitions (1) E05.04 Maintenance and Inspection of Points and Crossing (1) E05.05 Reconditioning of Points and Crossing (1) E06.01 Basics of Curves (1) E06.02 Realignment of Curve (1) E08.01 MAINTENANCE OF TRACK-Through packing (1) E08.02 Systematic Overhauling (1) E08.03 Annual Programme for Regular Track Maintenances (1) E08.04 Lifting/ Lowering of Track and Creep (1) E08.05 Deep Screening (1) E08.06 Short Welded Rail (1) E08.07 Maintenance of SWR (1) E08.10 Level Crossing (1) E08.11 Equipments at Level Crossing (1) E08.12 Maintenance / Examination / Inspection of Level Crossing / Gate (1) E08.14 Welding of Rails (1) E08.15 Records of Material under Trial (As per Cs.no 99) (1) E09.01 Speed Restriction and Indicators (1) E09.02 Safe Working of Contractors (As per Cs.No 95) (1) E09.03 Works Requiring CRS Sanction (1) E10.01 INSPECTION OF TRACK - Object of Inspection (1) E10.02 Riding Quality and Riding Index (1) E10.03 Track Recording and Oscillograph Car (1) E10.04 CTR and TGI Value (1) E12.01 ACCIDENTS AND BREACHES - Accidents (1) E12.02 Breaches (1) E12.03 Diversion (1) E14.01 LONG WELDED RAIL - Definitions (1) E14.02 Permitted locations for LWR/CWR (1) E14.04 Maintenance of LWR / CWR (1) E14.05 DOs and Don’ts OF LWR For PWM / MATES & KEYMAN (1) Egineering (1) Elastic Fastening (1) Elastic Rail Clip (1) Encroachments of Railway land. (2) Engineering (26) Engineering - Book (3) Examination of Rails (2) Fabrication of Glued joint IN SITU. (1) Flushing cisterns (1) FOB (1) Gateman (2) Greasing of ERCs (1) Grow More Food Scheme (1) Guideline (3) H02 भण्डार विभाग का महत्व (1) H03 भण्डार डिपो की संरचना (1) H04 भण्डार का वर्गीकरण (1) H05 कोडिफीकेशन (1) H06 मानकीकरण एवं उसकी उपयोगिता (1) H07 वित्तीय औचित्य के सिध्दांत (1) H08 क्रय के विभिन्न माध्यम (1) H09 क्रय में विविध अधिमान्यताए (1) H10 भण्डार विभाग के अधिकारियो की क्रय शक्तियां (1) H12 निविदा समिति (1) H13 अनुबंध (1) H16 स्थानीय खरीद (1) H17 भण्डार डिपो में भण्डार प्राप्ति के स्त्रोत (1) H18 महत्वपूर्ण वस्तुए एवं उनकी खरीद (1) H19 भण्डार डिपो का संगठन एवं कार्य (1) H20 प्राप्ति अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H21 वार्ड की क्रिया - विधि (1) H22 प्रेषण अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H23 बहीखाता अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H24 डिपो प्रणाली (1) H25 भण्डार का निरीक्षण (1) H26 अस्वीकृत भण्डार (1) H27 लौटाया गया भण्डार (1) H28 अग्रदाय भण्डार (1) H29 अधिशेष भण्डार (1) H30 रेल सामग्री की बिक्री (1) H31 रद्दी माल और नीलामी बिक्रिया (1) H32 वस्तु - सूची नियंत्रण (1) H33 स्टॉक सत्यापन (1) H34 मांगकरताओ व्दारा डिपुओ से भण्डार प्राप्त करने की प्रक्रिया (1) H35 संक्षिप्त टिप्पणीयां (1) Handling of 90 UTS Rails (1) Height Gauges on Electrified Section (1) Honey combing of concrete & its prevention (1) Hot Weather Patrolling (1) Imprest Store (1) INDEX (2) Indicator Boards & Signages (1) Inspection (6) Insulated joints (1) Isolation (1) Keyman / Mate / PWS (3) Laying of Sleepers (1) LDCE Exam (3) Level Crossing (2) Level crossings (2) Licensing Railway Land cultivation (1) Liner Biting (1) LWR (6) Maintenance (2) Maintenance in Electrified Area (2) Maintenance of CMS Xing (1) Maintenance of P Way (5) Maintenance of Rail Joints (1) Maintenancee of SWR (1) Manson precaution (1) Monsoon Patrolling (2) Numerical rating system (NRS) (1) Optimum moisture content (1) P Way (23) Pandrol Clip (1) pass (1) Patrolling of Rail Permanent Way (6) Permanent Way (2) Permanent Way (P Way) (10) Pile Foundation (1) Points and Crossing (3) Protection of Rail (1) Pumping Water Level (1) PWI (1) PWI / AEN / DEN (1) quality control (2) Question & Answer (62) Rail Clusters (1) Rail Formation (2) rail fracture (1) Rail Joints (1) Rail Renewal (3) Rail Welding (3) Rails Defects (2) Railway Affecting Works (1) Railway Construction (1) Railway Organisation (2) Realignments of Curve) (1) Reconditioning of Points and Crossing (1) Rehabilitation of Bridges (1) Renewal of Rail (1) River Training protection work (1) safe speed (1) Safe Working (1) Safety at P. 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