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Thursday, October 24, 2024

ट्रैक मशीन (Track Machine)

" यह पीले रंग की बड़ी मशीन होती है जिसके लिए ब्लाक एवं डीजल की व्यवस्था करनी पड़ती है और आउटपुट पर मुख्यालय द्वारा नजर रखी जाती है "

"ट्रैक मशीन ट्रैक इंजीनियर के जीवन का अभिन्न हिस्सा है आप इंके बिना कुछ नही है इसलिए इनके बारे में जानो, इसके लिए देखभाल करो और इससे आपको प्रेम हो जाएगा

ट्रैक मशीन की आवश्यकता :-

आधुनिक ट्रैक को आदमियों द्वारा न तो डाला जा सकता है और न अनुरक्षण किया जा सकता है मशीन अनुरक्षण 60 के दशक में प्रारंभ कर लिया गया था ट्रैक मशीनों को मुख्यत: दो श्रेणी में रखा गया है-

- आन ट्रैक मशीन
-स्माल ट्रैक मशीन

आन ट्रैक मशीन के लिए सर्व प्रथम मार्च - 2000 में मशीन मैनुअल प्रकाशित किया गया था स्माल ट्रैक मशीन मैनुअल सर्व प्रथम जुलाई - 2005 में प्रकाशित किया गया

आन ट्रैक मशीन :-

(1) ड्यूओमैटिक  DUO 08 -32

(i) पहली आधुनिक मशीन
(ii) बोगी टाइप मशीन
(iii) 13 मी. आधार पर अधिक उत्तोल्कता . मशीन / रेल पर कम प्रतिबल
(iv) स्थलीय कार्य मशीन
(v) कार्य स्थल पर सीएसएम को भेजना आदर्श नही है
(vi) एक बार में 2 स्लीपरो में इंसर्शन होता है
(vii) 1600 स्लीपर / घंटे (450 स्लीपर/ घं. यूटी और 700 स्लीपर / घंटा यूनोमटिक)
(viii) रुकना - पैकिंग - आगे बढना - रुकना

2) कंटीन्युअस एक्शन टैम्पिंग मशीन (सीएसएम 09 - 32 )

300 से अधिक मशीनों दुनिया भर मर, 2000 - २४०० स्लीपर / घंटा टैम्पिंग एवं लेवलिंग / लाइनिंग यूनिट के साथ सैटेलाइट यूनिट मशीन सतत चलती है, केवल 20 % भाग और रुकता है

माइक्रो प्रोसेसर नियंत्रण

3) टैम्पिंग एक्सप्रेस 09 - 3x

2700 स्लीपर / घंटा, 2 टैम्पिंग यूनिट प्रत्येक 1.5 स्लीपर पैकिंग के साथ 3 स्लीपर एक बार में, कुल 48 टैम्पिंग टूल्स, आरिजनल tool कार्बाइड टिप टूल्स होतेव है - 600 किमी लाइनिंग एवं लेवलिंग प्रोग्रेम हेतु बोर्ड कम्प्यूटर, ट्रैक पैरामीटर मापने हेतु मेजरिंग रन

4) युनिमेट 08 - २७५ 3S

पॉइंट्स एवं क्रासिंग ट्रेम्पिंग मशीन, टिल्टिंग / स्वर्लिंग टूल्स के साथ
3 एस मशीन में थर्ड रेल लिफ्टिंग अरेंजमेंट के साथ, 2एस मशीन में थर्ड रेल की मन्युअल लिफ्टिंग के साथ, एक टर्नआउट 90 मिनट में

5) बैलास्ट क्लिनींग मशीन (बीसीएम) आरएम - 76

पलासर प्लेन ट्रैक के लिए (आरएम - 80 ) मशीन बनाता है और (आरएम -76 ) पॉइंट्स एवं क्रासिंग के लिए 550 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा टर्नआउट के लिए, प्रति यूनिट 450
मिमी बढने योग्य एक्सटेडेबल चेन

6) शोल्डर बैलास्ट क्लीनिंग मशीन (एफआरएम - 80 )

केएसबीसी कर्शा 3 -4 मशीनों में व्हील कट्टर, एफआरएम - 80 प्लाजर मेक 550 क्यूबिक मीटर / घंटा

7) टी - 28

दोनों रेलों पर चलती है प्लेन सतह पर रेंगती है मशीनों का एक जोड़ा इकट्ठा काम करता है असेम्बली को ले जाने के लिए जाने के लिए अमेरिका इटली मेक की विशेष ट्रालियां

8)डीटीएस (डायनामिक ट्रैक स्टेबिलाइजर DGS - 62 - N)

नियंत्रित कम्पन्न, पूरे ट्रैक फ्रेम को उद्वेलित करता है कम्पनो के दौरान सम्पूर्ण ट्रैक ज्यामिति को नियंत्रित रखता है पैकिंग की ठहराव अच्छी रहती है गर्मी की टेम्पिंग में बहुत उपयोगी - कोई बकलिंग नही गहरी छनाई साइट पर गति बढ़ाने हेतु प्रयुक्त हो सकती है

9) रेल वैक जम्बो वीएम - 170




टैम्पिंग से पूर्व की क्रियाए (प्री टैम्पिंग अटेंशन ) :- 

(1) रेल पथ निरीक्षक ट्रैक के प्रोफाइल का पैदल सर्वेक्षण कर बैलास्ट की कमी एवं जनरल lift का आकलन करेगा 

(2) बैलास्ट की कमी को दूर करना चाहिये टैम्पिंग क्षेत्र में मिट्टी भरना चाहिये जोदो के पास से गोल गिट्टी को बाहर निकाल देना चाहिये 

(3) नीचा जोड़, होग्ड, बैटर्ड (पिटा ) और क्रेक जोड़ को पहले अटेंड करना चाहिये 

(4) पम्पिंग वाले लोकेशन को चिन्हित कर उनकी छनाई कर साफ गिट्टी भरना चाहिये 

(5) सेस लेवल नीचा हो ti उसे सही कर लेना चाहिए जिससे कि बैलास्ट प्रोफाइल सही बना रहे 

(6) मिसिंग फिटिंग पूरी करना एवं लूज फिटिंग को टाइट कर लेना चाहिए 

(7) टूटे स्लीपरो को बदल लेना चाहिए 

(8) स्लीपरो की स्पेसिंग एवं गुनिया चेक कर लेना चाहिए जिसमे स्लीपर न टूटे 

(9) गोलाई का प्रारंभ व अंत ट्रांजिशन एवं स्लू स्लीपर पर लिख देना चाहिए 

(10) यदि आवश्यक हो तो क्रीप और गैप एडजस्ट कर लेना चाहिए 

(11) यदि गोलाई खराब है तो उसका रिअलाइन्मेंट करना चाहिए 

(12) यदि एलडब्ल्यूआर के लिए डिस्ट्रेसिंग आवश्यक है तो डिस्ट्रेसिंग कर लेनी चाहिए 

(13) टम्पिंग से पूर्व लेवल - क्रासिंग, गोलाई एवं ब्रिज अप्रोच की गार्ड रेल खोल देनी चाहिए 

(14) लेवल क्रासिंग पर रॉड को खोल देना चाहिए एवम आवश्यक हो तो ओवरहालिंग कर देना चाहिए 

(15) ट्रैक का संरेखण अत्यधिक ख़राब हो तो उसे अटेंड कर लेना चाहिए 

(16) टैम्पिंग से पूर्व लकड़ी के गुटखे, जोगल्ड फिश प्लेट, ग्लुड ज्वाइंट बांड, अर्थिग बांड खोल देने चाहिए 

(17) सिग्नल व दूरसंचार तार, बिजली के केबल, पाइप लाइन, सिग्नल राड, लुब्रीक्रेट्स यदि लगाये है तो संबंधित विभाग के प्राधिकृत कर्मचारियों की उपस्थिति में निकाल देना चाहिए 

(18) यदि लिफ्टिंग जनरल लिफ्ट से अधिक है तो इसे एडवांस में कर लेना चाहिए 

(19) स्लीपरो को सिरों को गिट्टी से ढकना नही चाहिए 

(20) किसी भी स्थायी संरचना का ट्रैक सेंटर से दूरी एवं रेल लेवल से ऊँचाई ज्ञात कर लेना चाहिए जिसमे कि बाधा का पता लगाया जा सके 

(21) यदि लिफ्टिंग 15 मिमी. से अधिक है तो सन्दर्भ पोस्ट लगाना चाहिए एवं ग्रेडियंट को भी चिन्हित करना चाहिए 

(22) गेज, क्रास लेवल, सीधाई आदि टैम्पिंग से पूर्व नोट कर लेना चाहिए 

मशीन टैम्पिंग के दौरान की जानी वाली क्रियाए (ड्यूरिंग टैम्पिंग अटेंशन ) :- 

(1) मशीन के टैम्पिंग के टूल पूरे होने चाहिए किसी भी अवस्था में 10 प्रतिशत से कम नही होना चाहिए टूल का वियर 20 प्रतिशत से अधिक नही होना चाहिए 

(2) टूल के उपरी सिरे एवं स्लीपर के बाटम सिरे के बीच गैप निम्न प्रकार होना चाहिए - 

फ़्लैट बॉटम स्लीपर   10 -12 मिमी. धातु स्लीपर     22 - 25 मिमी. 

(3) टैम्पिंग tool का स्क्वीजिंग दबाव निम्न प्रकार  होना चाहिए - 

(क) प्लेन ट्रैक में :- 

सीएसटी -9 स्लीपर      90 - 100 किग्रा /सेमी2 
स्टील ट्राफ़ / वुडन स्लीपर   100 - 110 किग्रा / सेमी2 
क्रंकीट स्लीपर        110 - 120 किग्रा/ सेमी2 

(ख) टर्न - आउट में :- 

स्टील ट्राफ़ /  वुडन स्लीपर  110 - 115 किग्रा / सेमी2 

क्रंकीट स्लीपर   135 - 140 किग्रा. सेमी 2 

(4) मशीन पैकिंग के दौरान टूल का इंसर्शन निम्न प्रकार होना चाहिए - 

(क) धातु स्लीपर - 2 इंसर्शन अगले स्लीपर पर जाने से पहले 

(ख) क्रंकीट स्लीपर - 1 इंसर्शन 30 मिमी. lift तक एवं 30 मिमी. से अधिक लिफ्टिंग पर 2 इंसर्शन 

(ग) लकड़ी स्लीपर - 20  मिमी लिफ्ट तक एक इंसर्शन एवं 20 मिमी. से अधिक लिफ्ट पर - 2 इंसर्शन होना चाहिए 

(घ) जोड़ के स्लीपर - जोड़ के स्लेप्रो पर एक इंसर्शन अधिक करना चाहिए पैकिंग करते समय टूल स्लीपर पर टकराने से बचाना चाहिए 

(5) स्क्वीजिंग समय 0.4 से 0.6 सेकंड रखा जाता है मशीनकी केबिन में पैकिंग करने वाला 0.2 सेकंड के गुणक में लगे स्विच को set करते है सेटिंग करते समय 1-2-3 का अर्थ क्रमश: 0.2 - 0.4 - 0.6 सेकेण्ड होता है 

(6) एक समय में पीएससी स्लीपरो में 50 मिमी. एवं अन्य स्लीपरो में 25 मिमी. लिफ्टिंग एवं स्लूइंग रखा जाता है 

(7) कार्य समाप्त होने पर 1000 में 1 का रैम्प देना चाहिए इसी प्रकार कार्य के प्रारम्भ में भी रैम्प रखना चाहिए 

(8) यदि टैम्पिंग कार्य रात में हो रहा है तो प्रकाश की पूरी व्यवस्था रखनी चाहिए 

(9) धातु स्लीपरो की पैकिंग करे समय लिफ्टिंग चेक करते रहना चाहिए 

(10) टैम्पिंग के दौरान ट्रैक पैरामीटर चेक करते रहना चाहिए आवश्यक हो तो तुरंत सही करना चाहिए 

post टैम्पिंग क्रियाए (टैम्पिंग के बाद किये जाने वाले कार्य ) :- 

(1) पैकिंग के दौरान टूटने वाले फिटिंग एवं स्लीपरो को पैकिंग के बाद बदल देना चाहिए 

(2) ढीले हुए फिटिंग एवं बंधको को टाइट कर देना चाहिए 

(3) गिट्टी उचित प्रोफाइल में लाकर ड्रेसिंग कर देनी चाहिए और उचित संघनं करना चाहिए 

(4) टैम्पिंग मशीन में लगे हुए रिकार्डर के द्वारा ट्रैक पैरामीटर रिकार्ड कर लेना चाहिए यदि मशीन ट्रैक रिकार्डर नही लगा है तो किसी किमी में 4 स्थानों पर 25 - 25 स्लीपरो पर ट्रैक मैनुअल रिकार्ड कर लेना चाहिए 

(5) टैम्पिंग के बाद अंतिम ट्रैक पैरामीटर की सीमा निम्न प्रकार हो 



(6) एलडब्ल्यूआर में कार्य करते समय एलडब्ल्यूआर मैनुअल में दिये गये निर्देशों का पालन करेगे 

(7) टैम्पिंग जोन में खाली हुए जगहों को भरेगे 

(8) गेटो की, गोलाइयो की चेक रेल्लो को तुरंत बंधवायेगे यदि चेक रेल नही बंध पाती है तो 30 किमी प्रतिघंटा का गति प्रतिंबंध लगायेगे 24 घंटे के अंदर चेक रेल अवश्य बंध जानी चाहिए

(9) पाइपो, केबलो, एस. एंड टी के तारो, बांड तारो सिग्नल राड, जोगेल्ड फिश प्लेट एवं लकड़ी के गुटको को पुन; यथा स्थान पर फिक्स कर दना चाहिए 

(10) टैम्पिंग क्रिया के बाद इन्फ्रिंजमेंट को चेक कर लेना चाहिए 

टैम्पिंग मशीन से डिज़ाइन मोड़ में कार्य करने के लिए की जाने वाली क्रियाए : -

1. डेटम रेल का चुनाव :- 

अनुदैर्ध्य  प्रोफाइल एवं सीधाई सही करने के लिए डेटम रेल का चुनाव करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए - 

(क) अनुदैर्ध्य सेक्शन के लिए :- सीधी लाइन हेतु नान सेस रेल एवं गोलाई में बाहरी रेल को डैटम  लिया जाता है 

(ग) सिंगल लाइन और मल्टीपल लाइन सेक्शन में बीच की लाइन में दोनों रेलों में से कोई जो कम अव्यवस्थित हो उसे सीधाई और L सेक्शन हेतु डेटम रेल के तौर पर चुना जा सकता है 

2. उन्ध्वाधर प्रोफाइल सही करने हेतु सर्वे :- सरफेसिंग हेतु चिन्हित सेक्शन को 10 मी. के अन्तराल के स्टेशनो में बांटा जाना चाहिये, पहला बिंदु किमी. पोस्ट के सामने होना चाहिये और प्रथम स्टेशन को शून्य (0) मार्क किया जाना चाहिये स्टेशन लोकेशन और नंबर डेटम  रेल के वेब पर पीले पेंट से लिखे होने चाहिये 

बेंच मार्क :- बेंच मार्क 200 से 1000 मी. के अन्तराल पर स्थापित किये जाने चाहिये उन्हें जीटीएस बेंच मार्क लेवल से संबंधित रखना चाहिये ताकि प्लाट किये हुए ड्राइंग वर्तमान के इंडेक्स सेक्शन से उचित प्रकार से मेल खा सके, मनचाहे लेवल से बेंच मार्क का फिक्स किये जाने से बचा जाना चाहिये ये बेंच मार्क विद्युतीय सेक्शनो में ओएचई मास्ट के क्रंकीट फाउनडेशन के उपरी सतह पर स्थापित किये जा सकते है 
वास्तविक रेल लेवल का रिकार्ड किया जाना :- एस. ई. जे. ई. / पी. वे. को डेटम रेल के सभी स्टेशनो का वास्तविक लेवल को स्थापित किये गये बेंच मार्क का प्रयोग करते हुए रिकार्ड करना चाहिये, हालाकि ऐसी लम्बाईयो में जहाँ डेटम रेल में केंट है जो क्षेतिज कर्व पर हो वहाँ टैक के दुसरे रेल पर लेवल लिया जाना चाहिये, सभी स्टेशन लोकेशन के सामने ऐसे स्टेशन जिन पर बिना डेटम रेल वाली पर लेवल लिया गया है उन्हें लेवल  बुक में नोट किया जाना चाहिये भारी भरकम सर्वे के कार्य की द्रष्टि से ऑटो सेटिंग लेवल उपकरण का उपयोग किया जाना चाहिये ताकि main पावर की बचत हो सके, समय बचाया जा सके और अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सके 

हार्ड फोरमेशन लेबल :- प्रत्येक पांचवे स्टेशन पर अर्थात स्टेशन न. 0,5,10 इत्यादि सेक्शन इंजी./ पी. वे. को रेल सीट के नीचे से गिट्टी निकाल देनी चाहिये जहाँ रेल लेवल रिकार्ड किया गया उस गहराई तक जिसके नीचे जाने की उम्मीद नही है गहरी छनाई का कार्य करते हुए यह लेवल के नाम से जाना जाता है एस. ई. / जे. ई. / पीवे को फार्मेशन लेवल भी रिकार्ड करने चाहिये उदहरण के लिये रीडीजाइन किये गये उर्ध्वाधर प्रोफाइल में रेल लेवल फार्मेशन लेवल से 60 किग्रा. एवं 52 किग्रा. रेल के मामले में क्रमश: 700 मिमी और ६८० मिमी होना चाहिये जो 300 मिमी बैलास्ट कुशन के साथ पीएससी स्लीपर पर हो यदि सब बैलास्ट नही डाली गई है 

अपरिहार्य (आब्लीगेटरी ) पॉइंट :- सर्वे करने के दौरान एस. ई. / जे. ई. /पी.वे को आब्लीगेटरी पॉइंट जैसे कि समपार, गर्डर ब्रिज, पॉइंट एंड क्रासिंग, ओवर हेड स्ट्रक्चर आदि स्टेशन नंबर के साथ - 2 रनिंग किमी के सन्दर्भ में भी रिकार्ड किये जाने चाहिये इसके अलावा किमी पोस्ट और ग्रेडियन्ट पोस्ट के लोकेशन भी नोट किये जाने चाहिये 

(3) उर्ध्वाधर प्रोफाइल को प्लांट करना :- वर्तमान वर्टिकल रेल प्रोफाइल (डेटम रेल ) का और फार्मेशन प्रोफाइल को ग्राफ शीट पर ट्रैक की लम्बाई को x - अक्ष वाली भुजा तथा रेल टॉप और फार्मेशन को y - अक्ष पर प्लांट किया जाना चाहिये अपनाया गया पैमाना निम्नलिखित होना चाहिये - 

क्षैतिज स्केल - 1: 1000 या सेमी = 10 मी, और 
वर्टिकल स्केल - 1: 10 या मिमी = 10 मिमी. 

फार्मेशन लेवल प्लांट करने के बाद ग्राफ पर वांछित रेल तल चिन्हित किये जाने चाहिये अर्थात पीएससी ट्रैक पर 60 केजी. रेल के मामले में 30 सेमी बैलास्ट कुशन के माप में 70 सेमी जोड़ते हुए और पीएससी स्लीपर पर 52 किग्रा रेल के मामले में 68 सेमी जोड़ते हुए ग्राफ पर प्रस्तावित उर्ध्व तल मार्किंग करते समय वांछित रेल को ध्यान में रखना चाहिए 

(4) प्रस्तावित रेल प्रोफाइल :- अंतिम तल निर्धारित करते समय निम्नलिखित बातो का ध्यान रखा जायेगा - 

(i) उपखंडो को उच्च बिन्दुओ एवं आबलीगेटरी बिन्दुओ को ध्यान में रखते हुए चुना जायेगा 

(ii) जहाँ तक हो सके एक समान ढाल की लम्बी दूरियों को निर्माण की गहराई को ध्यान में रखते हुए नियोजित किया जाना चाहिए और ट्रैक के उठान या नीचे करने के परिणामो को ध्यान में रखना चाहिए किसी भी हाल में प्रस्तावित ग्रेडीयट सेक्शन के रूलिंग ग्रेडियट से अधिक नही होना चाहिए उर्ध्वाधर गोलाईयो का अभिकल्प करते समय बतायी गयी बातो का ध्यान रखना चाहिए 

(iii) उपरी संरचना (ओ. एच.ई. सहित ) का अन्तराल अनुमत सीमाओं के अंतर्गत अनुरक्षित किया जाना चाहिए 

(iv) पुनर्भीकल्पित किये हुए प्रोफाइल में आबलीगेटरी बिन्दुओ जैसे की गर्डर पुल, समपार व कांटो की उठाई और निचाई को सामान्यत: शामिल नही किया जाना चाहिए 

(v) पुनर्भीकल्पित किए हुए प्रोफाइल का उद्देश्य लिफ्टिंग के द्वारा सैंग और हम्प को सरल किया जां चाहिये यह आवश्यक नही होता है कि लाइन के मूल अनुदैर्ध्य परिच्छेद को भाल किया जाये 

(vi) सामान्यतया पुनर्भीकल्पित प्रोफाइल इस प्रकार संगणित किया जाना चाहिए कि केवल लिफ्टिंग करने की ही सुविधा होती है लोअरिंग तो अपवाद परिस्थितियों में ही की जायेगी 

(vii) बताया गया न्यूनतम बैलास्ट कुशन सुनिश्चित किया जाना चाहिए हालाकि उसके ऊपर बैलास्ट का मान बताये गये कुशन हेतु उचित उर्ध्वाधर गोलाइयो का डिज़ाइन करते हुए बढ़ायी जा सकती है 

(viii ) ऐसे लोकेशन जहाँ मामले में जहाँ समपार पर लिफ्टिंग प्रस्तावित की जाती है फील्ड स्टाफ को उसी समय में सडक की सतह को उंचा उठाने और पहुंच मार्गो को रिग्रेड करने के लिए तैयार रहना चाहिए 

5. प्रोफाइल पुनर्भीकल्पित करते समय आवश्यक बाते निम्न प्रकार है :- 

(i) उर्ध्वाधर गोलाइयो को छोडकर :- 20 मी. के जीवा पर असमता निम्नलिखित से अधिक नही होनी चाहिए - 

(क) 110 किमी / घंटा से अधिक गति के उच्च गति मार्गो पर 40 मिमी. (2000 मी. उर्ध्वाधर अर्धव्यास के अनुसार ) 

(ख) अन्य लाइनो के लिए 65 मिमी (12000 मीटर उर्ध्वाधर अर्धव्यास के अनुसार ) 

(ii) उर्ध्वाधर गोलाइयो के लिए 20 मी. के जीवा पर असमता 10 मिमी से अधिक नही होना चाहिए (5000 मी. उर्ध्वाधर अर्धव्यास के अनुसार ) 

पुनर्भीकल्पित किया हुआ प्रोफाइल  विश्लेष्णात्मक रूप में सत्यापित किया जाना चाहिए ताकि ऊपर बतायी गई असमता की सीमाये लांघी न जाये विभिन्न बिन्दुओ पर अंतिम तलो को संगणित किया जाना चाहिए न कि ड्राइंग से माप कर निकाला जाये प्रस्तावित लेवल कम से कम मंडल अभियंता अथवा समकक्ष अधिकारी द्वारा स्वीकृत होनी चाहिए इस प्रकार तैयार कार्य प्रणाली संबंधित कर्मचारियों एवं सहा. मंडल अभियंता को वितरित किया जाए कम्प्यूटर के द्वारा डिज़ाइन किया हुआ लंबवत प्रोफाइल का सोफ्टवेयर इरिसेन पुणे द्वारा बनाया गया है 

6. सतहीय क्रिया :- उठाई / धंसाई कार्य के लिए रेल सतह का वास्तविक / प्रस्तावित चिन्ह ओएचई के खम्बे पर लगा दिया जाता है अविद्युतीय सेक्शन में स्थायी खूंटी हर 5 वे स्टेशन पर दिया जाये निम्नलिखित आदेशो का पालन करते हुए उठाई / धंसाइ का कार्य किया जाना चाहिए कार्य के बाद प्रोफाइल किसी प्रकार पूर्व प्रोफाइल के समान अथवा भिन्न हो सकता है, इसलिए यह जरूरी है कि इसे ओ.एच.ई. खम्भे के स्थायी चिन्ह अथवा अन्य कोई संदर्भ चिन्ह हो तो उससे मिला लिया जाये इस प्रकार अंतिम लेवल एवं डिज़ाइंड लेवल में अंतर 10 मिमी से अधिक न हो तथा एक स्टेशन से दुसरे के बीच विषमता 20 मिमी से अधिक न हो यह सुनिश्चित करने के लिए से. इंजी . जे. ई. सेक्शन को सभी स्टेशनो की विषमता की जाँच करके मशीन प्रभारी को अवगत क्रातेहुए इसे दूर करने अथवा अनुमत सीमाओं के अंदर लाने की कार्यवाही की जानी चाहिए 

7. सीधाई में सुधार के लिए सर्वे :- सभी वेल्डो / रेलों के किंक सीधाई दोष मापने के पहले ही ठीक कर लिये जाये कुछ स्थितियों में यदि समतलीय गोलाई के सतहीय प्राधिकार पुनसंरेखण किया जाना हो तो दोनों कार्य एक साथ किया जाए सीधी लाइन में सीधाई की माप 40 मी. लम्बी डोरी द्वारा ली जाए तथा प्रत्येक दुसरे स्लीपर को आवश्यकतानुसार स्लू देकर प्रत्येक 5 मी अन्तराल पर ऑफसेट  मापा जाय प्रत्येक दुसरे स्लीपर पर स्लू अवश्य लिखा जाना चाहिए गोलाई में वरसाईंन की माप 20 मिमी की डोरी द्वारा 10 मी. के अंतराल पर की जाती है स्लू के कार्य के दौरान किसी स्थायी संरचना एवं किसी प्रकार के गतिशील मानको के सीमा का उलंघन न हो टैम्पिंग के पूर्व एवं टैम्पिंग के बाद के कार्यो को से. इंजी. (पी. वे.) द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए 

सिंगल कार्ड लाइनिंग पध्दति :- यह पद्धति सभी टैम्पिंग मशीनों में यू. टी. मशीनों को छोडकर इलेक्ट्रानिक विधि द्वारा संचालित होता है इस पध्दति में 4 - पॉइंट एवं 3 - पॉइंट लाइनिंग व्यवस्था दी  गयी है 

(i) 4 - प्वाइंट लाइनिंग विधि :- इस विधि में सीधाई माप के रेल के विरुध्द ट्रालियां बिंदु ए. बी.सी और डी पर वायुचालित दाब द्वारा, विशेषकर गोलाई के बाहरी रेल ट्रालियां बिंदु ए, बी, सी, और दी पर वायुचालित दाब द्वारा, विशेषकर गोलाई के बाहरी रेल पर रखी जाती है ए और डी के बीच खींची गयी वायर कार्ड - रिफरेंस लाइन " को बताती है ट्रांस्ड्यूसर  जो कि ट्राली के साथ जुड़ा है तथा लाइनिंग ट्राली सी को रिफरेन्स लाइन से फार्क और वायर ड्राइव के साथ जोड़ दिया जाता है अब बिंदु ' बी' पर मापा गया आर्डिनेट इलेक्ट्रानिक सर्किट के साथ गुणित कर प्राप्त विशिष्ट अनुपात को ' सी' के आर्डिनेट के साथ तुलना की जाती है इस प्रकार से प्राप्त विद्युतीय सिंग्नल जो हाइड्रालिक कंट्रोल और लाइनिंग मकेनिज्म को आवश्यक सुधार के लिए कार्यरत करती है जब यह प्रणाली गोलाई के ट्रांजिशन वाले भाग में कार्यरत होती है तो आगे की ट्राली में लगे डिजिटल कंट्रोल द्वारा आवश्यक सुधार किया जा सकता है 

(i) 4 - पॉइंट लाइनिंग विधि :- इस विधि में सीधाई माप के रेल के विरुध्द ट्रालियों बिंदु ए, बी, सी, और डी पर वायुचालित दाब द्वारा, विशेषकर गोलाइ के बाहरी रेल पर रखी जाती है ए और डी के बीच खींची गयी वायर कार्ड  " रिफरेन्स लाइन" की बताती है ट्रांस्ड्यूसर जो ट्राली के साथ जुड़ा है तथा लाइनिंग ट्राली सी को रिफरेंस लाइन से फार्क और वायर ड्राइव के साथ जोड़ दिया जाता है अब बिंदु ' बी' पर मापा ज्ञा आर्दिनेट के साथ युलना की जाती है इस प्रकार से प्राप्त विद्युतीय सिंग्नल जो हाइड्रालिक कंट्रोल और लाइनिंग मकेनिज्म को आवश्यक सुधार के लिए कार्यरत करती है जब यह प्रणाली गोलाइ के ट्रांजीशन वाले भाग में कार्यरत होती है तो आगे की ट्राली में लगे डिजीटल कंट्रोल द्वारा आवश्यक सुधार किया जा सकता है 

(ii) 3 पॉइंट लाइनिंग पध्दति :- 

रेल पटरी को (बी.) (सी.) और (डी) ये तीन स्थानोंपर नापा जाएगा और विस्तृत सैध्दांतिक वरसाइन के अनुसार लाइनिंग किया जायेगा डोरी को फोर्क के जरिये (बी) स्थान पर लगाने के बाद पोटेनशिओमीटर को बंद किया जाना चाहिए कार्ड (बीडी) पर (सी) बिंदु पर  आर्डनेट नापने के बाद उसको प्रीसेट आर्डनेट अंको के साथ मिलाया जाएगा यदि इसमें कोई अंतर पाया जाता है तो टाइल लाइनिंग कंट्रोल सक्रीय हो के ज़रूरी सुधार को अंजाम देते है 

3 पॉइंट लाइनिंग पध्दति मुख्यत: उपयोग में लायी जाती है - 
- जब ट्रैक का उल्लेखित त्रिज्याओ एवं वरसाइन के अनुसार लाइनिंग करना हो 
- लाइनिंग सिस्टिम को द्रश्यता उपकरण एवं दूर नियंत्रको के साथ प्रयोग में लाना है तो 

ट्रैक मशीनों का मिड सेक्शन में ख़राब होना - 

ब्रेक डाउन कि स्थिति में, ट्रैक मशीन का संरक्षण करना चाहिए और मशीन स्टाफ को यथा निर्देशित गति प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए (प्रोटेक्शन - मशीन फेल होने के स्थान से 600 मीटर पर एक पटाखा तथा १२०० मीटर पर 10 मि के अन्तराल में 3 पटाखे लगाकर मशीन का संरक्षण करना चाहिए ) ट्रैक मशीन का ब्लाक सेक्शन में फेल हो जाना, वर्ग (एच) अधीनस्थ अपघात माना जाता है, ट्रैक मशीनों का अपघात, समुचित वर्ग का रेल अपघात (दुर्घटना) माना जाएगा तथा दुर्घटना नियमो के अनुसार उचित कार्यवाही की जाती है ट्रैक मशीन को ब्लाक सेक्शन में फेल हो जाने पश्चात, जे. ई. / एस. ई. (रेलपथ ) निर्धारित करेगा की खराब मशीन को नजदीक स्टेशन पर ले जाना है, यदि ब्रेक पॉवर सही स्थिति में है, नही तो वो नजदीकी स्टेशन प्रबन्धक और खण्ड नियंत्रक को पोर्टेबल फोन दुवारा सूचित करके, मशीन को ढोने के लिए लाईट इंजिन की मांग कर सकता है यदि मशीन इंचार्ज को ऐसा लगता है कि सेक्शन साफ़ करने में ज्यादा समय लग सकता है तो तुरंत वो दुर्घटना राहत यान कि मदद मांग सकता है इसके दौरान मशीन इंचार्ज मशीन को ठीक दुरुस्त करने हेतु सभी जरूरी कार्यवाही करेगा 

छोटी ट्रैक मशीन 




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Index -

01. INTEGRATED CONCEPT AND OBJECTIVES OF MATERIALS MANAGEMENT (1) 01.02 रेलपथ निरक्षक तथा सहायक मंडल अभियंता के कर्तव्य (1) 02 रेलपथ (1) 02. ORGANIZATION OF MATERIALS MANAGEMENT DEPARTMENT (1) 02.01 90 यूटीएस रेलों के सम्भाल (1) 02.04 रेल तापमान (1) 02.05 रेल जोड (1) 03 स्लीपरो के कार्य (1) 03. CLASSIFICATION/CODIFICATION NOMENCLATURE OF STORES ON INDIAN RAILWAYS (1) 03.01 विभिन्न प्रकार के स्लीपरो की तुलना (1) 03.02 लचीले बंधन (1) 03.03 स्लीपर बिछाना (1) 04. PLANNING OF NON-STOCK ITEMS AND PROCESSING OF REQUISITION (1) 04.01 ट्रैक के लिए बैलास्ट प्रोफाइल (1) 04.02 फार्मेशन (1) 04.03 ब्रिज (पुल) (1) 05 पाइंट्स तथा क्रासिंग - परिचय एवं परिभाषाए (1) 05 PLANNING OF STOCK ITEMS & SYSTEMS OF RECOUPMENT (1) 05.01 विषेश ले आउट (1) 05.02 पृथक्रकरण (आइसोलेशन ) (1) 05.03 तथा क्रासिंग का अनुरक्षण तथा निरक्षण (1) 05.04 पॉइंट्स एवं क्रासिंग की (1) 06 गोलाई का प्ररंभिक ज्ञान (1) 06 PURCHASE POLICY (1) 06.01 वर्को का पुनः संरेखण (1) 07 Purchase Procedure on zonal Railways (1) 08 TENDER EVALUATION AND MISCELLANEOUS POLICY ISSUES IN PURCHASES (1) 08.01 व्यव्स्तिथ ओवरहालिंग (1) 08.02 रेलपथ अनुरक्षण का वार्षिक कार्यक्रम (1) 08.04 गहरी छनाई (1) 08.04.1 रेलपथ का उठाना लोवेरिंग तथा क्रीप (1) 08.05 छोटी वेल्डेड रेल ( एसडब्लूआर ) (1) 08.06 आन ट्रैक मशीन (1) 08.07 छोटी ट्रैक मशीने (1) 08.09 विद्युतीकृत सेक्शन में हाइट गेज (1) 08.11 अंडर ट्रायल सामग्री का रिकॉर्ड (1) 09 गति प्रतिबन्ध और संकेतक (1) 09 Receipt And Inspection of stores (1) 09.01 ठेकेदार की सुरक्षित कार्य प्रणाली (1) 09.03 रेल संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति वाले कार्य (1) 10 निरक्षण का उद्देश्य (1) 10 ISSUE AND DISTRIBUTION OF STORES (1) 10.01 राइडिंग गुणवत्ता तथा राइडिंग इंडेक्स (1) 10.03 सिटीआर तथा टीजीआई (1) 10.04 रेलपथ प्रबंधन पध्दति (टीऍमएस ) (1) 11 RETURNED STORES (1) 11.01 स्लीपरो का बिछाना (1) 12 दुर्घटना (1) 12 Scrap Disposal (1) 12.01 ब्रीच (1) 12.02 डाईवर्शन (1) 13 INVENTORY MANAGEMENT (1) 14 लंबी वेल्डित रेल (परिभाषाए) (1) 14.01 एलडब्लूआर / सीडब्लूआरके लिये स्वीकृत स्थान (1) 14.02 एलडब्लूआरकी डीस्ट्रेसिंग (1) 14.03 एलडब्लूआर / सीडब्लूआर का अनुरक्षण (1) 14.04 रेलपथ पर्येवेक्षक - मेट तथा चाबीदार के लिए अनुमत तथा निषिद्ध कार्य (1) 15 - सर्वेक्षण (1) 15 बयाना राशि और जमानत राशि (1) 15.01 SURVEYING (2) 16 रेलवे टेंडर सिस्टम (Railway Tender System) (1) Accidents (2) Active & Passive Earth Pressure (1) Anti corrosive treatment (1) Ballast (2) Bearings in Bridge (1) Blanketing Material (1) Bridges (2) Buckling of track (1) Building Work (1) Cant deficiency & Cant Excess (1) Census (1) Chequered Tiles (1) Chlorination of Water (2) Chlorination Practices (1) Chlorine demand (1) Civil Engineering - Bridges (2) Civil Engineering - P Way (40) Civil Engineering - Works (5) CMS Crossing (1) Completion report (1) Contour & Contour interval (1) Correction Slip (1) CRS Sanction (1) CTR and TGI Value (1) Curing of Concrete (1) curves (2) Deep Screening (2) Design mode (1) Design of concrete mix (2) Destressing (1) Disinfection of water (1) disposal of human waste: (1) Distressed bridges (2) Distressing of LWR (2) distribution System (1) dry density (1) Duties (3) Duties & Responsibilities (9) Duties of Gateman (1) E01.02 Duties of Keyman / Mate / PWS (1) E02.01 Permanent Way (1) E02.02 Handling of 90 UTS rails (1) E02.05 Rail Temperature (1) E02.06 Rail Joints (1) E02.07 Maintenance of Rail Joints (1) E03.01 SLEEPERS AND FASTENINGS - Functions of Sleepers (1) E03.02 Comparison between Various Types of Sleepers (1) E03.04 Laying of Sleepers (1) E04.02 Ballast Profile for L.W.R. track (1) E04.04 Bridges (1) E05.01 Points & Crossings: Introduction & Definitions (1) E05.04 Maintenance and Inspection of Points and Crossing (1) E05.05 Reconditioning of Points and Crossing (1) E06.01 Basics of Curves (1) E06.02 Realignment of Curve (1) E08.01 MAINTENANCE OF TRACK-Through packing (1) E08.02 Systematic Overhauling (1) E08.03 Annual Programme for Regular Track Maintenances (1) E08.04 Lifting/ Lowering of Track and Creep (1) E08.05 Deep Screening (1) E08.06 Short Welded Rail (1) E08.07 Maintenance of SWR (1) E08.10 Level Crossing (1) E08.11 Equipments at Level Crossing (1) E08.12 Maintenance / Examination / Inspection of Level Crossing / Gate (1) E08.14 Welding of Rails (1) E08.15 Records of Material under Trial (As per Cs.no 99) (1) E09.01 Speed Restriction and Indicators (1) E09.02 Safe Working of Contractors (As per Cs.No 95) (1) E09.03 Works Requiring CRS Sanction (1) E10.01 INSPECTION OF TRACK - Object of Inspection (1) E10.02 Riding Quality and Riding Index (1) E10.03 Track Recording and Oscillograph Car (1) E10.04 CTR and TGI Value (1) E12.01 ACCIDENTS AND BREACHES - Accidents (1) E12.02 Breaches (1) E12.03 Diversion (1) E14.01 LONG WELDED RAIL - Definitions (1) E14.02 Permitted locations for LWR/CWR (1) E14.04 Maintenance of LWR / CWR (1) E14.05 DOs and Don’ts OF LWR For PWM / MATES & KEYMAN (1) Egineering (1) Elastic Fastening (1) Elastic Rail Clip (1) Encroachments of Railway land. (2) Engineering (26) Engineering - Book (3) Examination of Rails (2) Fabrication of Glued joint IN SITU. (1) Flushing cisterns (1) FOB (1) Gateman (2) Greasing of ERCs (1) Grow More Food Scheme (1) Guideline (3) H02 भण्डार विभाग का महत्व (1) H03 भण्डार डिपो की संरचना (1) H04 भण्डार का वर्गीकरण (1) H05 कोडिफीकेशन (1) H06 मानकीकरण एवं उसकी उपयोगिता (1) H07 वित्तीय औचित्य के सिध्दांत (1) H08 क्रय के विभिन्न माध्यम (1) H09 क्रय में विविध अधिमान्यताए (1) H10 भण्डार विभाग के अधिकारियो की क्रय शक्तियां (1) H12 निविदा समिति (1) H13 अनुबंध (1) H16 स्थानीय खरीद (1) H17 भण्डार डिपो में भण्डार प्राप्ति के स्त्रोत (1) H18 महत्वपूर्ण वस्तुए एवं उनकी खरीद (1) H19 भण्डार डिपो का संगठन एवं कार्य (1) H20 प्राप्ति अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H21 वार्ड की क्रिया - विधि (1) H22 प्रेषण अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H23 बहीखाता अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H24 डिपो प्रणाली (1) H25 भण्डार का निरीक्षण (1) H26 अस्वीकृत भण्डार (1) H27 लौटाया गया भण्डार (1) H28 अग्रदाय भण्डार (1) H29 अधिशेष भण्डार (1) H30 रेल सामग्री की बिक्री (1) H31 रद्दी माल और नीलामी बिक्रिया (1) H32 वस्तु - सूची नियंत्रण (1) H33 स्टॉक सत्यापन (1) H34 मांगकरताओ व्दारा डिपुओ से भण्डार प्राप्त करने की प्रक्रिया (1) H35 संक्षिप्त टिप्पणीयां (1) Handling of 90 UTS Rails (1) Height Gauges on Electrified Section (1) Honey combing of concrete & its prevention (1) Hot Weather Patrolling (1) Imprest Store (1) INDEX (2) Indicator Boards & Signages (1) Inspection (6) Insulated joints (1) Isolation (1) Keyman / Mate / PWS (3) Laying of Sleepers (1) LDCE Exam (3) Level Crossing (2) Level crossings (2) Licensing Railway Land cultivation (1) Liner Biting (1) LWR (6) Maintenance (2) Maintenance in Electrified Area (2) Maintenance of CMS Xing (1) Maintenance of P Way (5) Maintenance of Rail Joints (1) Maintenancee of SWR (1) Manson precaution (1) Monsoon Patrolling (2) Numerical rating system (NRS) (1) Optimum moisture content (1) P Way (23) Pandrol Clip (1) pass (1) Patrolling of Rail Permanent Way (6) Permanent Way (2) Permanent Way (P Way) (10) Pile Foundation (1) Points and Crossing (3) Protection of Rail (1) Pumping Water Level (1) PWI (1) PWI / AEN / DEN (1) quality control (2) Question & Answer (62) Rail Clusters (1) Rail Formation (2) rail fracture (1) Rail Joints (1) Rail Renewal (3) Rail Welding (3) Rails Defects (2) Railway Affecting Works (1) Railway Construction (1) Railway Organisation (2) Realignments of Curve) (1) Reconditioning of Points and Crossing (1) Rehabilitation of Bridges (1) Renewal of Rail (1) River Training protection work (1) safe speed (1) Safe Working (1) Safety at P. Way Work Site (1) Schedule of Inspection of Bridges (1) Short Note - Bridge (8) Short Note - P Way (48) Short Note - Works (35) Short Notes - Mislanious (7) Sleeper (4) Sleeper Cribs (1) Soil Consistency (1) Special Layouts (2) Speed Restriction and Indicators (2) Static Water Level (1) Steel Structures (1) Stock sheet (1) Store (34) super elevation (1) Tender System (1) Testing of Rails (2) TGI and OMS (1) Thermit Welding (1) Through Parking (2) Tiles (2) Track Circuited Areas (2) Track Inspection (1) Track Machines (6) Track Management System (1) Track Tolerances (2) track-Overhauling (1) Transitions (1) Turnout (1) urinals (1) USFD (2) Venerable location (1) VIDEO (2) wash basin. (1) Washable Aprons (1) Water Cement ratio (1) Water closetsu (1) Water Quality (1) Water Supply (1) Waterproofing (1) weld failure (1) Well Foundation (1) Winter Precautions (1) Workability of Concrete (1) Working of Contractors (2) works (9) कार्य एवं उद्देश्य (1) ट्रैक रिकॉर्डिंग तथा दोलन लेखी कार (1) रेल पथ मेट के कर्तव्य (1)