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Wednesday, March 27, 2024

P Way वेल्डेद रेल (Welded रेल) संबंधित परिभाषाएँ




परिभाषाएं
लंबी वेल्डित रेल (एलडब्लूआर) -

एक वेल्डित रेल होती है जिसके मध्य भाग में ताप विभिन्नताओं के कारण किसी प्रकार का अनुदैर्ध्य संचलन नही होता। बडी लाईन में 250 मीटर से अधिक लंबी तथा मीटर लाईन में 500 मीटर से अधिक लंबी रेल सामान्यतः एलडब्लूआर के रुप में कार्य करेगी। भारतीय स्थितियो में एलडब्लूआर की अधिकतम लंबाई एक ब्लाक सेक्शन तक सीमित रखी गई है।

सतत वेल्डित रेल (सीडब्लूआर) (शु.प. सं. 8) -

ऐसा एलडब्लूआर जो स्टेशन यार्ड (पांईट तथा क्रासिंग के साथ) से लगातार जाता है।

 शार्ट वेल्डिड रेल (एसडब्लूआर) - एक वेल्डित रेल है जो अपनी पूरी लंबाई में फैलती सिकुडती है।

* नोट- सामान्यतः एसडब्लूआरकी लंबाई बडी लाईन के लिये 3X13 मीटर लाईन के लिये 3X12 मीटर होती है।

श्वसन लंबाई - एलडब्लूआर/ सीडब्लूआर के सिरो पर वह लंबाई है जो ताप परिवर्तन के कारण फैलती/ सिकुडती है। सामान्यतः बडी लाईन तथा मीटर लाइन में श्वसन लंबाईया विभिन्न ट्रैक संरचनाओं तथा विभिन्न तापमान क्षेत्रो के लिये भिन्न भिन्न होती है।

स्विच विस्तार जोड (एसईजे) - एक फैलाव जोड है जो एलडब्लूआर/सीडब्लूआर के प्रत्येक सिरे पर लगा होता है तथा पास की श्वसन लंबाई को ताप परिवर्तन के कारण फैलने / सिकुडने की स्वीकृति देता है।

बफर रेल - एसईजे के स्थान पर प्रदान की गई रेलो का एक सेट होता है जो एलडब्लूआर/सीडब्लूआर के सिरों पर ताप परिवर्तन के कारण पास की श्वसन लंबाईयो को फैलने/ सिकुडने की स्वीकृति प्रदान करता है। जहाँ पर एसईजे स्वीकृत नही है वहाँ मुख्य इंजीनियर की पूर्व अनुमति के साथ इन्हे बिछाया जाता है। बफर रेलो को अस्थाई अनुरक्षण/नवीनीकरण क्रियाओं में भी सुविधा के हिसाब से डाला जाता है।

रेल तापमान - कार्यस्थल पर रेल का तापमान जो अनुमोदित प्रकार के रेलथर्मामीटर व्दारा रिकार्ड किया जाता है। यह आसपास के तापमान से भिन्न होता है जो उसी स्थान पर छाया में वायु का तापमान होता है। 

* नोट- भारतीय रेलो में रेलपथो को रेल तापमान क्षेत्रो को दर्शाते हुए भारत के मानचित्र में दिखाये गये अनुसार चार तापमान क्षेत्रो में बांटा गया है। 

औसत रेल तापमान (tm) - एक सेक्शन के लिए उस सेक्शन में रिकार्ड किये हुये अधिकतम और न्यूनतम रेल तापमानो का औसत तापमान होता है।


डिस्ट्रेसिंग - वह कार्य है जो वांछित/निर्धारित रेल तापमान पर एलडब्लूआर/सीडब्लूआर में प्रतिबल युक्त दशाओ को रेलटेंसर के साथ अथवा के बिना सुनिश्चित करे।

संस्थापन तापमान (ti) - एलडब्लूआर/सीडब्लूआर के स्थापना के समय रेल को स्लीपर से बांधने की प्रक्रिया के दौरान रेल का औसत तापमान है।

डिस्ट्रेसिंग तापमान (ta) - बिना रेलटेंसर के प्रयोग के एलडब्लूआर को प्रतिबल रहित करने के पश्चात, रेल को स्लीपरो से बांधने की अवधि के दौरान रेल का औसत तापमान है। यदि रेलटेंसर का प्रयोग किया जाता है तो td प्रत्येक उद्देश्य के लिये यथा पारिभाषित to के समान होता है। td अथवा to की सीमा नीचे दिखाये गये रेल तापमान की सीमाओं के अंदर होगी 

जोन I, II & III, 

सभी रेलों के लिये -  tm से tm +5°C

जोन IV - 
(i) 52 केजी तथा भारी सेक्शन - tm+5°C से tm +10°C

(ii) अन्य -  tm से tm +5°C

प्रचलित रेल तापमान (tp) - डिस्ट्रेसिंग से संबंधित किसी कार्य को किये जाने के समय का विद्यमान रेल तापमान होता है।

प्रतिबल मुक्त तापमान (to)- रेल का वह तापमान है जिस पर रेल तापीय प्रतिबल से मुक्त होती है। जब डिस्ट्रेसिंग कार्य के लिये टेंसर प्रयोग किये जाते है तब कार्य को tp पर किया जाता है, जो प्रतिबल मुक्त तापमान से कम होगा। टेंसर व्दारा उत्पन्न किये गये खिचाव की गणना निम्नालिखित सूत्र से निकाली जायेगी 

विस्तार = La (to- tp)

जहाँ L रेल के टुकड़े की लंबाई होती है जिस पर विस्तार को लगाया जाता है तथा a रेल इस्पात के रेखीय तापीय विस्तार का गुणांक होता है।

रेलटेंसर - रेल को शारीरिक रुप से खींचने के लिये प्रयुक्त की जाने वाली हाइड्रॉलिक अथवा यांत्रिक युक्ति होती है।

एंकर लंबाई - एंकर लंबाई ट्रैक की वह लंबाई है जो तापमान tp पर रेल पर लगाये गये खिंचाव का प्रतिरोध करती है। प्रयोगात्मक उदेश्य के लिये इसे बीजी पर 2.5 मी. प्रत्येक डिग्री सेल्सियस (tda - tp) के बराबर माना जाता है।

गर्मी मौसम की पेट्रोलिंग - गर्मी मौसम की पेट्रोलिंग तब किया जाता है, जब रेल तापमान td + 25° से अधिक हो जाता है (पीएससी स्लीपर 1540 स्लीपर/ किमी. या उससे अधिक हो) रेल का तापमान td + 20° से अधिक हो जाता है। (अन्य स्लीपर तथा पीएससी स्लीपर 1540 स्लीपर/किमी से कम हो)।

ठंडे मौसम की पेट्रोलिंग - ठंडे मौसम की पेट्रोलिंग वर्ष के ठंडे महीनों में रेल तापमान td - 30° से कम होने पर मुख्य इंजिनीयर के निर्देशो के अनुसार विशिष्ट भागों में की जाती हैं।

रेलपथ का सुदृढीकरण (ट्रैक का कन्सोलिडेशन) - स्लीपर से गिट्टी का प्रतिरोध निर्माण की वह प्रक्रिया है जो निम्नंकित में से किसी एक के द्वारा प्रतिरोध हानि को पूरा करने अथवा एलडब्लूआरको बिछाने के पहले की जाती है -

(1) कंक्रीट स्लीपर के अलावा दूसरे स्लीपर वाले रेल पथ की संरचना के लिये -

(क) बीजी पर यातायात के कम से कम 3,00,000 सकल टन अथवा एमजी पर यातायात के कम से कम 1,00,000 सकल टन का पारगमन (जब गिट्टी का कम्पैक्शन हस्तचालित कम्पैम्टरों / कन्सोलिडेटर अथवा रैमरों से किया जाता है) ।

(ख) बडी लाइन पर यातायात के कम से कम 50,000 सकल टन अथवा मीटरगेज लाइन पर यातायात के कम से कम 20,000 सकल टन का पारगमन अथवा दो दिनों की अवधि जो बाद में हो (जब कम्पैक्शन यन्त्रीकृत शोल्डर व क्रीब कॉम्पेम्टरों द्वारा की जाती हो)।

(2) कंक्रीट स्लीपर वाले रेल पथ हेतु बडी लाइन पर यातायात के कम से कम 50,000 सकल टन अथवा मीटरगेज लाइन पर कम से कम 20,000 सकल टन का पारगमन अथवा दो दिनों की अवधि जो बाद मे हो ।

(iii) डायनैमिक ट्रैक स्टेबलाइजर (डीटीएस) द्वारा स्थायीकरण का एक चक्कर । 

(iv) नये बिछाये गये एलडब्लूआर / सीडब्लूआरके लिये कम से कम पैकिंग के तीन चक्कर जिसमें बाद के दो ट्रैक टैम्पिंग मशीनों द्वारा किये जाये ।

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