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Monday, September 12, 2022

समपार फाटक, वर्गीकरण, पाशन व्यवस्था, समपार संकेतक एवं उपकरण

समपार फाटक बनाने का सामान्य स्थल :-

जहाँ तक संभव हो, नया समपार ऐसे किसी यार्ड में नही बनाया जाना चाहिये जहाँ पर सडक यातायात को काफी देर के लिये रोकना पड़े तथा परिचालन में कठिनाई आती हो यदि ऐसे समपार का बनाना अत्यंत आवश्यक हो वहां पर फाटक सबसे अंतिम फेसिंग पॉइंट के बाहर होना चाहिये, ऐसे स्थान जहाँ पर पहले से ही ऐसे फाटक मौजूद हो तो जहाँ पर से सड़क यातायात को काफी विलम्ब का सामना करना पड़ता हो ऐसे उपाय किये जाने चाहिये कि उन्हें रोड ओवर / नीचे पुलिया कराये जाये , या उन्हें सबसे किनारे के फेसिंग पॉइंट के बाहर बनाया जाये विशेषत: गेज परिवर्तन के दौरान यार्ड दुबारा बनाना और दोहरीकरण तथा इसका प्रचालन केबिन से संभव होना चाहिए

समपार फाटक का वर्गीकरण :-

1. समपार फाटक का वर्गीकरण सडक प्राधिकरण के साथ मिलकर सेट करना चाहिए जिसमे सड़क की श्रेणी, द्रश्यता स्थिति, सड़क में आवगमन और लेवल क्रासिंग से गुजरने वाली गाडियों की संख्या पर ध्यान रखना चाहिए

2. लेवल क्रासिंग को निम्न भागो में वर्गीकृत किया गया है -

(क) स्पेशल क्लास - उन सडको पर जहाँ टीवीयू 50, 000 से ज्यादा हो

(ख) ए क्लास - उन सडको पर जहाँ टीवीयू 50, 000 और 30, 000 के बीच में हो अथवा पटरी की क्षमता का 80% उपयोग हो (इकहरी लाइन पर ) और सड़क वाहनों की संख्या 1000 से ज्यादा हो

(ग) बी क्लास - उन सडको पर जहाँ टीवीयू 30, 000 और 20,000 के बीच हो और सड़क वाहनों की संख्या 750 से अधिक हो

बी - 1 - उन सडको पर जहाँ टीवीयू 30, 000 और 25, 000 के बीच हो

बी -2  - उन  सडको पर जहाँ टीवीयू 25 , 000 और 20, 000 के बीच हो

(घ) सी क्लास - वे सभी लेवल क्रासिंग जहाँ की सडको पर उपरोक्त शर्ते पूरी नही होती

(ड) डी क्लास - जानवरों के लिए

3. कोलियरी, फेक्ट्री और इसी तरह की अन्य साइडिंग पर जहाँ रेलवे ट्रेफिक कम होता है लेवल क्रासिंग का वर्गीकरण स्थानीय परिस्थति के अनुसार किया जाता है जिसकी मान्यता सीआरएस से  ली जाती है ताकि प्रत्येक केस में लेवल क्रासिंग पर गाडियों की सुरक्षित कार्य के लिए कदम उठा सके

सडको का वर्गीकरण

1. सडको का निम्ननुसार वर्गीकरण किया जाता है -

(क) क्लास I सड़के

(i) राष्ट्रीय राजमार्ग

(ii) राज्यों के राजमार्ग

(iii) शहरों के अंदर की महत्वपूर्ण सड़के और

(iv) शहरो के अंदर और बाहर की सड़के जहाँ सड़क  और रेलवे का ट्रेफिक ज्यादा है

(ख) क्लास II सड़के

(i) बड़ी और अन्य जिला सड़के

(ii) नगरपालिका की कम महत्वपूर्ण सड़के

(iii) कस्बो की वे सड़के जो रेलवे स्टेशन की शंटिंग सीमा के भीतर हो तथा

(iv) अन्य सतही सड़के

(ग) क्लास III सड़के - (i) मिट्टी की सड़के    (ii) कार्ट ट्रेक्स

(घ) क्लास IV सड़के IV सड़के - जानवरों की क्रासिंग तथा पगडंडी

विभिन्न प्रकार के लेवल क्रासिंग के मानक :-

विभिन्न प्रकार के लेवल क्रासिंग में रेलवे सीमा के भीतर विभिन्न पैरामीटर के लिए मानक तय किये गये है इन मानको का सभी नये निर्माण में उपयोग किया जाता है तथा वर्तमान लेवल क्रासिंग के उन्नत स्थिति में भी उपयोग करते है वर्तमान लेवल क्रासिंग परिशिष्ट 9/1 में बताये गये मानको से निम्नस्तर का हो, को केवल श्रेणी परिवर्तित करने के लिये बदलने की जरूरत नही है (शुध्दि पत्र संख्या 115 - गेट की सामान्य स्थिति सड़क ट्रेफिक के लिए खुला /बंद , इंटरलाकिंग, सिग्नल, नजदीक के स्टेशन से टेलीफोन संचार आदि का निर्णय व्यक्तिगत तौर पर डीआरएम द्वारा पीसीई / सीई (सम.) और सीओएम से मंजूरी प्राप्त करके लिया जाता है और प्रत्येक 2 साल में पुनरीक्षण किया जाता है

गेटो की सामान्य स्थिति :-

(1) सामान्य :- कुछ विशेष अनुदेशों के अधीन, जिनमे इन नियमो द्वारा अनुमति दी गयी है के अलावा, समपार के सभी फाटकों को बराबर और रेलवे लाइन के दोनों तरफ आर पार मजबूती से बंद किया जाना चाहिए और सड़क यातायात के लिए आवश्यकतानुसार उन्हें तभी खोला जाए जब उन्हें खोलना सुरक्षित हो, साथ ही कोई रेल प्रशासन किसी विशेष समपार या समपार की श्रेणी के लिए समय समय पर विशेष अनुदेश जारी कर सकता है और ऐसे विशेष अनुदेशों द्वारा किसी भी समपार या समपार की श्रेणी के फाटकों को सामान्यत: सड़क यातायात के लिए खुले रखे जाने की अनुमति दे सकता है और उनमे उन शर्तो को विनिर्दिष्ट कर सकता है, जिनके अंतर्गत फाटकों को रेल गाडियों को गुजरने या अन्य किसी रेलवे संचालन के लिए सड़क यातायत के विरुध्द बंद रखा जाना है

(2) सभी समपारो पर जिन पर से गाड़ियां गुजरना हो, उनमे फटको की समान्य स्थिति निम्न प्रकार होगी :-

(क) विशेष श्रेणी, ए तथा बी 1 श्रेणी के सभी समपार इंटरलॉक तथा संकेतो द्वारा सुरक्षित हो तथा सामान्य अवस्था सड़क यातायात के लिए खुले हो और केवल सड़क यातायात के लिए तभी बंद हो जब कोई गाड़ी पास करती है या सिग्नल को ऑफ करके रेलवे का कोई अन्य कार्य चल रहा हो

(ख) ऐसे समपार जिनमे फाटक है लेकिन संकेत द्वारा सुरक्षित नही है -

फाटक सामान्यत: सड़क यातायात के विरुध्द बंद तथा सुरक्षापूर्वक बंधा होना चाहिए तथा आवश्यकता पड़ने पर ही सड़क यातायात के लिए खोला जाये और ऐसा करना सुरक्षित हो विशेष अनुदेशों के अंतर्गत रेल प्रशासन, ऐसे फाटक जो संकेत द्वारा सुरक्षित न हो, सामान्यत: सड़क यातायत के लिए खुला रखने के अनुमति दे सकता है (कुछ शर्तो के साथ ) जिसके अंतर्गत गाड़ी संचालन या अन्य रेलवे कार्य के लिए फाटक सड़क यातायात के विरुध्द बंद किया जा सकता है

(ग) स्टेशन सीमओं के अंतर्गत समपारो की सामान्य स्थित उपर्युक्त पैरा (क) तथा (ख) की जैसी होनी और स्टेशन के स्थाई संकेत, किसी भी प्रकार की संरक्षा प्रदान करने वाले नही माने जायेगे, जब तक कि वे फाटकों के साथ इंटरलॉक न हो

(घ) मौसम विशेष में अधिक यातायात वाले समपार :-

मौसम विशेष में अधिक सड़क यातायात वाले ऐसे समपार के मामले में जिनके फाटक सामान्यत: सड़क यातायात के लिए बंद किये जाते है, रेल प्रशासन विशेष अनुदेश जारी करके और ऊँ स्थितियों को निर्धारित करके जिसके आधीन गाडियों को गुजारने या अन्य किसी रेलवे संचालन के लिए सड़क यातायात को बंद रखा जा सकता है ऐसे समपारो के फाटकों को मौसम विशेष क्व दौरान जब सड़क यातयात अधिक हो, सड़क यातायात के लिए खुले रहने की अनुमति दे सकता है फाटकों और संबंधित स्टेशनों के लिए संचालन नियमो में इन विशेष अनुदेशों को समविष्ट किया जाना चाहिए

(3) रेलवे लाइन के अनुप्रस्थ बंद होने वाले फाटकों वाले समपारो में सिवाय उन सभी समपारो पर जहाँ पर फाटक की व्यवस्था है फाटक वाला संकेत दिखाने के लिए तैयार रहेगा और इस प्रयोग के लिए निरपवाद रूप से रात्रि के समय उस पूरे समय तक लाल हाथ बत्ती को जलाकर रखेगा और तब तक लगातार दिखायेगा जब तक समपार सड़क यातायात के लिए खुला रहेगा

फाटक और पाशन व्यवस्था-

(1) (क) फाटक अनुमोदित डिज़ाइन के जंजीर, लिफ्टिंग बैरियर या चलनशीन फाटक के रूप में होने चाहिए

(ख) नए मानवयुक्त समपारो पर या वर्तमान मानवरहित समपारो को मानवयुक्त समपारो में उन्नत किये जाने पर सामान्यता लिफ्टिंग बैरियर फाटक लगाए, जो इस प्रकार जुड़े कि वे एक साथ संचलित हो वर्तमान मानवयुक्त समपारो के फाटकों को एक समयबध्द कार्यक्रम के अनुसार लिफ्टिंग बैरियर युक्त फाटकों में बदला जाना चाहिए और इसमें महत्वपूर्ण और व्यक्त फटाको को प्राथमिकता दी जाए

(2) पाशन व्यवस्था -

(क) लिफ्टिंग बैरियर, झूलेदार फाटक या जंजीरे जब सड़क यातायात के लिए बंद हो तो उन पर मजबूती से ताला लगाया जाएगा जब छपके - कुंडे में ताले लगे हो तो पाशन व्यवस्था खराब हो जाने पर, फाटकों में ताला बंद करने के लिए दोनों सिरों पर लूप युक्त दो अतिरिक्त जंजीरे लगाई जानी चाहिए

(ख) समपारो के फाटकों को रेल पथ की तरफ जाने और उसका अतिलंघन करने से रोकने के लिए रोक लगानी चाहिए फाटकों को खुली अवस्था में स्थिर रखने के लिए कैच लगाए जाने चाहिए जिससे कि सड़क यातायत में बाधा न पड़े

(ग) सभी मानवयुक्त समपारो के मामलो में, रोक /फाटकों के क्षतिग्रस्त होने पर उनके स्थान पर प्रयोग करने के लिए दोनों सिरों पर लूपो वाली दो लंबी अतिरिक्त जंजीरे अतिरिक्त रूप में रखी जानी चाहिए लाल रंग की हुई दो प्लेटे भी अतिरिक्त उपस्कर में होनी चाहिए जिन पर (रुकिए) शब्द लिखा हो और जिन्हें भूमि पर रोपित करने की व्यवस्था हो फाटक के पास अलग रेल खम्भे भी लगाए जाने चाहिए ताकि उनपर जंजीरे लगाई जा सके

तिरछे समपार -

(1) सभी सदके रेलवे लाइन को यथासंभव समकोण पर पार करना चाहिए विशेष परिस्थितियों में, पहुंच मार्गो के अनुकूल बनाने के लिए यदि संशोधन आवश्यक हो, तो समपार का कोण 45' से कम नही होना चाहिए

(2) सभी समपारो पर फाटक के खम्भों को सड़क से समकोण बनाना चाहिए

फाटक लैम्प और बलाइंडर -

(1) फाटक की बत्तियां और सड़क उपयोगकर्ता के लिए संकेत लगाना : फाटकों के ऊपर, फाटक की बत्तियां चौकोर साकेटो में इस प्रकार लगाई जानी चाहिए, कि परिशिष्ट  9/1 की मद 6 के अनुसार सड़क उपयोगकर्ता को सही संकेत मिल सके फाटक वालो द्वारा बत्तिया सूर्यास्त के समय जलाई जानि चाहिए और ये सूर्यास्त तक जलती रहनी चाहिए

(2) फाटक की बत्तियां के लिए ब्लाइंडर की व्यवस्था :-

(क) परिशिष्ट 9/1 की मद 6 के अनुरूप सभी फाटकों की बत्तियां में ब्लाइंडर लगाई जानी चाहिए

(ख) विशेष श्रेणी समपारो के अतिरिक्त जहाँ उन्हें उस समय लाल रोशनी दिखाई पड़ेगी, जब फाटक रेल लाइन के अनुप्रस्थ बंद होगा और सड़क यातायात के लिए खुला होंगा अन्य समपारो पर रेलगाडियों के ड्राइवरो को फाटक - बत्तियां से कोई रोशनी का संकेत नही मिलना चाहिए

यातायात और इंजीनियरी फाटक -

(1) यातायात फाटक -

(क) सबसे बाहरी रोक संकेतो के बीच स्थित समपार फाटकों पर फाटक वालो की व्यवस्था और फाटकों का संचालन परिचालन विभाग के नियंत्रण में होगा समपारो और उनसे संबंध्द संरचनाओ की देखभाल इंजीनियरिंग विभाग के नियंत्रण में होगा समपारो और उनसे संबंध संरचनाओ की देखभाल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा की जाएगी

(ख) जब सिगनल द्वारा रक्षित हो, उपस्कर स्टेशन/ ब्लाक हट शासित होंगे और उनका परिचालन स्टेशन संचालन नियमो के अनुसार होगा

(2) इंजीनियरिंग फाटक -

(क) बाहतम स्टाप सिग्नलों के बाहर पड़ने वाले समपार, परिचालन एवं रखरखाव दोनों ही के लिए, रेलपथ निरीक्षक के नियन्त्रण में रहेगे

(ख) जहाँ समपार संकेतो द्वारा रक्षित हो, प्रत्येक दिशा के लिए स्थिर सिगनल संबध्द समान्य नियम (जीआर 3. 34 नया नियम) अनुमोदित विशेष अनुदेशों के अनुसार प्रदान किये जायेगे

(3) संकेतो, अंतर्पाशन और संचार उपस्करों की देखभाल सभी समपारो के मामलो में, चाहे वे सबसे बाहरी रोक संकेतो के बाहर हो या भीतर लगे हो, संकेत विभाग द्वारा की जाएगी

(4) (क) किसी ब्लाक स्टेशन की दोनों दिशाओ में सबसे बाहरी रोक संकेतो के बाहर स्थित ऐसे समपारो पर जो फाटक संकेतो से युक्त हो और / या वे दोनों दिशाओ में निकटवर्ती स्टेशन से टेलीफोन द्वारा जुड़े हो, संकेत व्यवस्था रेखाचित्र सहित, संचालन अनुदेशों को फाटक गुमटी पर रखा जाएगा संचालन अनुदेशों की एक प्रति संबंधित स्टेशन पर भी रखी जाएगी

(ख) ब्लाक स्टेशन के सबसे बाहरी रोक संकेतो के भीतर पड़ने वाले सभी समपारो पर जहाँ टेलीफोन संपर्क की सुविधा है और जिनका परिचालन विशेष अनुदेशों  के अंतर्गत निजी अंक अदला - बदली प्रणाली द्वारा शासित होता है, के संचालन अनुदेशों की अंग्रेजी और स्थानीय भाषा में प्रति को संबंधित स्टेशन के संचालन नियमो के परिशिष्ट के रूप में शामिल किया जाना चाहिए और फाटक की गुमटी पर रखा जाना चाहिए

समपार संकेतक :-

1. सीटी संकेतक :- (i) सभी मानव रहित सी श्रेणी के समपारो अथवा मानवयुक्त समपारो पर जहाँ उनके दोनों ओर 600 मीटर की दूरी तक द्रश्यता स्पष्ट न हो तथा जो विशेष शर्तो के तहत सामान्य स्थिति में सड़क यातायात के लिए खुले है तथा संकेतो द्वारा रक्षण एवं अंतरपाशन रहित हो, डिज़ाइन के अनुसार द्विभाषी सीटी बोर्ड को समपार से 600 मी. की दूरी पर ट्रैक के किनारे लगाया जाना चाहिए ताकि आने वाली गाड़ी का चालक सीटी द्वारा सड़क उपयोगकर्ता को रेलगाड़ी के पहुंचने की श्रवणीय चेतावनी दे सके

ट्रेन चालको को सीटी बोर्ड के स्थान से लेकर समपार से गुजर जाने तक लगातार सीटी बजाते रहना चाहिए यद्यपि सिंगल लाइन सेक्शन में मानव रहित समपार पर जहाँ द्रश्यता साफ़ हो सीटी बोर्ड की गेट से दूरी 350 तक सीमित रहनी चाहिए

(ii) सीटी संकेतक दो 600 मिमी चौकोर पीले रंग के बोर्डो, जिसमे काले रंग से (सी / फा) अक्षर लिखे हो, से बना होना चाहिए रेल लेवल से बोर्ड के निचले भाग की उंचाई 2100 मिमी होनी चाहिए  जिस पर इसे लगाया गया है व 300 मिमी उंची सफेद व काली पट्टियों से रंगा हुआ होना चाहिए रात में इसे प्रकाशित नही किया जायेगा

2. स्टॉप बोर्ड

(क) सभी मानव रहित सी क्लास के समपारो के पहुंच मार्ग पर रेलवे सीमा में उपयुक्त स्थानों पर, दोनों ओर सड़क पर (ठहरिये) लिखे हुए स्टाप बोर्ड लगाये जाने चाहिये

(ख) यह 675 X 525  मिमी. माप का बोर्ड होगा जिस पर इंजन का निशान और अंग्रेजी हिंदी तथा प्रादेशिक भाषा में संकेत शब्द (रुकिए, देखिये और जाईये ) लिखा होना चाहिये प्रयोग किया जाने वाला पेंट चमकदार होना चाहिए मानव रहित समपारो में निकट क्र ट्रैक की मध्यरेखा से 5 मीटर की दूरी पर होगा

(ग) उर्ध्वाधर खम्भे काले  और सफेद पेंट किये जाने चाहिए प्रत्येक रंग की पट्टी मिमी चौड़ी होगी और काले रंग की पट्टी सबसे नीचे होगी

मानव रहित / मानव युक्त समपारो पर यातायात की गणना (सेंसस ) :-
मानव रहित समपारो को मानव युक्त समपारो में बदलने की आवश्यकता तथा मानव युक्त समपारो के मामले में इनके वर्गीकरण के पुन: शिक्षण हेतु तीन वर्षो में कम से कम एक बार सभी प्रकार के समपारो पर यातायात की गणना की जानी चाहिए

नये समपारो का प्रावधान :-

(क) यदि नवीन समपार का प्रावधान अपरिहार्य हो तब केवल मानव युक्त समपार का प्रावधान किया जाये यह सभी वर्तमान लाइनो नवीन निर्माणों व आमान परिवर्तनों में लागू होगा यद्यपि ये नियम निजी साइडिगो पर लागू नही होगे

(ख) मानव रहित समपार को मानव बनाना -

(1) यातायत  घनत्व, द्रश्यता तथा बसों के नियमित आवागमन के आधार पर मानव रहित समपारो को चरणबध्द कार्यक्रम बनाकर, रेलवे की लागत पर मानव युक्त बनाने हेतु तीन श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है जिनकी प्राथमिकता निम्नलिखित है -

श्रेणी I समपार जिनका टीवी यू 6000 से अधिक हो तथा सड़क वाहनों की संख्या 180 से अधिक हो तथा द्रश्यता साफ़ हो
श्रेणी II समपार जिनका टीवीयू 6000 से अधिक हो तथा सडक वाहनों की संख्या 120 से अधिक हो और द्रश्यता बाधित हो

श्रेणी III समपार जिनका टीवीयू 3000 से 6000 के बीच हो तथा द्रश्यता बाधित हो

इसके अतिरिक्त किसी मानव रहित समपार को तब तक मानव युक्त नही किया जाएगा जब तक की मोटर वाहन नियमित रूप से ना हो श्रेणी III समपार को मानव युक्त करने का विचार पहली दो श्रेणियों के बाद करना चाहिये इसके अतिरिक्त यदि कोई समपार पर तीन साल में तीन से अधिक दुर्घटनाए हो तो उसे तुरंत मानव  युक्त करना चाहिए भले ही वे किसी भी श्रेणी की हो सभी मानव रहित समपारो को मानव युक्त बनाने के प्रस्ताव मुख्य परिचालन प्रबंधक के साथ विचार विमर्श करके बनाने चाहिए

(2) राजधनी व शताब्दी मार्ग को जिन पर अनुमत गति 120 किमी. /घ. से अधिक हो पर स्थित समपारो को प्राथमिकता के आधार पर मानव युक्त किया जाए इसके अतिरिक्त मानव युक्त बनाने के लिए रूट के हिसाब से प्राथमिकता दी जाए

(3) 10000 टीवीयू से अधिक यातायात वाले मानव रहित समपारो को मानव युक्त करने हेतु बोर्ड का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक नही है अन्य सभी मामलो में रेलवे बोर्ड का अनुमोदन आवश्यक है

(ग) समपारो को मानवरहित करना / समाप्त करना -

वर्तमान मानवयुक्त समपारो को मानव रहित न किया जाए तथापि मानवयुक्त एवं मानवरहित दोनों प्रकार के समपारो को मिलाकर एक करने हेतु लिंक मार्ग बनाया जा सकता है तथापि रेलवे किसी अवस्थित मानव युक्त समपार को समाप्त कर सकता है यदि उसका टीवीयू मानव युक्त बनाने के निर्देशों के संबंध में 80% से कम हो जाए




समपारो के उपकरण -

(1) मानवयुक्त समपारो के लिए उपकरण निम्न प्रकार से होंगे , इसके साथ अन्य ऐसे उपकरण भी होंगे जो कि  विशेष अनुदेशों के द्वारा निर्धारित होंगे :-

(1) चमकीले परावर्तक लगी हुई तीन रंग की 2 हाथ संकेत बत्तियां
(2) 1 हाथझंडी  - हरी
(3) 2 हाथझंडी  - लाल
(4) 1 साथीदार लाल बत्ती या लाल झंडी दर्शाने हेतु
(5) 2 लम्बी स्पेअर संखल, जिसमे मध्य में "ठहरो" लिखित बोर्ड लगा हो, जो कि गेट के रोड के पूरीई लम्बाई तक हो, जब गेट / बैरियर क्षतिग्रस्त हो जाये
(6) यदि गेट लॉकिंग व्यवस्था खराब हो तो 2 स्पेअर छोटी संखल साथ में ताला लगाने हेतु
(7) 10 पटाखे
(8) 1 टिन का डिब्बा झंडी के लिये
(9) 1 टिन का डिब्बा पटाखों के लिये
(10) 1 टिन का डिब्बा हाजिरी शीट के लिये
(11) 1 कैन केरोसिन तेल के लिए
(12) 1 टॉमीबार
(13) 1 बकेट या पानी के लिये डिब्बा
(14) 1 फावड़ा
(15) 1 तगारी
(16) 1 घुम्मस
(17) 1 गैती
(18) 1 समान की लिस्ट  (जिसमे चैक करने हेतु कालम हो )
(19) 1 लोकल भाषा या हिंदी में सुरक्षा नियमो की किताब
(20) ड्यूटी रोस्टर
(21) सड़क उपयोगकर्ताओ के लिये शिकायत किताब
(22) निरीक्षक पुस्तिका
(23) जहां जरूरी हो लेवल क्रासिंग के संचालन निर्देश लोकल भाषा में
(24) दो गेटबत्ती
(25) जहाँ गेट दोहरी लाइन में/ मल्टीपल लाइन में/ घाट, उपनगरीय, ऑटोमेटिक ब्लाक क्षेत्र में हो वहाँ गेटमेन को 3 फ्यूजी होनी चाहिये जहाँ गेट सिंगल लाईन में हो वहाँ एक फ्यूजी होनी चाहिये
(26) गेट में गेटमेन को प्राइवेट नंबरो के आदान - प्रादान तथा गाड़ी पास होने के समय , गेट खोलने तथा बंद होने का समय नोट करने हेतु दीवार घड़ी मानवयुक्त फाटक  पर होनी चाहिये
(27) प्रोटेक्शन डायग्राम

नोट :- यदि गेट मल्टीपल लाइन वाले क्षेत्र में है तो गेट पर हाथबत्ती / हाथझंडी , पटाखे जरूरत के हिसाब से दिये जाए

समपार का अनुरक्षण , फाटक उपस्कर एवं फाटकवाले की नियमो में परीक्षा -

1) रेलपथ निरीक्षक द्वारा -

क) द्रश्यता में बाधा :- सभी वृक्ष , झाड़ियाँ अथवा झाड जिनसे समपार को पहुँचते समय रेलवे या सड़क के रास्ते से दिखने में बाधा हो या बाधा होने लगे, कार्यविधि का अनुपालन ध्यान में रखते हुए इन्हें काट दिया जाना चाहिए

ख) निरीक्षण और अनुरक्षण :- 10 ऐसे समपारो , जहाँ पीआरसी स्लीपर बिछे हो, को छोड़ कर अन्य समपार के सड़क भाग को खेद दिया जाए तथा स्लीपरो , रेलों तथा बंधनों की दशा का कम से कम वर्ष में एक बार अथवा स्थितियों के अनुसार अधिक बारम्बारता से निरिक्षण किया जाए बहरहाल पीआरसी स्लीपर बिछे समपारो की मशीन पैकिंग के प्रत्येक चक्र में ओवरहालिंग अथवा दशा को देखते हुए आवश्यकतानुसार और अधिक बारम्बारता से ओवरहालिंग की जाए तथा किसी भी मामले में उन्हें खोदने में दो वर्ष से अधिक नही लगना चाहिए सभी मामलो में सड़क के साथ लगी रेलों की तार वाले ब्रश से अच्छी तरह सफाई की जाए तथा तार कोल / जंगरोधी पेंट पोता जाए फ्लेजवे  क्लियरेंस क्रास लेवल , आमान तथा संरेखण की आवश्यकतानुसार जाँच की जाये तथा ठीक किया जाये और समपार को सड़क यातायात में पुन: खोलने से पहले रेलपथ को पूर्ण रूप से पैक किया जाये

2) फाटकों एवं डिस्को की रंगाई नियमित अंतरालो के बाद की जानी चाहिए

3) रे. प. निरी. को अपने खंड में सभी समपारो की मरम्मत का एक हस्तलिखित रजिस्टर रखना चाहिए इस रजिस्टर में खोलने की तारिख , स्लीपरो की दशा तथा उनकी आयु और समय , प्रत्येक स्लीपर की किस्म और बदलने का समय एवं अन्य आवश्यक विवरण दर्शाना चाहिए 

4) समपार की पहुँच पर प्रवेश मार्ग में लागाये गये  'सीटी' बोर्ड एवं 'स्टॉप' बोर्डो की उचित देखभाल और रखरखाव की जिम्मेदारी रेलपथ निरीक्षक की होगी 

5) टेम्पिंग कार्य , समपार ओवरहालिंग, एलडब्ल्यूआर के डिस्ट्रेसिंग तथा रेलपथ नवीनीकरण हेतु चेक रेलों को निकालने की आवश्यकता होती है चेक रेल जितनी जल्दी हो सके पुन: लगा देनी चाहिए , यह ज्यादा अच्छा होगा यदि उस स्थल का छोड़ने से पहले इस पुन: नही लगाई जा सकती और गाड़ी को गुजरना हो तो 30 किमी /घंटा का गति प्रतिबंध लगाना चाहिए इसके अतिरिक्त  जब तक चेक रेल अपनी जगह पर पुन: वापस लग न जाए, सडक परिवहन के रास्ते को परिवर्तित करना सुनिश्चित कर लेना चाहिए यदि सड़क परिवहन में रास्ते को बदलना संभव न हो तो चैक रेल लगने तक सड़क परिवहन को पास करने के लिए अस्थाई व्यवस्था करनी चाहिए फिर भी दोनों ही परिस्थितियों  में चेक रेल दुसरे दिन के खत्म होने से पहले लगा देनी चाहिए इस स्थिति में सुरक्षा के लिए स्थिर चौकीदार की नियुक्ति कर देनी चाहिए 

ग) उपस्करों की जाँच एवं फाटकवाले के नियमो के ज्ञान की परीक्षा :- 

1) फाटक वाले के नियमो के ज्ञान की जाँच रेल पथ निरीक्षक को आवधिक रूप से अपनी ट्राली जाँच के समय और नियुक्ति, पदोन्नति और स्थानांतरण के समय सुनिश्चित करनी चाहिए उसे न केवल उन्हें नियमो की शिक्षा देनी चाहिए अपितु आपात स्थिति के समय समपार की सुरक्षा का प्रायोगिक प्रदर्शन भी करना चाहिए फाटक वाले की उपस्थिति एवंसतर्कता को सुनिश्चित करने के लिए समपार पर दिन / रात के समय आकस्मिक जाँच की जानी चाहिए 



 



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Index -

01. INTEGRATED CONCEPT AND OBJECTIVES OF MATERIALS MANAGEMENT (1) 01.02 रेलपथ निरक्षक तथा सहायक मंडल अभियंता के कर्तव्य (1) 02 रेलपथ (1) 02. ORGANIZATION OF MATERIALS MANAGEMENT DEPARTMENT (1) 02.01 90 यूटीएस रेलों के सम्भाल (1) 02.04 रेल तापमान (1) 02.05 रेल जोड (1) 03 स्लीपरो के कार्य (1) 03. CLASSIFICATION/CODIFICATION NOMENCLATURE OF STORES ON INDIAN RAILWAYS (1) 03.01 विभिन्न प्रकार के स्लीपरो की तुलना (1) 03.02 लचीले बंधन (1) 03.03 स्लीपर बिछाना (1) 04. PLANNING OF NON-STOCK ITEMS AND PROCESSING OF REQUISITION (1) 04.01 ट्रैक के लिए बैलास्ट प्रोफाइल (1) 04.02 फार्मेशन (1) 04.03 ब्रिज (पुल) (1) 05 पाइंट्स तथा क्रासिंग - परिचय एवं परिभाषाए (1) 05 PLANNING OF STOCK ITEMS & SYSTEMS OF RECOUPMENT (1) 05.01 विषेश ले आउट (1) 05.02 पृथक्रकरण (आइसोलेशन ) (1) 05.03 तथा क्रासिंग का अनुरक्षण तथा निरक्षण (1) 05.04 पॉइंट्स एवं क्रासिंग की (1) 06 गोलाई का प्ररंभिक ज्ञान (1) 06 PURCHASE POLICY (1) 06.01 वर्को का पुनः संरेखण (1) 07 Purchase Procedure on zonal Railways (1) 08 TENDER EVALUATION AND MISCELLANEOUS POLICY ISSUES IN PURCHASES (1) 08.01 व्यव्स्तिथ ओवरहालिंग (1) 08.02 रेलपथ अनुरक्षण का वार्षिक कार्यक्रम (1) 08.04 गहरी छनाई (1) 08.04.1 रेलपथ का उठाना लोवेरिंग तथा क्रीप (1) 08.05 छोटी वेल्डेड रेल ( एसडब्लूआर ) (1) 08.06 आन ट्रैक मशीन (1) 08.07 छोटी ट्रैक मशीने (1) 08.09 विद्युतीकृत सेक्शन में हाइट गेज (1) 08.11 अंडर ट्रायल सामग्री का रिकॉर्ड (1) 09 गति प्रतिबन्ध और संकेतक (1) 09 Receipt And Inspection of stores (1) 09.01 ठेकेदार की सुरक्षित कार्य प्रणाली (1) 09.03 रेल संरक्षा आयुक्त की स्वीकृति वाले कार्य (1) 10 निरक्षण का उद्देश्य (1) 10 ISSUE AND DISTRIBUTION OF STORES (1) 10.01 राइडिंग गुणवत्ता तथा राइडिंग इंडेक्स (1) 10.03 सिटीआर तथा टीजीआई (1) 10.04 रेलपथ प्रबंधन पध्दति (टीऍमएस ) (1) 11 RETURNED STORES (1) 11.01 स्लीपरो का बिछाना (1) 12 दुर्घटना (1) 12 Scrap Disposal (1) 12.01 ब्रीच (1) 12.02 डाईवर्शन (1) 13 INVENTORY MANAGEMENT (1) 14 लंबी वेल्डित रेल (परिभाषाए) (1) 14.01 एलडब्लूआर / सीडब्लूआरके लिये स्वीकृत स्थान (1) 14.02 एलडब्लूआरकी डीस्ट्रेसिंग (1) 14.03 एलडब्लूआर / सीडब्लूआर का अनुरक्षण (1) 14.04 रेलपथ पर्येवेक्षक - मेट तथा चाबीदार के लिए अनुमत तथा निषिद्ध कार्य (1) 15 - सर्वेक्षण (1) 15 बयाना राशि और जमानत राशि (1) 15.01 SURVEYING (2) 16 रेलवे टेंडर सिस्टम (Railway Tender System) (1) Accidents (2) Active & Passive Earth Pressure (1) Anti corrosive treatment (1) Ballast (2) Bearings in Bridge (1) Blanketing Material (1) Bridges (2) Buckling of track (1) Building Work (1) Cant deficiency & Cant Excess (1) Census (1) Chequered Tiles (1) Chlorination of Water (2) Chlorination Practices (1) Chlorine demand (1) Civil Engineering - Bridges (2) Civil Engineering - P Way (40) Civil Engineering - Works (5) CMS Crossing (1) Completion report (1) Contour & Contour interval (1) Correction Slip (1) CRS Sanction (1) CTR and TGI Value (1) Curing of Concrete (1) curves (2) Deep Screening (2) Design mode (1) Design of concrete mix (2) Destressing (1) Disinfection of water (1) disposal of human waste: (1) Distressed bridges (2) Distressing of LWR (2) distribution System (1) dry density (1) Duties (3) Duties & Responsibilities (9) Duties of Gateman (1) E01.02 Duties of Keyman / Mate / PWS (1) E02.01 Permanent Way (1) E02.02 Handling of 90 UTS rails (1) E02.05 Rail Temperature (1) E02.06 Rail Joints (1) E02.07 Maintenance of Rail Joints (1) E03.01 SLEEPERS AND FASTENINGS - Functions of Sleepers (1) E03.02 Comparison between Various Types of Sleepers (1) E03.04 Laying of Sleepers (1) E04.02 Ballast Profile for L.W.R. track (1) E04.04 Bridges (1) E05.01 Points & Crossings: Introduction & Definitions (1) E05.04 Maintenance and Inspection of Points and Crossing (1) E05.05 Reconditioning of Points and Crossing (1) E06.01 Basics of Curves (1) E06.02 Realignment of Curve (1) E08.01 MAINTENANCE OF TRACK-Through packing (1) E08.02 Systematic Overhauling (1) E08.03 Annual Programme for Regular Track Maintenances (1) E08.04 Lifting/ Lowering of Track and Creep (1) E08.05 Deep Screening (1) E08.06 Short Welded Rail (1) E08.07 Maintenance of SWR (1) E08.10 Level Crossing (1) E08.11 Equipments at Level Crossing (1) E08.12 Maintenance / Examination / Inspection of Level Crossing / Gate (1) E08.14 Welding of Rails (1) E08.15 Records of Material under Trial (As per Cs.no 99) (1) E09.01 Speed Restriction and Indicators (1) E09.02 Safe Working of Contractors (As per Cs.No 95) (1) E09.03 Works Requiring CRS Sanction (1) E10.01 INSPECTION OF TRACK - Object of Inspection (1) E10.02 Riding Quality and Riding Index (1) E10.03 Track Recording and Oscillograph Car (1) E10.04 CTR and TGI Value (1) E12.01 ACCIDENTS AND BREACHES - Accidents (1) E12.02 Breaches (1) E12.03 Diversion (1) E14.01 LONG WELDED RAIL - Definitions (1) E14.02 Permitted locations for LWR/CWR (1) E14.04 Maintenance of LWR / CWR (1) E14.05 DOs and Don’ts OF LWR For PWM / MATES & KEYMAN (1) Egineering (1) Elastic Fastening (1) Elastic Rail Clip (1) Encroachments of Railway land. (2) Engineering (26) Engineering - Book (3) Examination of Rails (2) Fabrication of Glued joint IN SITU. (1) Flushing cisterns (1) FOB (1) Gateman (2) Greasing of ERCs (1) Grow More Food Scheme (1) Guideline (3) H02 भण्डार विभाग का महत्व (1) H03 भण्डार डिपो की संरचना (1) H04 भण्डार का वर्गीकरण (1) H05 कोडिफीकेशन (1) H06 मानकीकरण एवं उसकी उपयोगिता (1) H07 वित्तीय औचित्य के सिध्दांत (1) H08 क्रय के विभिन्न माध्यम (1) H09 क्रय में विविध अधिमान्यताए (1) H10 भण्डार विभाग के अधिकारियो की क्रय शक्तियां (1) H12 निविदा समिति (1) H13 अनुबंध (1) H16 स्थानीय खरीद (1) H17 भण्डार डिपो में भण्डार प्राप्ति के स्त्रोत (1) H18 महत्वपूर्ण वस्तुए एवं उनकी खरीद (1) H19 भण्डार डिपो का संगठन एवं कार्य (1) H20 प्राप्ति अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H21 वार्ड की क्रिया - विधि (1) H22 प्रेषण अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H23 बहीखाता अनुभाग की क्रिया - विधि (1) H24 डिपो प्रणाली (1) H25 भण्डार का निरीक्षण (1) H26 अस्वीकृत भण्डार (1) H27 लौटाया गया भण्डार (1) H28 अग्रदाय भण्डार (1) H29 अधिशेष भण्डार (1) H30 रेल सामग्री की बिक्री (1) H31 रद्दी माल और नीलामी बिक्रिया (1) H32 वस्तु - सूची नियंत्रण (1) H33 स्टॉक सत्यापन (1) H34 मांगकरताओ व्दारा डिपुओ से भण्डार प्राप्त करने की प्रक्रिया (1) H35 संक्षिप्त टिप्पणीयां (1) Handling of 90 UTS Rails (1) Height Gauges on Electrified Section (1) Honey combing of concrete & its prevention (1) Hot Weather Patrolling (1) Imprest Store (1) INDEX (2) Indicator Boards & Signages (1) Inspection (6) Insulated joints (1) Isolation (1) Keyman / Mate / PWS (3) Laying of Sleepers (1) LDCE Exam (3) Level Crossing (2) Level crossings (2) Licensing Railway Land cultivation (1) Liner Biting (1) LWR (6) Maintenance (2) Maintenance in Electrified Area (2) Maintenance of CMS Xing (1) Maintenance of P Way (5) Maintenance of Rail Joints (1) Maintenancee of SWR (1) Manson precaution (1) Monsoon Patrolling (2) Numerical rating system (NRS) (1) Optimum moisture content (1) P Way (23) Pandrol Clip (1) pass (1) Patrolling of Rail Permanent Way (6) Permanent Way (2) Permanent Way (P Way) (10) Pile Foundation (1) Points and Crossing (3) Protection of Rail (1) Pumping Water Level (1) PWI (1) PWI / AEN / DEN (1) quality control (2) Question & Answer (62) Rail Clusters (1) Rail Formation (2) rail fracture (1) Rail Joints (1) Rail Renewal (3) Rail Welding (3) Rails Defects (2) Railway Affecting Works (1) Railway Construction (1) Railway Organisation (2) Realignments of Curve) (1) Reconditioning of Points and Crossing (1) Rehabilitation of Bridges (1) Renewal of Rail (1) River Training protection work (1) safe speed (1) Safe Working (1) Safety at P. Way Work Site (1) Schedule of Inspection of Bridges (1) Short Note - Bridge (8) Short Note - P Way (48) Short Note - Works (35) Short Notes - Mislanious (7) Sleeper (4) Sleeper Cribs (1) Soil Consistency (1) Special Layouts (2) Speed Restriction and Indicators (2) Static Water Level (1) Steel Structures (1) Stock sheet (1) Store (34) super elevation (1) Tender System (1) Testing of Rails (2) TGI and OMS (1) Thermit Welding (1) Through Parking (2) Tiles (2) Track Circuited Areas (2) Track Inspection (1) Track Machines (6) Track Management System (1) Track Tolerances (2) track-Overhauling (1) Transitions (1) Turnout (1) urinals (1) USFD (2) Venerable location (1) VIDEO (2) wash basin. (1) Washable Aprons (1) Water Cement ratio (1) Water closetsu (1) Water Quality (1) Water Supply (1) Waterproofing (1) weld failure (1) Well Foundation (1) Winter Precautions (1) Workability of Concrete (1) Working of Contractors (2) works (9) कार्य एवं उद्देश्य (1) ट्रैक रिकॉर्डिंग तथा दोलन लेखी कार (1) रेल पथ मेट के कर्तव्य (1)