1. परिभाषा :- छोटी वेल्डेड रेल उस रेल को कहा जाता है जिसका फैलाव तथा सिकुडन उसकी पूरि लम्बाई में होता है
नोट :- सामान्यत: बड़ी लाइन में 39 मीटर तथा छोटी लाइन 36 मीटर की रेल को एसडब्ल्यूआर कहा जाता है
2) रेल तापमान :- रेल तापमान वह तापमान होता है जिसकी एक अनुमोदित थर्मामीटर द्वारा साईट पर मापा जाता है यह वातावरण के तापमान से भिन्न होता है जिसे उसी स्थान पर छाया में मापा जाता है यह वातावरण के तापमान से भिन्न होता है जिसे उसी स्थान पर छाया में मापा जाता है तथा इसे मौसम विभाग द्वारा सूचित किया जाता है भारतीय रेलवे को चार तापमान क्षेत्रो में बांटा ज्ञा है
3) औसत वार्षिक तापमान टीएम - उस वर्ष के दौरान अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान के औसत को औसत वार्षिक तापमान कहा जाता है औसत वार्षिक तापमान को 5 वर्षो के रेल तापमान का औसत निकालकर निर्धारित किया जाता है जहाँ रेल तापमान रिकार्ड उपलब्ध नही हो वहाँ इसे रेल तापमान मानचित्र से लिया जा सकता है
4) संस्थापन तापमान (टीआई) :- एसडब्ल्यूआर को स्थापित करते समय तथा रेल और स्लीपर को फास्टिंग से जोड़ते समय लिया गया औसत तापमान संस्थापन तापमान कहलाता है
एसडब्ल्यू के लिये ट्रैक संरचना
1) फार्मेशन :- एसडब्ल्यू सामान्यत: उस फार्मेशन पर डाला जायेगा जिस पर पानी जल्दी निकल जाता हो तथा वह स्थायी हो
2) रेल :- बड़ी लाइन में 90 आर तथा छोटी लाइन में 60 आर से कम रेल सेक्शन की रेल उपयोग में नही लायी जायेगी एसडब्ल्यूआर में केवल नई रेल अथवा दुसरे दर्जे की ऐसी रेलों का उपयोग किया जायेगा जिसको ए. टी. अथवा फ्लैश बट वेल्डिंग विधि द्वारा वेल्डिंग किया जा सके
3) स्लीपर :- अनुमोदित स्लीपरो का ही प्रयोग एसडब्ल्यूआर में लिया जाएगा जो निम्न है
अ) लकड़ी का स्लीपर एन्टी क्रीप तथा इलस्टिक फ़ास्टेनिंग के साथ यदि एसडब्ल्यूआर मेटल स्लीपर पर हो तो फिश प्लेट जोस पर लकड़ी के स्लीपर एसीबी प्लेट पर रेल फ्री फास्टिंग के साथ हो तो फिश प्लेट जोस पर लकड़ी के स्लीपर एसीबी प्लेट पर रेल फ्री फास्टिंग के साथ लगाया जायेगा जहाँ एसडब्ल्यू को एलडब्ल्यूआर में परिवर्तित किया जाना है वहाँ क्रंकीट स्लीपरो का उपयोग किया जाना चाहिए
4) स्लीपर घनत्व :- (एम + 4 ), (एम + 7 ) इत्यादि
गिट्टी :- केवल पत्थर वाली गिट्टी का प्रयोग ही एसडब्लूआर में किया जाएगा, स्लीपर तली के नीचे संस्तुत गहराई से कम गहराई तक गिट्टी किसी भी हालत में नही होना चाहिए किसी भी हालत में बीजी तथा एमजी दोनों में स्लीपर के तल के निचे 200 मिमी से कम गिट्टी नही होना चाहिए यदि कर्व का रेडियस बीजी मव 875 मी. तथा एमजी में 600 मीटर तक है तो शोल्डर पर 100 मी. अधिक गिट्टी केवल ट्रांजिशन पोरशन में डाला जायेगा यदि शार्प कर्व है तो मानक बैलास्ट सेक्शन से 150 मिमी अधिक गिट्टी डाली जाएगी ऐसे स्थानों पर जहां उचित बैलास्ट प्रोफाइल नही बनी है वहां पर उचित प्रोग्राम बना कर पूरा किया जाएगा
बिछाने की शर्ते :-
1) संरेखण :- एस डब्ल्यूआर बीजी तथा एमजी में दोनों में 500 मीटर से कम रेडियस पर नही डाला जा सकता है यदि एसडब्ल्यूआर पहले से ही शार्प कर्व पर डाला हुआ है तथा उस लोकेशन में मरम्मत कार्य से किसी प्रकार की परेशानी नही आ रही हो मुख्य अभियंता के अनुमोदन से उसे जारी रखा जा सकता है
2) विद्युत् रोधी जोड़ो और कांटो और कैंची वाले जंक्शन -
एसडब्ल्यूआर पाइंट्स एंड क्रासिंग तथा विद्युतरोधी जोड़ से सीधा होकर नही जाएगा बल्कि उस एसडब्ल्यूआर को दो मानक रेल द्वारा दोनों तरफ से अलग कर दिया जाएगा इस मानक रेल के दोनों तरफ क्रीप को रोकने के लिए क्रीप एंकर लगाया जायेगा ताकि इसमें किसी भी प्रकार की गति न हो
3) लकड़ी स्लीपरो पर मानक लम्बाई वाली रेलों वाले जंक्शन -
यदि एसडब्ल्यूआर से लगा हुआ कोई फिश प्लेटेड ट्रैक जो बीजी में 13 मीटर की रेल तथा एमजी में 12 मीटर की रेल पर लकड़ी स्लीपर पर डाला गया हो तो ऐसी स्थिति में एसडब्ल्यूआर के दोनों ओर 6 रेल की लम्बाई के बराबर ट्रैक को एंकर कर दिया जायेगा एवं उसका क्रीप भी चेक किया जाएगी इन 6 रेलों में स्लीपर घनत्व (एम + 7 ) रखा जायेगा तथा अलग से शोल्डर पर गिट्टी भी डाली जाएगी
4) जब एसडब्ल्यूआर के पैरा 921 में लेवल क्रासिंग अध्याय में दिए गये निर्देशों का पालन किया जाता है एवं पुल पर से एसडब्ल्यूआर ले जाते समय पुल नियमावली का ध्यान रखा जाता है
लधु वेल्डित रेलों (एसडब्ल्यूआर) को बिछाना :-
एसडब्ल्यूआर बिछाने के समय अंतरालो की व्यवस्था संस्थापन तापमान (टीआई) और तापमान जोन जिसमे रेले बिछायी गयी है, पर निर्भर करेगी
तालिका - I
विभिन्न संस्थापन तापमानो के लिये एसडब्ल्यू बिछाने के लिये प्रारम्भिक अन्तराल (गैप ) (शु. प. क्र. 125 दि 21.02.11 )
यदि उपयुक्त तालिका में दिये गये तापमान रेंज के बाहर रेल बिछाने का कार्य किया जाता है अथवा, जहाँ कही जोड़ गेप की व्यवस्था तालिका के अनुसार नही की जा सकती है तो रेलपथ के सुद्दढ होने से पहले, रेल बिछाने के दो दिनों के अंदर गैप का पुन: समायोजन कर दिया जाए गैप समायोजन के साथ - 2 स्लीपरो के बीच रेस्पेसिंग का काम भी यदि अपेक्षित हो कर दिया जाये
एसडब्ल्यू का अनुरक्षण
नियमित अनुरक्षण कार्य :-
1) जब रेल पटरी तापमान जोन I तथा II के मामले में tm + 25 सेग्रे और जोन III एवं IV के मामले में tm + 20 सेग्रे. से कम हो तो नियमित रेलपथ अनुरक्षण जिसमे पैकिंग उत्थान, (लिफ्टिंग) सीधाई कर्व का लोकल एडजस्टमेंट, गहरी छनाई के अतिरिक्त गिट्टी की छनाई के सभी कार्य और स्लीपरो का छूट - पुट नवीनीकरण बिना किसी प्रतिबन्ध के किया जा सकता है बी. जी. पर 875 मी. त्रिज्या से कम और एम. जी. पर 600 मी. त्रिज्या से कम के वक्रो अथवा धंसने (बैठने) वाले फार्मेशन पर उपर्युक्त तापमान सीमा जोन I व II के मामले में tm + 15 जोन III व IV के मामले में tm + 10 तक ही सीमित होंगी
2) यदि उल्लिखित तापमान से उच्चतर तापमान पर अनुरक्षण कार्य करना पड़े तो एक बार लगातार 30 स्लीपरो के गैप से अधिक विस्तार में रेलपथ न खोला जाए और खोली गई लम्बाईयो के बीच पूरी तरह भराई किये गये कम से कम 30 स्लीपरो का फासला क्षेत्र देना चाहिए दिन का कार्य समाप्त होने से पहले यह सुनिश्चित कर लिया जायेगा कि गिट्टी की भराइ कर दी है
3) एक अतिरिक्त सावधानी के तौर पर गर्म के महीनो के दौरान जो मुख्य इंजीनियर द्वारा आदेश के अनुसार किये जायेगे, ख़राब हो गये रेलपथ में यह बात ध्यान में रखनी चाहिये की जब तापमान उल्लेखित तापमान से कम हो जाये तब भी लगातार 30 स्लीपरो से अधिक न खोले जाये और बीच में कम से कम पूरी तरह भरे हुए 30 स्लीपर अन्तराल छोड़ दिए जाए यदि गेप रेलपथ को खोलने के दौरान उपलब्ध नही है और तापमान उल्लेखित तापमान से कम है तब भी 30 से ज्यादा स्लीपर खोले जाये और बीच में पूरी तरह भरे हुए 30 स्लीपर छोड़ दिये जाए
4) मेजर लिफ्टिंग कार्य, मेजर एलाइनमेंट और गहरी छनाई तथा लगातार स्लीपर स्लीपर रिन्यूवल - इनमे से प्रत्येक कार्य सावधानी से करना चाहिये और सामान्यत : जब रेल पटरी का तापमान जोन I व II के मामले में tm + 15 तथा जोन III व IV के मामले में tm + 10 से कम हो, यदि उपर्युक्त मानो से अधिक रेल पटरी तापमान पर ऐसे कार्य को करना आवश्यक हो गया हो तो पर्याप्त गति प्रतिबन्ध लगा दिये जायेगे
5) आपातकालीन स्थितियो में उपयोगकर्ता गैंगो में पर्याप्त संख्या में विशेष क्लेपो के साथ जोगल फिश प्लेटो की व्यवस्था की जानी चाहिये
6) बेल्ड अथवा पटरी (रेल ) में किसी तरह की टूट के मामले में रेल का टूटा हुआ भाग काट दिया जाता है और कम से कम 4 मी. लम्बी रेल काटकर निकालकर दूसरी रेल डालकर पुन: बेल्डिंग कर दी जाती है साथ ही यह सुनिश्चित करना चहिये की फिशप्लेट लगे जोड़ से 4 मी. से नजदीक कोई वेल्डिंग जोड़ न हो
7) 10 रेल / 5 रेल पेनला को छोटे पेनलो में बदलना जहां कही अनुरक्षण की समस्याओ का समाधान अन्यथा नही हो सकता है, वहां मौजूदा 10 रेल पेनलो और 5 रेल पेनलो को 2.5 रेल पैनलो में बदलना आवश्यक होगा जहाँ - कहीं परिस्थितियाँ अनुकूल हो वहाँ एसडब्लूआर को एलडब्लूआर में बदलने पर भी विचार किया जाना चाहिये
गैप सर्वे और गैप का समयोजन
1) सामान्य :- ऐसे रेल खंडो में जहाँ रेलपथ बहुत अधिक क्रीप, जाम जोड़ सन किंकस , बकलिंग वाईड गेप , बेटरड व हाग्ड जोड, जोड़ का टूटना बोल्ट्स का मुड जाना इत्यादि होता है वहां पर गैप सर्वे और गैप एडजस्टमेंट कर खराबियो को दूर किया जाता है गैप सर्वे व एडजस्टमेंट प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के अंत से पहले कर लेना चाहिये
1) गैप सर्वे :-
क) गैप सर्वे का कम स्वच्छ और धूप वाले दिन शीतल पहर में करना चाहिये
ख) जहाँ कही संभव हो, वह लम्बाई जिस पर गैप सर्वे किया जाये उन्हें अलग - 2 खंडो में बाँट दिया जाये ऐसे प्रत्येक उपखंडो में निश्चित स्थलों जो समपारो पॉइंट एवं क्रासिंग आदि में परिबध्द होना चहिये पर्याप्त संख्या में आदमी लगाकर कम से कम समय में पूरा करना चाहिये ताकि तापमान में ज्यादा परिवर्तन ना हो सके
ग) जोड़ गैपो को मिमी में टेपर गेज द्वारा नापा जाये और रीडिंग को प्रोफार्मा में लिखा जाये जैसा कि नीचे दिखाया गया है
3) गैपो के परिणाम के अनुशंसित मान :- रेल पटरी तापमान की विभिन्न श्रेणियों के लिये सर्विस के दौरान गैप के परिणाम मिमी में नीचे दिये गये है
(शु. प. क्र. 125 दि 21.02.11 ) तालिका 2
नोट :-
1) उपरोक्त मान 3 रेल पैनलो के लिये दिये गये है
2) उपर्युक्त दिये गये गैप पैर 508 (तालिका - 1) में दिये गये परिणामो से भिन्न है जिनकी व्यवस्था एसडब्ल्यूआर के प्रारंभिक लेइंग के समय करनी होती है
3) गैप सर्वे केवल तभी किया जाना चाहिये जब रेल तापमान बढ़ने के क्रम में हो
4) समायोजन के लिये गणना :- मापे गये गैपो का औसत गैप सर्वे के लिये प्रोफार्मा (परिशिष्ट 5/2 ) में दिखाये अनुसार निकाला जाता हिया रिकार्ड किये गये गैप मापों के परिणामो और ऊपर दिये गये गैप के अनुमत परिणामो की तुलना में निम्नलिखित में से एक मामला बनेगा -
स्थिति - 1 :- औसत गैप अनुशंसित रेंज के अंदर है परन्तु कुछ एक गैप श्रेणी के बाहर आते है
स्थिति - 2 :- औसत गैप अनुशंसित रेंज के बाहर आते है
स्थिति 3 :- औसत गैप और एक गैप अनुशंसित रेंज के भीतर पड़ते है
की जाने की कार्यवाही :-
स्थिति - 1 :- खराबियो को ठीक करने का काम ऐसे कुछ एक गैपो को ठीक करने तक सीमित रखा जाये जो अनुशंसित रेंज से बाहर पड़ते है खराबियो को ठीक करने का काम कम से कम रेलों को खींचकर किया जाना चाहिये किसी भी हालत में एक रेल काटकर अथवा लम्बी रेल को डालकर समयोजन कार्य नही किया जाना चाहिये
स्थिति - 2 :- जोड़ गैपो को उप - खंडो के एक सिरे से दुसरे सिरे तक क्रमवार समयोजन किया जाये रेलों को सुविधाजनक फासलों में खोला जाये गैपो को प्रारम्भिक लेइंग गैपो के अनुरूप समायोजन किया जाए और रेलों को कस दिया जाये इस मामले में लम्बी अथवा छोटी रेल लगायी जा सकती है प्रयास किया जाये कि जोड़ स्लीपरो को कम से कम संख्या में ही छेड़ा जाये
स्थिति - 3 :- कोई कार्यवाही न की जाये
जहाँ तक संभव हो सके, खराबियो को ठीक करने के लिये चुना ज्ञा दिन ऐसा होना चाहिये जिसमे खराबियो को ठीक करने के दौरान रेल का तापमान अधिक न बदले
एसडब्ल्यूआर को एलडब्ल्यूआर में बदलना :- जब एसडब्ल्यूआर को एलडब्ल्यूआर में परिवर्तन किया जा रहा हो तो निम्नलिखित अतिरिक्त सावधानियां बरती जाये -
1) अनुमानित बचा हुआ सेवाकाल कम से कम 10 वर्ष होना चहिये
2) सभी रेलों की अल्ट्रासोनिक जाँच करे और खराब रेलों को एलडब्ल्यूआर में बदलने से पहले बदल दिया जाये
3) ऐसी रेले जो हाग्ड या बैटर्ड हो अथवा जिसके बोल्ट होल क्षेत्र में दरार पड़ने का रिकार्ड हो उन्हें एलडब्ल्यू में बदलने से पूर्व बदलदेना चाहिये
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