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Thursday, December 3, 2020

पॉइंट तथा क्रासिंग का अनुरक्षण तथा निरिक्षण

पॉइंट और क्रासिंग असेंबली जटिल होती है तथा रोलिंग स्टाक के कारण ज्यादा बल लगता है अत: इसके रखरखाव के लिये अत्यधिक प्रयास की आवश्यकता होती है

मैनुअल मेंटेनेंस - निम्न का निष्पादन, गेज, लेवल और संरेखण, फिटिंग को कसना पैकिंग

मशीन मेंटेनेंस - यूनिमेट टेम्पर द्वारा संरेखण, लेवलिंग और पैकिंग इत्यादि किया जाना क्रंकीट स्लीपर टर्न आउट के लिये मशीन पैकिंग आवश्यक है

रिकंडीशनिंग - 
  1. स्विच और क्रासिंग की रिकंडीशनिंग तब की जाती है जब इन स्थानों पर घिसाव अनुमत करना चाहिये
  2. पर्याप्त बैलास्ट कुशन को सुनिश्चित करना चाहिये
  3. स्लीपरो के बीच स्पेसिंग अन्तराल सही होनी चाहिये
  4. एसआरजे  तथा हील आफ क्रासिंग पर कोई भी जंक्शन फिश्प्लेट नही होनी चाहिये जैसा कि टर्नआउट में है
  5. स्क्यू साइड में स्फेरिकल वाशर / गोलीय वाशर दना चाहिये आईआरएस टर्न आउट के सीधे कांटे के मामले में इसको बायी ओर प्रदान करना चाहिये
  6. स्टाक रेल में यदि कोई बर इत्यादि हो तो उनको दूर कर देना चाहिये
  7. स्टाक रेल के आगे एक रेल की लम्बाई तक क्रीप एंकर लगाना चाहिये तथा बाक्स एंकरिंग करना चाहिये
  8. एसआरजे तथा लीडवक्र के जोड़ो को वेल्डित कर देना चाहिये
  9. पंखी के गेज फेस की ओर लुब्रिकेशन करते रहना चाहिये
  10. यदि क्रासिंग स्टील ट्राफ़ स्लीपर पर हो तो क्रासिंग के नीचे लकड़ी के गुटके का इस्तेमाल करना चाहिये
  11. स्विच व क्रासिंग यदि लकड़ी के स्लीपर पर हो तो गेज टाई प्लेट का उपयोग करना चाहिये
  12. टंग रेल सभी स्लाइड चेयर पर टिकी होनी चाहिये
  13. एटीएस व एचओएस के बाहर बीजी में 20 मी तक तथा एमजी में 15 मी तक कैंट में कोई परिवर्तन नही होना चाहिए
  14. सीधे कांटे के मामले में टर्न आउट साइड के स्टाक रेल में टीटीएस पर सही मात्रा में बैड दिया जाना चाहिये
  15. पॉइंट और क्रासिंग को डालने व निकालने या किसी प्रकार के परिवर्तन में सीआरएस की स्वीकृति की आवश्यकता है

अवांछनीय

(1) टो पर गैप
(2) ढीली पैकिंग और बोल्ट
(3) क्रासिंग की नाक पर टाईट गेज
(4) क्रासिंग

यदि केवल विंग रेल को बदलना हो तो क्रासिंग तथा विंग रेल के बीच लेवल में अंतर वही होना चाहिए जी मूल संरचना का होता है
यदि टर्न आउट में एक राड का उपयोग ज्यादा है तो इस अवस्था में स्टाफ रेल का निरिक्षण गहनता से करना चाहिये
यदि स्टाक रेल के गेज फेस साइड में बर हो तो ग्राइंडर का उपयोग करके उसको निकल देना चाहिये
पॉइंट और क्रासिंग को ऐसा मेंटनेन्स करना चाहिये कि कोई भी फिटिंग गायब न हो अर्थात जेडएमएफ की अवस्था रहे
यदि हाउसिंग बराबर न हो तो पंखी तथा स्टाक रेल के पूरे जोड़े को बदल देना चाहिये
सभी इंटरलाक्ड स्टेशन पर संकेत विभाग के कर्मचारी आवृत्तिक रूप में स्लाइड चेअर की सफाई तथा लुब्रिकेशन करेगे और इंटरलाक्ड गियर की सफाई करेगे तथा पंखी के टो से 3 स्लीपर तक की सफाई करेगे रेल पता निरीक्षक ऊँ सभी पॉइंट की सफाई तथा लुब्रिकेशन के लिये जिम्मेदार होंगे जो हस्तचालित पॉइंट है

पॉइंट एवं क्रासिंग के निरीक्षक की अवधि

सहायक मंडल अभियंता व्दारा -

(1) सभी पॉइंट तथा क्रासिंग का निरीक्षण एक वर्ष में करेगा जहाँ सवारी गाडी चलती है
(2) जहाँ सवारी गाड़ी नही चलती ऊँ लाइनों पर एक वर्ष 10 % पॉइंट्स एवं क्रासिंग का निरीक्षण करेगा

खण्ड अभियंता (सेक्शन इंजीनियर इंचार्ज ) / जूनियर इंजीनियर -

खंड अभियंता (इंचार्ज ) तथा जूनियर इंजीनियर पैसेंजर रनिंग लाइन पर स्थित पॉइंट एवं क्रासिंग का निरिक्षण तीन माह में करेगा (बारी -बारी से )

वरिष्ठ मंडल अभियंता - उन सभी पॉइंट एवं क्रासिंग का निरिक्षण करेगे जिनका नवीनीकरण प्रस्तावित किया गया है निरीक्षण में आये परिणाम को पॉइंट एवं क्रासिंग रजिस्टर में प्रोफार्मा पर भरना चाहिये

पॉइंट एवं क्रासिंग का अन्युक्त निरिक्षण -

सेक्शन इंजीनियर (प्रभारी या सेक्शनल ) ओर सेक्शन इंजीनियर (दूरसंचार ) सयुक्त रूप से तीन महीने में सभी पॉइंट का संयुक्त निरीक्षण करेगे परिणाम एयर निष्पादन मंडल स्तर पर किया जायेगा

पॉइंट एवं क्रासिंग का निरीक्षण -
एटीएस क तुरंत पहले गेज -
सभी टर्न आउट में जहाँ स्विच प्रवेश कोण <- 0'20'00"  - समान्य
सभी टर्न आउट में जहाँ स्विच प्रवेश कोण > 0'20'00"  - सामान्य गेज + 6 मिमी.
पंखी का थ्रो = 115 मिमी.
स्ट्रेचर बार के उपरी भाग तथा स्टाक रेल के नीचे के भाग के बीच में अन्तराल 1.5 मिमी. से 3 मिमी. के बीच होना चाहिये
हील ऑफ क्रासिंग पर चेक रेल पर तथा विंग रेल पर निर्देशित अन्तराल होना चाहिये
क्रासिंग के नीचे तथा स्विच में ढीली पेकिंग नही होनी चाहिये
सभी फिटिंग टाईट तथा पूरी तरह से सुरक्षित होना चाहिये बुरी तरह से वार्न आउट तथा खराब पंखी को बदल देना चाहिये
पंखी वार्न आउट तथा ख़राब पंखी को बदल देना चाहिये
पंखी वार्न आउट तभी खी जायेगी जब -

(1) यदि टंग रेल वास्तविक टो से 1000 मिमी. के भीतर 200 मिमी. की कुल लम्बाई में चिपिंग या क्रेक  हो गई हो चिपिंग लम्बाई वह होती जब 10 मिमी. ले लम्बाई में 10 मिमी गहरे गड्डे pad जाते है

(2) टंग रेल नाइफ एज टिप तब कहलाती है जब पंखी के टो से 1000 मिमी. के भीतर 100 मिमी. में पंखी की मोटाई 2 मिमी रह जाती है

(3) मुड़ी हुई या बेंड और स्टाक रेल से हाउसिंग बराबर न हो रही हो

टंग रेल को बदल देना चाहिये / रिकंडीशीनिंग कर देना चाहिये -

उर्ध्वाधर घिसाव > 8 मिमी. (60 किग्रा. रेल के लिये )
                         > 5 मिमी. (52 किग्रा. और 90 आर. रेल के लिए )


गेज फेस की ओर घिसाव >  8 मिमी (60 किग्रा. रेल के लिये )
                                     >  6 मिमी (90 आर. और 52  किग्रा. रेल के लिये)

उर्ध्वाधर घिसाव उस पॉइंट पर मापना चाहिये जहाँ टंग रेल की चौड़ाई 13 मिमी. हो एवं टंग रेल और स्टाफ रेल एक ही तल पर हो

गेज फेस की ओर घिसाव स्टाक रेल के शीर्ष से 13 से 15 मिमी नीचे मापना चाहिये
स्टाक रेल का घिसाव निम्नलिखित सीमा से अधिक नही होना चाहिये -

उर्ध्वाधर घिसाव < - 13 मिमी. (60 किग्रा. रेल के लिये)
                        < - 8 मिमी. (52 (किग्रा. रेल के लिये)
                       < - 5 मिमी. (90 आर. रेल के लिये )

गेज फेस की ओर का घिसाव

कर्व फेस की और का घिसाव

कर्व फेस की ओर का घिसाव

कर्व में < - 8 मिमी. ए एवं बी root के लिये < - 10 मिमी. सी एवं डी रूट के लिये
सीधाई में < - 6 मिमी. ए एवं बी रूट के लिये  < - 8 मिमी सी एवं डी रूट के लिये

- क्रासिंग की नोज ओर विंग रेल पर अधिकतम उर्ध्वाधर घिसाव - 10 मिमी
- यदि राजधानी रूट है तब क्रासिंग की नोज ओर विंग रेलों पर अधिकतम घिसाव होगा - 
1) बिल्ट - अप के लिये - 6 मिमी.      2) सीएमएस  के लिये -  8 मिमी. 

- सीएमएस क्रासिंग में कास्टिंग के समय विंग रेलों पर 20 में 1 केंट के कारण घिसाव को मापते समय 52 के जी के लिये - 2 मिमी एवं 60 केजी के लिये 2.5 मिमी कुल माप से कम करके गणना करनी चाहिये 

-वेल्डित / हीट ट्रीटेड क्रासिंग में कुल मापे गये घिसाव में से कम करके निकलना चाहिये जिससे के वास्तविक घिसाव मिल जाये जैसा कि संबंधित लेआउट में दिया है 

लीड एवं टर्न इन कर्व -  

- लीड कर्व के शुरू में सीधे रेल से लिये गये आफसेट की माप को सही ढंग लेना चाहिये 
- मेंटिनेंस के समय लीड कर्व और टर्न इन में वरसाइन का अंतर 4 मिमी. से अधिक नही होना चाहिये ओर किसी एक निश्चित स्टेशन पर डिज़ाइन वरसाइन से + - 3 मिमी. से ज्यादा अंतर नही होना चाहिये 

स्लाइड चेयरो का लुब्रिकेशन - 

- दो स्लीपरो पर सिगनल विभाग द्वारा की जायेगी, यदि पॉइंट इंटरलाक्ड हो 
- बाकी बचे हुये सभी चेयरो पर इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया जायेगा 
- बिछाने का साल एवं महीना सफेद पेंट से लिखा होना चाहिये 

यह टंग रेल के वेब में हील जोड़ से 500 मिमी. दूरी पर लिखा होना चाहिये 
यह क्रासिंग के बेव में क्रासिंग की तो से 500 मिमी. पर लिखा होना चाहिये 

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