SEARCH YOUR QUERY

Thursday, December 3, 2020

ट्रैक का निरीक्षण & निरिक्षण का उद्देश्य

ट्रैक निरिक्षण का उद्देश्य होता है :- 

1. राइडिंग गुणवत्ता और ट्रैक की वास्तविक स्थिति का आकलन करना 

2. ट्रैक पैरामीटर और ट्रैक की वास्तविक स्थिति का आकलन करना 

3. यातायात का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करना 

4. ट्रैक नीतियों को लागू करना और समस्याये हल करना 

5. कार्य में सुधार एवं प्रोत्साहन हेतु व्यक्तिगत स्तर पर सम्पर्क रखना 

6. कल्याण / समस्याओ का निवारण 

निरिक्षण के तरीके - 

1. पैदल चलकर निरिक्षण - 

चाबीदार के द्वारा अपनी बीट में रोजाना ट्रैक के प्रत्येक भाग का निरिक्षण किया जाता है मुकद्दम तथा पीडब्लूएस भी नियमित रूप से अपनी गैंग बीट का निरिक्षण करते है रेलपथ निरिक्षण और सहायक मंडल इंजीनियर हबी अपने निरीक्षण अनुसूची अनुसार पूर्ण करते है यह निरिक्षण ट्रैक अंगो , ट्रैक फीचर्स तथा ट्रैक पेरामीटर के विस्तृत एवं गहन निरिक्षण में सहायक होता है लेकिन एक दिन में सीमित क्षेत्र का ही निरीक्षण किया जा सकता है 

2. पुश ट्राली / मीटर ट्राली द्वारा निरिक्षण :- 

इस प्रकार निरीक्षण भी पैदल निरिक्षण के समान है पर इसमें कुछ अधिक दूरी को कवर किया जा सकता है इसमें गेंग के औजार , समपार , पुल , गोलाइयां , पॉइंट्स और क्रासिंग , एस. ई. जे. आदि का निरिक्षण विस्तार से किया जा सकता है यह निरिक्षण धीमी गति का है और अवलोकनो  को भारहीन (फ्लोटिंग) स्थिति में रिकार्ड किया जाता है रेलपथ निरिक्षक , सहायक मंडल इंजीनियर और सेक्शन के मंडल इंजीनियर अपने सेक्शन का अपने अपने शेड्यूल के अनुसार निरिक्षण करते है 

निरिक्षण की बारम्बारता : - 

सेक्शन का रेलपथ निरिक्षण :- सप्ताह में एक बार 

रेलपथ निरिक्षक प्रभारी :- 15 दिन में एक बार 

सहायक मंडल इंजी :- माह में एक बार 

मंडल इंजीनियर :- तीन माह में एक बार 

वरिष्ठ मंडल इंजीनियर :-  जब भी जैसे भी सम्भव हो

3. फुट प्लेट / ब्रेक वेन निरिक्षण :-

ट्रैक के दोष एवं राइडिंग की गुणवत्ता को सेक्शन की तेजी चलती गाड़ी के इंजन या ब्रेक वेन के व्दारा जांची जा सकती है ट्रैक की अनियमितताए अधिकारी व्दारा भार सहित अवस्था में अनुभव की जा सकती है इस विधि का एक दोष यह है कि अवलोकन इंजन की राइडिंग की विशेषताओ के अलावा इसके अंदर के तत्वों पर निर्भर करती है जहाँ तक संभव हो सके, अधिकारी को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए एक ही इंजन / ब्रेकयान का प्रयोग करना चाहिये

निरीक्षण की बारम्बारता :-

रेलपथ निरिक्षण : - पाक्षिक , सहा. मंडल इंजीनियर :- मासिक

मंडल इंजीनियर :- तीन महीने में एक बार , वरि. म. इंजीनियर :- जब भी जैसे भी संभव हो क्षेत्रीय विभाध्यक्ष :- जब भी , जैसे भी संभव हो

4. औचक / रात्रि निरिक्षण :- रेलपथ निरीक्षक प्रभारी को अपना पूरा सेक्शन कम से कम महीने में एक बार फुटप्लेट व्दारा सूर्यास्त से सूर्योदय के बीच निरीक्षण करना चाहिये

विशेषकर चार बजे तक विषम घंटो में गेटकीपर की पेट्रोलमेन की तथा इंजी. संकेतक पर तैनात वाचमेन की जागरूकता को जांचने हेतु निरीक्षण किया जाना चाहिये इन निरिक्षण के दौरान यह चेक करना चाहिये कि चालक इंजीनियरिंग प्रतिबंधो का पालन / अवलोकन ठीक से करते है कि नही






No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.

Disclaimer: The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.