(1) समरूप विशाखित (सिमिट्रिकल स्प्लिट )
(2) डायमंड क्रासिंग
(3) कैंची (सीजर्स) क्रास ओवर
सिमिट्रिकल स्प्लिट (समरूप विशाखित) - क्रासिंग का सेंटर लाइन ट्रैक के सेंटर लाइन पर होता है
डायमंड क्रासिंग - डायमंड क्रासिंग 8.5 में 1 से कम क्रासिंग कोण के नही होना चाहिये यदि क्रासिंग कोण 8.5 में 1 से कम होगा तो क्रासिंग के नाक की ओर पहुंचने वाले चक्के को चेक रेल द्वारा दिशा प्रदान नही किया जा सकेगा जो 8.5 में एक क्रासिंग के लिये 407 मिमी. तक तथा 12 में 1 क्रासिंग के लिये 643 मिमी. (52 किग्रा. ) तक होता है गैप बढने से चक्के के द्विमार्गी होने की संभावना बढती है जब दो ट्रैक एक दुसरे को काटते है तब निम्न आकार बनते है -
(1) समान गेज के - समचतुर्भुज डायमंड
(2) असमान गेज के - समलम्बाकार डायमंड
(30 समकोण पर - वर्गाकार डायमंड
वाहन को एक ट्रैक से दुसरे ट्रैक में ले जाने के लिये स्लिप रोड का प्रयोग किया जाता है
यह दो प्रकार के होते है -
(1) सिंगल स्लिप - एक ट्रैक से दुसरे ट्रैक में जाने के लिये
डायमंड क्रासिंग की कमियाँ - (1) जब गाड़ी का पहिया अधिक कोण क्रासिंग के निकट पहुंचता है तब कुछ दूरी तक चेक रेल गाइड नही करता अत: संचालन को सुरक्षित बनाने के लिए -
(1) चेक रेल के उपरी सतह को 25 मिमी. ऊँचा एमएस पट्टी वेल्ड कर दिया जाता हो
(2) बीजी में फ्लेज के अंतराल 44 मिमी. से घटाकर 41 मिमी. कर दिया जाता है
(3) सामान्य डायमंड के स्थान परस्विच डायमंड लगाया जाता है
क्रंकीट स्लीपर पर 52 केजी . के 8.5 में 1 डायमंड क्रासिंग
(1) बिना स्लीप के आर. टी. - 5362
(2) सिंगल स्लीप के साथ आर. टी. - 5363
(3) डबल स्लीप के साथ आर. टी. - 5364
(4) सीएमएस अधिक कोण क्रासिंग आर. टी. - 5265
(5) सीएमएस न्यून कोण क्रासिंग आर. टी - 4867
ऊँचे चेक रेल - डायमंड क्रासिंग पर रुके हुये गाड़ी के पुन: चलने के कारण डिरेलमेंट को बचाने के लिये प्रत्येक डायमंड के अधिक कोण क्रासिंग पर दो ऊँचे चेक रेल लगाये जाते है चेक रेल पर 1 मी. तक 25 मिमी मोटी पट्टी वेल्ड करके इसे तैयार किया जाता है सामान्य न्यूनकोण डायमंड की अपेक्साहा अधिक कोण डायमंड के नाक से गले तक की दूरी दुगुनी होती है इसीलिये सावधानी बरतना आवश्यक है इस समस्या को हल करने के लिये चालित स्विच डायमंड लगाया जाता है जिसमे अधिक कोण क्रासिंग के पॉइंट रेल के स्थान पर टंग रेल लगाते है और ऊँचे चेक लगाने की जरूरत नही होती एमएसडी क्रासिंग 8.5 में 1 से फ्लेट हो सकते है परन्तु सिंगलिंग विभाग द्वारा इसे सुविधाजनक नही माना जाता अत: यह अधिक लोकप्रिय नही हो सका अधिक कोण क्रासिंग के गले पर फ्लेज के अन्तराल 44 से घटाकर 41 मिमी. कर दिया जाता है एक ट्रैक से दुसरे ट्रैक पर गाड़ी को ले जाने के लिये साधारण डायमंड क्रासिंग में स्लिप का प्रयोग किया जाता है ये सिंगल या डबल स्लिप होते है जो क्रासिंग के टो पर एसआरजे मानकर सिंगल स्लिप में 2 सेट स्विच लगाते है तथा डबल स्लिप में 4 सेट स्विच लगाते है
पीएससी स्लीपर पर डिरेलिंग स्विच -
बीजी 52 किग्रा. - 8.5 में 1 आर. टी - 5836
बीजी 60 किग्रा. - 8.5 में 1 आर. टी - 6068
दाये या बाये टंग रेल के आधार पर इसे दांया डिरेलिंग स्विच या बांया डिरेलिंग स्विच कहाजाता है चाहे टर्न आउट की दिशा कोई भी हो
केंची (सीजर्स ) क्रास ओवर -
(1) एक ट्रैक से दुसरे ट्रैक पर वाहन को ले जाने के लिये तथा इसके ठीक विपरीत
(2) दो क्रास ओवर को अलग - अलग बिछाने के लिये स्थान की कमी होने पर
(3) इसमें चार जोड़ी स्विच, 6 न्यूनकोण क्रासिंग व अधिक कोण क्रासिंग में रेज्ड चेक रेल लगाये जाते है
पी. एस. सी. स्लीपर पर 8.5 में 1, 60 किग्रा. कैंची - क्रास ओवर - ड्राइंग नंबर )
क्रासिंग असेम्बली - आर. टी. - 6092
न्यूनकोण बांया (सीएमएस) आर टी - 6093
न्यूनकोण - आर. टी. - 6099
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