गोलाई रक लाइन है जिसका कोई भी भाग सीधा नही होता तथा जो बिना कोणों के अपनी दिशा बदलती है
आवश्यक खराबी
गोलाई की पहचान -
भारतीय रेल तथा यु. एस रेलवे को छोडकर वक्रो को उनकी त्रिज्या के द्वारा पहचाना जाता है भारतीय रेल में कर्व की पहचान डिग्री है गणना के लिए त्रिज्या को मन गया है
गोलाई की डिग्री -
30. 5 मी की कार्ड व्दारा केंद्र पर मापे गये कोण को गोलाई की डिग्री कहता है
गोलाई के प्रभाव -
R त्रिज्या की गोलाईमें V गति से चलती हुई गाड़ी में लगने वाला
अभिकेन्द्रीय बल = MV2/R
अवांछनीय प्रभाव -
- यात्रियों को असुविधा
- भार का संभावित खिसकना
- गाड़ी के पलटने का खतरा
- डिरेलमेंट का खतरा
अधिक क्षेतिज बलों से गोलाई में प्रतिरोध होगा -
पहियों के फ्लैज और रेल में घिसाव
रेलपथ में क्षेतिज बल
कैंट / सुपेरेलिवेशन -
अभिकेन्द्रीय बल के प्रभाव को बाहरी रेल को सुनिश्चित मात्रा में उठाकर ख़त्म / किया जाता है अंदर के रेल के सापेक्ष बाहरी रेल का उठाना सुपर एलिवेशन / केंट कहलाता है
SE = GV2 / 127 R
जहाँ SE - कैंट मिमी. में G = रेल पथ का गेज + रेल गेज की चौड़ाई मिमी में, R = गोलाई की त्रिज्या मिमी. में V = गाड़ी की गति किमी / घ.
गोलाई वाले ट्रैक में वाहन -
गोलाई के पैरामीटर
संतुलित उठान Ce संतुलित गति Ve वास्तविक उठान Ca कैंट की कमी Cd उठान की अधिकता Cex वास्तविक उठान के परिवर्तन की दर Rca उठान में कमी के परिवर्तन की दर Red ट्रांजिशन की लम्बाई L कैंट ग्रेडिएट
संतुलित उठान : - व्रत्तीय गति के दौरान यदि गाड़ी का भार तथा अभिकेन्द्रीय बल का परिणामी रेल पटरी के समतल के लंबवत कार्य करे तो इसके संगत गति को संतुलित गति तथा उठान को संतुलित उठान कहते है संतुलित गति का निर्धारण निम्न बिन्दुओ के आधार पर होता है -
1) तेज तथा धीमी गति की गाड़ी की अधिकतम गति,
2) गाडीयों के रुकने के स्थान
3) स्थायी गति प्रतिबन्ध
4) जंक्शन
5) मालगाड़ी की गति प्रभावित करनें वाले ग्रेडियंट
वास्तविक कैंट (Ca) -
अनुरक्षण की शर्ते
- अधिक उठान से गिट्टी लुढकती है तथा अंदरूनी रेल छपता होता है
- हवा के बल से प्रभावित नही होता
- (डिरेलमेंट ) अवपतन के प्रति सुरक्षा
- खाली बेगनो का रुकना ओर चलना
यात्री सुविधा
- 180 मिमी , उठान तक कोई परेशानी नही होती
डायनामिक गेज के 1/8 से 1/10 तक सीमित है
उठान की कमी (Cd)
गोलाई में गाड़ी जब संतुलित गति से अधिक गति से चलती है तो कैंट में कमी अनुभव करती है
- सुरक्षा - हवा की गति के साथ 175 मिमी तक सुरक्षित
- यात्री सुविधा - यदि असंतुलित पार्श्व त्वरण 0.1g से अधिक है तो आरामदेह नही है
उठान में कमी 0. 1 ग से कम होना चाहिये
उठान की अधिकता (Ce) - गोलाई पर संतुलित गति से km गति चलती हुई रेलगाड़ी को उठान की अधिकता का अनुभव होता है
सुविधा का विचार नही किया गया
अनुरक्षण पर विचार
अंदर की रेल पर अधिक घिसाव
माल यातायात से अधिक होने पर उठान की कमी होगी
भारतीय रेल में उठान की अधिकता की अधिकतम सीमा 75 मिमी है
ट्रांजीशन गोलाई :- ट्रांजीशन गोलाई एक सुविधाजनक गोलाई है जो सीधे तथा गोलाई वाले रेलपथ के बीच वरसाइन तथा सुपेएलिवेशन के तेजी से बदलाव को सुविधा प्रदान करने के लिए लगाया जाता है
भारतीय रेल में यह क्यूबिक पैर बोला की आकृति का होता है
Y = x3 / 6RL
ट्रांजीशन गोलाई की लम्बाई -
सुविधा की कसौटी - असंतुलित पार्श्व त्वरण के परिवर्तन की दर .03 g से कम होती है
Ca / Cd के परिवर्तन दर < 0.03 g
Ca / Cd के परिवर्तन की दर 65 से 75 मिमी . से. में नोट करने योग्य है लेकिन 35 मिमी/ से पर नियत की गई है
अपवाद परिस्थितयो में इसे 55 मिमी /से. तक बढाया जा सकता है
सुरक्षा की कसौटी -
कैंट ग्रेडियंट से ट्रैक में ट्विस्ट होता है
कैंट ग्रेडियंट से ट्रैक में ट्विस्ट होता है
कैंट ग्रेडियंट 720 में 1 अर्थात 1.4 मिमी / मीटर है
अपवाद रूप में इसे 360 में 1 अर्थात 2.8 मिमी/ मीटर किया जा सकता है
ट्रांजीशन की लम्बाई निम्न में से अधिकतम होगी -
L = 0.008 Ca x Vm
L = 0.008 Cd x Vm
L = 0.72 Ca
ट्रांजीशन कर्व की शिफ्टिंग -
शिफ्ट - क्यूबिक पैराबोला के रूप में बिछायी गयई ट्रांजीशन गोलाई में बैठने के लिए मुख्य सर्कुलर गोलाई को थोडा सा अंदर की ओर ले जाना पड़ता है इसे शिफ्ट कहते है
S = L2 / 24 R
काल्पनिक ट्रांजीशन - यह एक सुनिश्चित लम्बाई होती है जो कि टैंजेंट पॉइंट की दोनों तरफ केंट को घटाने / बढ़ाने के लिए रखी जाती है जबकि मुख्य गोलाई रेलपथ के टैंजेंट ससे सीधी जुडी हो
बीजी के लिये = 14.6 मी (टैंजेंट पॉइंट के दोनों तरफ 7.3 मी. )
एम जी के लिये = 13. 7 मी (टैंजेंट पॉइंट के दोंनो तरफ 6.85 मी )
कम्पाउंड और रिवर्स गोलाई -
उभयनिष्ठ ट्रांजीशन
कम्पाउड कर्व के लिये - ट्रांजीशन की लम्बाई निम्न में से जो अधिक हो -
L = 0.008 (Ca1 - Ca2) x Vm
L = 0.008 (Cd1 - Cd2) x Vm
L = 0.72 (Ca1 - Ca2)
यदि ट्रांजीशन की लम्बाई काल्पनिक ट्रांजीशन को हटाकर काल्पनिक ट्रांजीशन को चुनना चाहिये
रिव्हर्स कर्व के लिए -- ट्रांजिशन की लम्बाई निम्न में से जो अधिक हो
L = 0.008 (Ca1 - Ca2) x Vm
L = 0.008 (Cd1 - Cd2) x Vm
L = 0.72 (Ca1 - Ca2)
रिवर्स कर्व - हाईस्पीड रूट के लिये ग्रुप ए तथाबी में 50 मी. लम्बाई में सीधा रखना चाहिये अन्यथा ट्रांजीशन लम्बाई को बढ़कर सीधाई को समाप्त कर देना चाहिये
यदि उपरोक्त में से कोई भी संभव न हो तो बीजी में 130 किमी /घंटा तथा एमजी में 100 किमी /घंटा का गति प्रतिबन्ध लगाना चाहिये
वर्टिकल कर्व - जहाँ दो ग्रेडो का बीजीय अंतर 0.4% (4 मिमी.मी .) के बराबर या अधिक हो वहाँ वर्टिकल कर्व बिछाया जाता है
ढलानों पर कर्व के लिये ग्रेड क्षतिपूर्ति -
बीजी के लिये 0.04 % प्रति डिग्री एम् जी के लिये 0.03 % प्रति डिग्री
एन जी के लिये 0.02% प्रति डिग्री
उदाहरण - 1: 100 की ढलान के लिये 3' कर्व पर ढलान में ग्रेड क्षतिपूर्ति कितनी हो सकती है
हल - कुल गुंजाइश = 0.04 x 3 % = 0.12 % ढलान में गुंजाइश = 1% - 0.12 = 0. 88%
= 1/113. 6 = 1/114 उत्तर
अतिरिक्त अन्तराल -
लीन के कारण अतिरिक्त अन्तराल L = H x Ca / G
स्वे के कारण अतिरक्त अन्तराल S = H x Ca / 4 G
अंदर की ओर - लीन का 1/4 कैंट के कारण बाहर की ओर - कुछ नही गोलाई के कारण अतिरिक्त अन्तराल -
प्लेटफार्म / संरचना - कर्व के अंदर की ओर -- (vo + L + S - 51)
कर्व के बाहर की ओर -- (ve+ 25 ) मिमी
संलग्न रेलपथ के लिये --- vo _ ve + 2 L /4
Vo = ओवरथ्रो = C2 / 8R, Ve = एंडथ्रो = (L2 - C2 ) / 8R
S = स्वे = लीन का 1/4 L = लीन
गोलाईयो पर चेक रेल - 8' तथा अधिक की गोलाई के लिये -
न्यूनतम अन्तराल = 44 मिमी, अन्तराल = 44 + 1/2 गेज वाईडनिंग
कर्व पर सुरक्षित गति -
(1) पूर्ण रूप से ट्रांजीशन वाली गोलाई - ट्रांजिशन वाली गोलाईयो के लिये अधिकतम गति का निर्णय निम्न सूत्र से किया जायेगा -
(अ) बीजी V = 0.27 R (Ca + Cd)
(यहाँ पर माना गया है कि रेल हेड के केंद्र से केंद्र के बीच की दूरी 1750 मिमी होगी )
(ब) एमजी V = 0.347 R (Ca + Cd )
(यहाँ पर माना गया है कि रेल हेड के केंद्र के बीच की दूरी 1057 मिमी होगी )
(स) नैरो गेज (762 मिमी ) V = 3. 65 (R - 6 )
अधिकतम 50 किमी /घंटा )
V = गति किमी / घंटा में R = त्रिज्या मी में Ca = वास्तविक कैंट मिमी में
Cd = अनुमत कैंट में कमी मिमी में
(2) बिना ट्रांजीशन वाली गोलाई - (अ) आभासी ट्रांजिशन में कैंट वाली गोलाईयो -
बिना ट्रांजिशन वाली गोलाईयो में अधिकतम अनुमत गति आभासी ट्रांजिशन की लम्बाई पर निर्भर करती है आभासी ट्रांजिशन की लम्बाई बीजी में 14. 6 मी ली जाती है कैट आभासी ट्रांजिशन की लम्बाई में प्राप्त किया जाता है बीजी में कैंट ग्रेडिएंट का मान किसी भी अवस्था में 360 में 1 से अधिक नही होना चाहिये
(ब) आभासी ट्रांजिशन में बिना कैंट वाली गोलाईयां - आभासी ट्रांजिशन में बिना कैट वाली गोलाईयो में अधिकतम गति का निर्धारण ग्राफ द्वारा किया जाता है
(3) अपर्याप्त ट्रांजिशन लम्बाई वाले कर्व में अनुमत गति का निर्धारण वास्तविक कैंट / कैंट की कमी के आधार पर किया जायेगा जो कि कैट . कैट ग्रेडियंट में परिवर्तन की दर के लिमिटिंग मान पर आधारित होगा
(4) उपरोक्त द्वारा प्राप्त गति सेक्शन की अधिकतम अनुमत गति से अधिक नही होनी चाहिये
कर्व पर रेलों की कटिंग - सामान्यत: कर्व पर रेल जोड़ गुनिया में बिछाये जाते है कर्व पर अंदर के रेल जोड़ धीरे - धीरे बाहरी रेल जोड़ो से आगे बढ़ जाते है जब अंदर की रेल बाहरी रेल से बोल्ट होल की पिच की आधी लम्बाई के बराबर आगे हो जाती है तब जोड़ो को गुनिया में लाने के लिये कट रेल डाले जाते है यह अधिक लम्बाई d निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है -
d = LG / R
जहाँ 'd' मिमी में वह लम्बाई है जो बिना कट रेल डाले कर्व की पूर्ण लम्बाई में अंदर की रेल बाहर की रेल से आगे होती है L = मी में कर्व की लम्बाई R = मी में कर्व की त्रिज्या G = गेज + रेल हेड की मिमी में चौड़ाई
किसी कर्व में डाली जाने वाली कट रेल की संख्या निम्न सूत्र से ज्ञात करते है -
N = d / मिमी में बोल्ट होल की पिच
यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि कर्व में आरम्भ तथा अंत के जोड़ गुनिया में है
कर्व बोर्ड - कर्व बोर्ड को कर्व के बाहर की ओर लगाया जाता है जिस पर कर्व की त्रिज्या लम्बाई ट्रांजिशन की लम्बाई मी में तथा कैंट मिमी में दर्शाया जाना चाहिये
रेल पोस्ट - यह कर्व के अंदर की ओर ट्रांजिशन के आरम्भ तथा अंत पर लगाये जाते है इन्हें लाल तथा सफेद रंग से पेंट किया जाता है
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