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Thursday, December 3, 2020

रेल तथा जोड - रेलपथ

रेल पथ वह रास्ता है जिसमे निधार्रत दूर पर दो समानांतर रेले  होती है।ये रेल स्लीपरों  के साथ फास्टनिंग  द्वारा जुडी होती है जो कि  फार्मेशन  के ऊपर बिछाई  गिट्टी  पर  होता है। 

आदर्श  रेलपथ के गुण :- 

(1) रेल पथ ऐसाहोना चाहिये जिसके रखरखाव मे कम खर्च  हो 
(2) गेज सही  हो। 
(3) ढलान सीमाओं के अंदर हो। 
(4) गोलाई एवं सीधाई ठीक हो। 
(5) रेल पथ की  पैकिंग  सही  हो। 

रेल मार्ग  का वर्गीकरण  - 

ब्राड गेज लाइनो  को भविष्य में  होने वाली  अधिकतम अनुमत गति  के आधार पर निम्नांकित छ: समूहो में  बांटा गया है :- 

(1) ग्रु ‘ ए ’ - गति 160 कि मी./ घंटा तक 

(1) नई दिल्ली  से हावडा- राजधानी रूट(ग्रांड कोर्ड तथा हाव- वधर्वान कोर्ड  होकर) 

(2) नई दिल्ली से मुंबई सेन्ट्रल  (फ्रंटियर मेल  रूट ) 

(3) नई दिल्ली से चेन्नई सेन्ट्रल (ग्रांड ट्रंक रूट ) 

(4)हावडा - नागपुर - मुंबई छ. श. ट. 

(2) ग्रु ‘ बी ’ - गति 130 किमी/घ. तक 

(1) इलाहाबाद- कटनी – जबलपुर - इटारसी - भुसावल 
(2) कल्याण- पुणे - दौंड  - वाडी - सिकदराबाद- काजीपेट 
(3) खडगपु र - वाल्टेयर- विजयवाडा. 
4) वाडी - रायचूर - अरक्कोणम- चेन्न्ई सेन्ट्रल
(5)हावडा - बंदेल - वधर्मान  
6) खन्ना- बरहरवा - फरक्का ब्रिज  - मालदा टाउन 
(7) सीतारामपुर - मधुपुर - किउल  - पटना - मुगलसराय 
(8)किउल  - भागलपुर - साहिबगंज - बरहरवा
(9)दिल्ली - पानीपत – अम्बला कैंट  - कालका 
(10) अम्बाला कैंट  - लुधयाना - जालंधर – पठानकोट 
(11) अम्बला कैंट  - मुरादाबाद- लखनऊ - प्रतापगढ़ - मुगलसराय 
(12) अरक्कोणम- जोलारपेट्ट- सलेम - इरोड - कोयंबटूर - एनार्कलम 
(13) वडोदरा – अहमदाबाद 
(14) जोलारपेट्ट- बंगलोर 
(15) अहमदाबाद- अजमेर - जयपुर - बांदीकुई - रेवाडी - दिल्ली 
(16) चेन्नई बीच– डिंडीगुल 
(17) मालदा टाउन- वरसोई-न्यू लपाईगुड़ी 
(18बंगलोर  - धरमावरम – गूटी  
(19) गािजयाबाद- सहारनपुर 
(20) चेन्नई बीच- चेन्नई इग्मो(तीसरी  लाईन) 
(21)बांदीकुई - आगरा फोटर 
(22) सवाई माधोपु  - जयपुर 
(23)बेल्लारी – गुंटकल 
(24) गुडूर - रेनीगुंटा 
(25) पगाडीपल्ल- नाडीकुंडी - गुंटूर – तेनाली  
(26) विजयवाडा - गुडवाडा - भीमावरम –नदादावेलु 
(27) गुटकल - गुंटूर तथा गुंटूर - कृष्णा कैनल 
(28) मनमाड - मुदखेड - संकदराबाद 
(29) संकदाराबाद– धोने 
(30) रेनीगुंटा - तरूपत– पकाला - कटपडी 

(3). ग्रु ‘ सी ’ – मुंबई, दिल्ली , चेन्नई तथ कोलकाता के उपनगरीय खण्ड  

(1) मुंबई सीएसीट – रावली  – कुलार्- पनवेल 
(2) रावली  - माहम – अंधेरी  
(3) चचर्गेट- मुंबई सेन्ट –बोरवली  - विरार 
(4) चेन्नई सेन् -बेसन ब्र- वसरपाडी - अरक्कोण 
(5) डम डम जंक्शन- बारासात जंक्शन- बनगांव जंक्श 
(6)हावडा - पंसकुरा – खडगपु र 
(7) पलवल – ओखला - तलक ब् 
(8) ओखला - लाजपत नगर – शकुरबस्त , दिल्ली- कशनगंज - शकुरबस्ती- नई दिल्ली आजाद पुरमंड 
(9) सांहबाबाद- दिल्ली शाहदरा- दिल्ली भारतीय रेल पर ऐसे 30 रूट है (शुध्दि पत्र 109 के अनु सार) 

(4) ग्रु ‘ डी ’ स्पेशल  - गति  110 किमी/घ. तक तथा वार्षिक  यातायात घनत्व  20 जी एम टी  या अधिक  

(5) ग्रु ‘ डी ’ - गति110 किमी/घ. तक तथा वार्षिक यातयात घनत्व 20 जी एम टी . से कम

नोट :- दोहरी  अथवा अधिक लाइन के संदर्भ  में  रूट के वर्गीकरण  लिये प्रत्येक  लाइन को वार्षिक  यातायात घनत्व अलग-अलग देखा जाये । रूट का वर्गीकरण अधिकतम जीएमटी  वाली  लाइन केआधार पर कया जायेगा। जीएमटी तथा गति  के आधार पर भारतीय रेल म 102 डी स्पेल तथा डी रूट है 

(6) ग्रु ‘ ई ’ - गति 100 किमी /घ तकक गतिवाले अन्य खण्ड तथा ब्रलाइन

रेल 

रेल उन स्टगडर्र के समान है जिन्हे  जब सिरे से सिरा लाकर रखा जाता हैतब वे ट्रेन के पहियो कलये सतत तथा लेवल सतह प्रदान करती है 

रेल के कार्य  

(1) रेल ट्रेन के चक्को  को चिकनी सतह प्रदान करती है
(2) रेल अपने ऊपर आये भार को स्लीपर  तथा गिट्टी  की  सहायता से फार्मेशन के बडे  भाग में  बांटने का कार्य  करती है
(3) रेल रॉलिग स्टॉक का दबाव, तापीय दबाव आदि  व विभिन्न  दबाव सहन करती है 
(4) रेल पथ प्रदशर्क काय कार्य  करती है
(5) रेल ऐसा रास्ता बनाती है जो सरल  तथा कम घषर्णयुक्त हो 

रेल के प्रकार  

(1) डबल हेडेड रेल या डम्बबैल सेक्श 
(2) बुलहैडेड रेल 
(3) फ्लैट फुटेड रेल या विग्नोर  रेल 

रेलके घटक– रेल के निम्नलिखित  घटक है - 

(1)हैड - रेल का ऊपर भाग हैड कहलाता है , जो कि सम्पूर्ण भार को सहन करता है यह कम घषर्णयुक्त तथा पर्याप्त  गहराई का होना चाहिये 
(2) वैब- रेल का यह भाग लोड कोहैड से फ्लज तक स्थानांतरित करता है 
(3)फ्लज- यह रेल काआधार भागहोताहै। इसका पयार्प्त चौडाई व मोटाई होती ह ताक जंग लगने के बाद भी यहकायर् करे 

आदर्श रेल गुण 

(1) रेल मजबुत कडी और टकाऊ के साथ-साथ किफायती होना चाहिये । 
(2) रेल का गुरूत्व केंद्र रेल  की  ऊंचाई के मध्य के बहुत निकट होना चाहये । ताकि  अधिकतम तनाव तथा सकुडन बराबर हो। 
(3) रेल  की मानक लम्बाईया ब्रॉडगेज लये 13 मी. तथा मीटर गेज के लये 12 मी होतीहै। 
(4) रेल  की  ऊँचाई पर्याप्त  होनी चाहिये ताकि  उसमें  उपयुक्त ऊर्ध्वाधर  तथा मजबूत ।

 मानकरेल सेक्शन  :- ( शु प.क.117 द. 19/05/09) 

(1) सामान्य  – सामान्यतया रेल सेक्शन का चुनाव लोडिंग  तथा गति  के मानक क अनुसार किया जाताहै।

(2) ब्रॉड गेज  – नवीनीकरण, नयी लाईन के निर्माण  , गेज परिवर्तन  तथा दोहरीकरण  के लिये नीचे दिये टेबल के अनु सार रेल सेक्शन का प्रयोग करना  चाहिये

नोट : उपरोक् रेल के लये न्यूनतम यूटएस 90 यूटी एस होगा

लूप लाईन : 60 के जी (एसएच) या 52 के जी (एसएच) प्रयोग करना चाहिये।  ग्रुप ए,बी तथा सी रूट पर लूप लाईन पर रेल्वे बोर्ड  के अनुमोदन से नयी रेले प्रयोग की  जा सकती है ।

रेल को प्रति  ईकाई  लम्बाई के वजन के आधार पर जाना जाता है । एफपीएस युनिट में  वजन प्रति गज  पौंड  मे तथा एम के एस युनिट में  वजन प्रति मीटर किलोग्राम होता है 52 कलो रेल का मतलबहैक एक मीटर रेल का वजन 52 किलोग्राम है।

रोलिंग मार्क  - 
ढाली  गयी प्रत्येक रेल की  पटरी  के वैब मे थोडी थोडीदूरी पर एक मार्का  लगा  होताहै। इसे रोलिंग मार्क कहते है । जैस

(1) (IR - 90R-TISCO-II 1995. B .B) 

जहां

(IR) - इंडियन रेलवे     

(90R) - रेल का वजन तथा प्रकार

(TISCO) - टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (निर्माण )

(II 1995) - बनाने कामहीना तथा  वर्ष

(B.B.) - बेसकबेसेमर (निर्माण प्र )

(2) (IRS - 52KG - 710 - TISCO - II 1991 - O. B.)

जहां(IRS) - इंडियन  रेल्वे स्टडी

 (52KG) - रेल का वजन तथा प्रकार

 (710) - अल्टमेट टेन्सल स्ट्रै710 न्यूट / ममी

(TISCO) - टाटाआयरन एण्ड स्ल कम्पनी(निर्माण)

(II 1991) - निर्माण का महना तथा वर्ष  (OB) - ओपन हार्थ  बेसिक निर्माण  ) रेल पर ये माकर् कम से कम 20 मिमी आकार के तथा 1.5 मि मी ऊंचे अक्षरों में  1.5 से 3.0 मीटर की  दूरी  पर  अंकित किये   जाते है

रेल के वजन तथा धुरा भार में संबंध 

प्रयुक्त ल का प्रयोग अधकतम धुरा भार पर निर्भर  करताहै तथा अधिकतम धुरा भार हेतु निम्नलिखित नियम का प्रयोग कया जाता है -

अधिकतम धु रा भार = 560 X रेल सेक्शन का वजन पड प्रतिगज

                        = 510 X रेल सेक्शन का वजन की ग्रा प्रति

 90R रेल के लिये

अधिकतम धुरा भार = 560 X 90 = 50400 पड = 22.5 टन

52 के जी रेल के लिये

अधिकतम धुरा भार = 510 X 52 = 26520 कग्र= 26.52 मी. टन.

रेल की विशिष्टया

रेल की विशिष्टया – (श.प.क.117 द. 19/05/09)

(1) प्राईम क्वालीटी रेल  : भारतीय रेल स्पेसिफिकेशन आईआरएस-टी -12/2009 सपाट तल रेल 68 कि ग्रा ./मी., zu-1-60 व 52 कि ग्रा./मी. 880,1080(क्रो.) तथा 1080(एचएच) ग्रेड रेल का विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध कराता।रेल को एंड स्ट्रेटन में  छूट के आधार पर वर्ग' क' और' ख' वर्ग  में  वर्गीकृत किया जाये।इन विशिष्टयम विशेष रेल इस्पा वाले  रेल जैसे नियोबयम (Nb), वेनेडियम (Vn), जंग प्रतिरोधी रेल इस्पा, तांबा मोलब्डेनम( CM), निकलक्रोम तांबा (NC)आदि की  आवश्यकताओं के बारे में विशिष्टयाँ दी  गयी है । रोलिंग मार्क  द्वारा  रेल सेक्शन  , स्टील  का ग्रेड  , निर्माता  की  पहचान  , स्टील बनाने का प्रोसेस तथा रोलिंग की दशा का प्रदर्शन चाहिये ।

(2) औद्योगिक  इस्तेमाल वाली  रेले (आईयू रेले ) – उपरोक्त  के अलावा औद्योगिक रेल इस्पात संयंत्र से उत्पनन हो रहे है , विशेष रूप से  प्राईम क्वालिटी  रेलआईआरएस-टी - 12/2009 के अनुसार निरीक्षण  के दौरान।औद्योगिक इस्तेमाल वाल रेल में  प्राईम क्वालिटी रेल से यांत्रिक अथवा रासायनिक संघटन में कोई विचलन नहीं है । इनमें विचलन के वल आयाम में छूट में है।इन रेल का प्रयोग  50 कि मी/घं. गति  प्रतिबंध के साथ औद्योगिक साइडिग में किया जा सकताहै। इन रेल की  पहचान प्रत्येक किनारे पर दोनों  ओर फ्लैज  पर 500 मि मी. की दूरी  तक नीले रंग के पट द्वारा क जाएगी इसके अलावा ‘आईयू’(औद्योगिक उपयोग ग्रेड ) 15 ममी. आकार में मुहर दोनों  अंत सिरों  पर करवाये ।

90 यू टी एस रेल– ग्रेड 710 न्युट / मिमी² = 710/9.8 = 72 कग्/ मिमी² 72 किग्रा /मिमी² = 72 यु टी एस ग्रे880 न्यूट / मिमी² = 880/9.8 = 90 किग्रा / मिमी² = 90 यु टी एस 90 यू टी एस 

रेल के लाभ :- 

1. 90 युटीएस रेल  कि सर्विस  लाइफ 72 यु टीएस रेल के मुकाबले 50% ज्यादा होती है। 

2. 90 यु टी एस रेल द्वारा वाहन की  जाने वाली  कुल जीएमटी इस प्रकार है-

3. 90 यु टीएस रेल का घिसाव 72 यु टीएस के मुकाबले कम होताहै। इन रेल की कठोरता 270 बीएचएनहोतीहै जबक 72 यु टी एस रेल की कठोरता 220 बीएचएनहोती है। 

4. 90 यु टीएस रेल मे अधिकतम अनुमत प्रल 22.5 किग्रा/ ममी² होता है जबकि 72 यु टीएस रेल में  यह18 कग्/ ममी² होताहै। वे सभी रूट जहाँ बॉक्सनल रहे है वहाँ 90 यु टी एस रेल ही  होनी चाहिये ।

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