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Wednesday, December 9, 2020

गिट्टी की गहरी छनाई (Ballast Deep Screening) कार्यविधि और सावधानियां

गिट्टी की गहरी छनाई :-

1) सामान्य :- क) यह आवश्यक है कि रेलपथ का जल निकास अच्छा हो जिसके लिये गिट्टी की आवधिक छनाई की जानी चाहिये खराब फार्मेशन, गिट्टी घिसाव, अधिक वर्ष तथा रख और अयस्क के गिरने के कारण रेलपथ की जल निकासी अवरूध्द हो जाती है ऐसी परिस्थितियों में, यह आवश्यक हो जाता है कि सम्पूर्ण गिट्टी की रचना स्तर / उप गिट्टी स्तर तक छनाइ की जाए इसके अतिरिक्त थ्रू छनाई से गिट्टी तल  के लचीलेपन का प्रत्यावर्तन होता है परिणामस्वरुप रेलपथ का चालन बेहतर हो जाता है ऐसी छानाइ को गहरी छनाई कहते है जो ओवरहालिंग के दौरान की जाने वाली उठली छनाई से भिन्न है

(ख) निम्नलिखित परिस्थितियो में सम्पूर्ण गिट्टी कुशन की व्यवस्था करके गहरी छनाई की जानी चाहिये -

1) पूरे रेलपथ क्र नवीनीकरण से पूर्व
2) थ्रू स्लीपर नवीनीकरण से पूर्व
3) जहाँ गिट्टी का केकिंग असंतोष सवारी का कारण बने
4) जोड़ पट्टी या एसडब्ल्यूआर  वाले वर्तमान रेलपथ को एलडब्ल्यू में बदलने से पूर्व, अथवा मशीन अनुरक्षण लागू करने से पूर्व यदि गिट्टी की छनाई हाल ही में न की गयी हो

5) सम्पूर्ण ट्रैक की कम दस वर्षो में एक बार गहरी छनाइ अवश्य की जाये

ग) रेल पथ नवीनीकरण के बीच छनाई की आवश्यकता के सम्बन्ध में मुख्य इंजीनियर द्वारा स्थानीय स्थितियो का ध्यान रखते हुये निर्णय किया जाए

(घ) गहरी छनाई की समय निरापद रूप से मानक गिट्टी सेक्शन की व्यवस्था की जाए
ड) खराब फार्मेशन के मामले में, गहरी छनाई के साथ - साथ फर्मेंशन उपचार भी किया जाना चाहिए
च) गहरी छनाई के काम को स्केशन के एक सिरे से दुसरे सिरे तक लगातार किया जाना चाहिए

2) व्यवस्थित गहरी छनाई के लिये कार्यविधि (एलडब्ल्यू सेक्शन पर लागू नही )

क) सर्वेक्षण - किसी सेक्शन के गहरी छनाई शुरू करने से पहले सेक्शन का सर्वेक्षण करना आवश्यक है इसमें निम्नलिखित संक्रियाए आती है -

1) रेल पथ का अनुदैर्ध्द सेक्शन जिसमे रेल की सतह प्रत्येक 30 मी. पर तथा ग्रेडो के बदलाव पर, आवश्यक स्थानों जैसे पुलिया, पुल, शिरोपरी संरचना, सुरंग, समपार, सिग्नल ग्रेन्ट्री , रखदान, कांटे और क्रासिंग इत्यादि पर निर्दिष्ट कि गयी हो

2) स्टेशन यार्डो में रन थ्रू लाइनों पर क्रास सेक्शन प्रत्येक 50 मीटर पर लिया जां चाहिये एवं प्लेफार्म सतह , रेल सतह शिरोपरी संरचनाओ के नीचे के अन्तराल सहित प्लांट किया जाना चाहिये

3) अनुदेर्ध्य और क्रास सेक्शन के आधार पर अंतिम सतह निम्न बातो का ध्यान रखते हुए मंडल इंजीनियर द्वारा निश्चित की जायेगी - दी जाने वाली कुशन की गहराई रेलपथ को ऊँचा उठाने या नीचे करने के अनुपाती परिमाण, वर्तमान अनुदेर्ध्य सेक्शन में हम्प सैग तथा असमतलता को समाप्त करने की सम्भावना इसका अभिप्राय अनुवार्यत:  यह नही है कि मूल अनुदेर्ध्य सेक्शन की पुन: स्थापना किया जाना हो

ख) प्राक्कलन तैयार करना :-  गहरी छनाई तथा पूर्ण गिट्टी बिछाने के कार्य के लिये प्राक्कलन में उल्लिखित सर्वेक्षण की व्यवस्था भी शामिल होनी चाहिये

ग) प्रारम्भिक कार्य :-

1) अपेक्षित अतिरिक्त गिट्टी, अपेक्षित स्थानों के सामने उतारी / फैलाई जानी चाहिए जब गिट्टी रेलपथ के साथ - साथ एकत्र की जाती है तब इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि नई गिट्टी बिना छानी गिट्टी के साथ न मिल जाए

2) रेल के अंतिम सतह के अनुपात में तल को सही सतह पर लाया जाना चाहिये
3) रेल के अंतिम सतह को इंगित करने के लिये 30 मी. के अंतर पर खूटियो की व्यवस्था की जानी चाहिए
4) वक्रो के रीएलाइन्मेंट का काम पहले कर लेना चाहिए
5) यथा अपेक्षित स्लीपर नवीनीकरण का काम पहले कर लेना चाहिए

घ) छनाई कार्यवाही - सामान्य :-

1) यह कार्य एक पदाधिकारी जो रेलपथ निरीक्षक ग्रेड III से कम ओहदे का न हो, के पर्यवेक्षक में किया जाएगा

2) कार्य निष्पादन प्रत्येक दिन की समय सीमा, लेबर की उपस्थिति को ध्यान में रखकर तथा गिट्टी की मात्रा को ध्यान रखकर पूर्व निर्धारित किया जाना चाहिए

3) प्रत्येक दिन गहरी छनाई करने वाले क्षेत्र को ध्यान में रखकर गति प्रतिबंध लगाने की योजना बनानी चाहिये तथा उसकी सूचना सर्व संबंधितो को दी जानी चाहिये और गति प्रतिबन्ध के बोर्ड लगाने चाहिये

4) दोहरी लाइन पर गहरी छनाई यातायात के विपरीत दिशा से कार्य को आगे बढ़ाना चाहिये

घ) विस्तृत कार्यविधि : - एक दिन के क्षेत्र की गहरी छनाई नीचे लिखी गई कार्यविधि के अनुसार की जानी चाहिये

अवस्था  I :- स्लीपर न. 1 के दोनों तरफ ध्यान 'ए' और 'बी" से  अंतिम फार्मेशन सतह तक गिट्टी हटा देना चाहिए तथा गुजरने वाली रेलगाड़ियो की रेलों को सहारा देने के लिये लकड़ी के गुटके लगाना चाहिये

अवस्था II : - स्लीपर न. 1 के नीचे अंतिम फार्मेशन सतह / उप गिट्टी सतह तक गिट्टी हटा दी जाती है

अवस्था III :- इसके बाद गिट्टी की छनाई की जानि चहिये तथा स्लीपर न. 1 के नीचे उसे बिछाया जां चाहिये जिसे उसके बाद पैक किया जाना चाहिये 

अवस्था IV :- इसके बाद स्थान ' ए' से लकड़ी के गुटके हटा देने चाहिये 

अवस्था V : - स्थान ' सी' से फार्मेशन सतह तक बिछाना चाहिए शेष को रेलपथ से बाहर निकाल दिया जाए और उसकी छनाई की जाए स्थान सी में रेल को लकड़ी के ब्लाको से सहारा दिया जाना चाहिये 

अवस्था VI :- स्लीपर '2' के नीचे से फार्मेशन सतह तक गिट्टी हटाई जाने चाहिये 

अवस्था VII :- छनी  हुई गिट्टी को स्लीपर '2' के नीचे बिछाया जाना चाहिये तथा स्लेपर को अच्छी तरह पैक किया जाये 

अवस्था VIII :- स्थान 'डी' से फार्मेशन सतह के नीचे तक गिट्टी हटायी जानी चाहिये  और छनाई के बाद उसे स्थान 'बी' में स्लीपर की निचली सतह तक बिछाया जाना चाहिये शेष को रेल पथ से बाहर निकाल लिया जाए और छनाई की जाये स्थान 'बी' से लकड़ी के ब्लाको को निकाल लिया जाये तथा स्थान ' डी ' में रेल को सहारा देने के लिये लगा दिया जाये 

अवस्था IX :- स्लीपर '3' के नीचे से गिट्टी हटानी चाहिये और इसी प्रकार आगे किया जाये जब तक कि पूर्ण रेल क्षेत्र में स्लीपर की निचली सतह तक छनी हुई गिट्टी की व्यवस्था न कर दी जाये 

अंतिम अवस्था :- अतिरिक कुशन उपलब्ध कराने के लिये जहाँ अपेक्षित हो, रेल पथ को ऊपर उठाना चाहिये रेलपथ को अंतिम रूप से पैक किया जाना चाहिये और उसके बाद भराई की जाये 

च) कार्य करते समय निम्नलिखित बातो को ध्यान रखा जाये - 

1) रेलपथ के छने हुए क्षेत्रो के बीच कोई गैर छना क्षेत्र नही छोड़ा जाना चाहिए 
2) यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये की जब किसी स्लीपर से गिट्टी हटाई जाए तो हर हाक में इसके और अगले स्लीपर जिस पर काम किया जाना है के बीच पूरि तरह सहारे वाले कम से कम चार स्लीपर हो 
3) एक समय में उठान 50 मिमी. से अधिक नही होना चाहिये 
4) दिन का काम बंद करने से पहले यह सुनिश्चित करना चाहिये कि पैकिंग, क्रास लेवल तथा रनऑफ ग्रेड संतोष जनक है 
5) कार्य को 20 किमी/ घंटा की गति के प्रतिबन्ध के अधीन ही करना चाहिये 
6) गति को धीरे - धीरे बढ़ाना चाहिये जो सेक्शन में अनुरक्षण की किस्म के अनुसार बदलेगी 

छ) गहरी छनाई के कार्य में कार्य अनुसूची तथा गति प्रतिबन्ध का पालन किया जाना चाहिए 

मानव द्वारा पैकिंग के साथ :- 

छनाई कार्यवाही शुरू करने के बाद विभिन्न दिनों के चरणों में किये जाने वाले कार्य का ब्यौरा तथा लगाया जाने वाला संस्तुत गति प्रतिबन्ध नीचे सारणी (I) में दर्शाया गया है



ऊपर अनुसूची के अनुसार सामान्य खंडीय गति 21वे दिन लागू की जा सकती है 

मशीन पैकिंग के साथ :- छनाई कार्यवाही शुरू करने के पश्चात विभिन्न दिनों में चरणों में किये जाने वाले कार्य का ब्यौरा तथा लगाया जाने वाला संस्तुत गति प्रतिबन्ध नीचे सारणी (2) में दर्शायी गयी है इस अनुसूची के अनुसार सामान्य खण्डीय गति 10 वे दिन लागू की जा सकती है



ऊपर अनुसूची में वर्णित अवधि न्यूनतम है तथा इसे रेलपथ स्थिरीकरण की स्थानीय स्थिति के अनुरुप उपयुक्त रूप से बढाया जा सकता है 

बीसीएम द्वारा गहरी छनाई - (शु. प. 122 दि. 11/10)

छनाई प्रक्रिया शुरू होने पर बीसीएम मशीन द्वारा छनाई का कार्य विभिन्न चरणों में कई दिनों में किया जाता है तथा संस्तुत गति प्रतिबन्ध नीचे दी गयी सारिणी के अनुसार लगाये जाते है अनुसूची के अनुसार सामान्य सेक्शनल गति 8वे दिन बहाल की जा सकती है 

बीसीएम मशीन द्वारा गहरी छनाई तथा टैम्पिंग तथा डीटीएस मशीन द्वारा ट्रैक की पैकिंग व स्थिरीकरण के लिये गति प्रतिबन्ध की अनुसूची (बीजी) 


ऊपर अनुसूची में वर्णित अवधि न्यूनतम है इसे रेलपथ स्थिरीकरण की स्थानीय स्थिति के अनुरूप उपयुक्त रूप से बढ़ाया जा सकता है 
बीसीएम मशीन द्वारा गहरी छनाई तथा टैम्पिंग तथा डीटीएस मशीन द्वारा ट्रैक की पैकिंग व स्थिरीकरण के दौरान ली जाने वाली सावधानियां - 

(i) एलडब्ल्यू मैल्नुअल में दी गयी सभी सावधानियां का कड़ाई से पालन करे 

(ii) कटर बार छोड़े जाने वाले स्लीपर तथा 3 संलग्न स्लीपर को सपोर्ट करने के लिये 600 x 300 x 300 मिमी साइज के कठोर साल की लकड़ी के एंड बाउंड ब्लाक की व्यवस्था करनी चाहिये 

(iii) कटर बार छोड़े जाने वाले स्लीपरो की पैकिंग आदमियों द्वारा की जायेगी तथा इन स्लीपरो के नीचे की गिट्टी अपेक्षित ट्राफिक ब्लाक से केवल आधा घंटा पहले ही निकालनी चाहिये कि लकड़ी के गुटके व्यवस्थित तरीके से लगे है 

(iv) कटर बार लोकेशन में कोई फिश प्लेट जोड़ नही आना चाहिये 

(v) लेवल क्रासिंग, गर्डर ब्रिज, कर्व के ट्रांजीशन भाग इत्यादि में रैम्प नही देना चाहिये यह कम से कम दो रेल लम्बाई दूर होना चाहिये 

(vi) एलडब्ल्यू आर में रेल फ्रेक्चर या कट होने पर 20 किमी./घ. का गति प्रतिबन्ध लगाकर जारी रखना चाहिये जब तक कि एलडब्ल्यूआर मेनूअल के पैरा 7.2.3 के अनुसार इसकी मरम्मत न हो जाये 

(vii) टीटीएम मशीन तथा/ या डीटीएस मशीन के ख़राब होने पर गहरी छनाई बंद कर देनी चाहिये तथा जिस ट्रैक की टैम्पिंग तथा स्थिरीकरण नही हुआ हो उसको ट्रेनो की संरक्षा के लिये आदमियों द्वारा बैलास्ट की रेमिंग तथा ज्यामिति को अटेंड करना चाहिये गति प्रतिबन्ध को लगाना तथा हटाना आइआरपीडब्ल्यू के पैरा 238 (2) (जी) (i) या (ii) के अनुसार करना चाहिये 

(viii) बीसीएम मशीन द्वारा गहरी छनाई के बाद के दिनों में यदि ट्राफिक ब्लाक नही मिलता है तो आइआरपीडब्ल्यूएम के पैरा 238 (2) (जी) (i) या (ii) के नुसार गति प्रतिबन्ध को लगाना तथा हटाना चाहिये 
(ix) बीआरएम मशीन के न होने पर मशीन के कार्य के बाद पर्याप्त संख्या में ट्रैकमेंन लगाकर विशेषतया शोल्डर में  बैलास्ट भरकर बैलास्ट प्रोफ़ाइल ठीक करे 

(x) योजनाबध्द उठाई के लिये गिट्टी की आपूर्ति तथा बिछाई की पर्याप्त व्यवस्था करे जहाँ रेल नवीनीकरण किया जाना हो चौकीदार नियुक्त कर विशेष सावधानी बरते 

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